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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं के लिए योगी सरकार ने गो आश्रय केंद्र का निर्माण कराया गया हैं। जहाँ आवारा पशुओं को देखभाल के सफाई कर्मचारी लगाए गए हैं। और गो आश्रय में रहने से लेकर खाने तक कि व्यवस्था की गईं हैं। पशुओं की देखभाल के डॉक्टरों की तैनाती की गई हैं लेकिन बलिया जनपद के और रेवती नगर पंचायत में बना गो आश्रय की व्यवस्था बद से बत्तर हो गई है। साफ़ सफाई ने नाम गन्दगी भरा हैं जरा गौर से देखिए इस गो आश्रय केंद्र पर एक आवारा पशु की मौत हो गई हैं और नगर पंचायत के कर्मचारियों को आवारा पशु की मरने की कोई सूचना तक नही हैं। गो आश्रय में आवारा पशु की मौत हो गई और नगर पंचायत के कर्मचारीयों को जानकारी तक नही। यह नगर पंचायत रेवती का कर्मचारी वसीम अकरम हैं एक कहना है कि इसकी देखरेख कर्मचारी गणेश की हैं इसमे चार कर्मचारियों की नियुक्ति हुई हैं।इस गो आश्रय में लगभग 34 आवारा पशु है तीन साल पहले तीन बछड़ो की मौत हुई थी उसके बाद अभीतक किसी बछड़े की मौत नही हुई हैं। जब पूछा गया कि अभी एक बकछडे कि मौत हो गई हैं तो कहना था कि डॉक्टर को सूचना दी गई है अभी डॉक्टर साहब आ रहे हैं बछड़ा मरा नही हैं। ऐसे में सवाल उठता हैं कि क्या योगी सरकार में ऐसे ही चलेगा गो आश्रय केन्द्र या होगी ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही।

बलिया-जिम्मेदारों की लापरवाही से गौ आश्रय केन्द्र रेवती बदहाली का शिकार_रिपोर्ट-अखिलेश कुमार

उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं के लिए योगी सरकार ने गो आश्रय केंद्र का निर्माण कराया गया हैं। जहाँ आवारा पशुओं को देखभाल के सफाई कर्मचारी लगाए गए हैं। और गो आश्रय में रहने से लेकर खाने तक कि व्यवस्था की गईं हैं। पशुओं की देखभाल के डॉक्टरों की तैनाती की गई हैं लेकिन बलिया जनपद के और रेवती नगर पंचायत में बना गो आश्रय की व्यवस्था बद से बत्तर हो गई है। साफ़ सफाई ने नाम गन्दगी भरा हैं जरा गौर से देखिए इस गो आश्रय केंद्र पर एक आवारा पशु की मौत हो गई हैं और नगर पंचायत के कर्मचारियों को आवारा पशु की मरने की कोई सूचना तक नही हैं। गो आश्रय में आवारा पशु की मौत हो गई और नगर पंचायत के कर्मचारीयों को जानकारी तक नही। यह नगर पंचायत रेवती का कर्मचारी वसीम अकरम हैं एक कहना है कि इसकी देखरेख कर्मचारी गणेश की हैं इसमे चार कर्मचारियों की नियुक्ति हुई हैं।इस गो आश्रय में लगभग 34 आवारा पशु है तीन साल पहले तीन बछड़ो की मौत हुई थी उसके बाद अभीतक किसी बछड़े की मौत नही हुई हैं। जब पूछा गया कि अभी एक बकछडे कि मौत हो गई हैं तो कहना था कि डॉक्टर को सूचना दी गई है अभी डॉक्टर साहब आ रहे हैं बछड़ा मरा नही हैं। ऐसे में सवाल उठता हैं कि क्या योगी सरकार में ऐसे ही चलेगा गो आश्रय केन्द्र या होगी ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही।

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