संतकबीरनगर। अनुष्का फाउंडेशन फॉर एलिमिनेटिंग क्लबफुट ने जिला अस्पताल में बेसिक मेडिकल ट्रेनिंग का आयोजन किया क्लबफुट एक जन्म दोष है जिसमें एक या दोनों पैर अंदर की ओर मुड़े होते हैं, जिससे यह बच्चों में विकलांगता का एक प्रमुख कारण बन जाता है। यह 800 नवजात बच्चों में से 1 के जीवन को प्रभावित करता है। भारत में हर साल 33,000 बच्चे क्लबफुट के साथ पैदा होते हैं। क्लबफुट बेहद दर्दनाक हो सकता है और अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाए, आंशिक रूप से इलाज किया जाए, या यहां तक कि गलत तरीके से इलाज किया जाए तो बच्चे गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं। वे अपने शेष जीवन के लिए उच्च जोखिम में हो सकते हैं। हालाँकि, क्लबफुट का इलाज किया जा सकता है। क्लबफुट को खत्म करने के लिए अनुष्का फाउंडेशन ने क्लबफुट कार्यक्रम को लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार के साथ साझेदारी की। एसबीआई फाउंडेशन के सहयोग से, क्लबफुट से प्रभावित 1000 बच्चों के जीवन को बदलने के लिए उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में 15 ऑपरेशनल क्लबफुट क्लीनिक स्थापित किए गए हैं। इस प्रकार, यह प्रशिक्षण हमारे रोगियों को गुणवत्तापूर्ण क्लबफुट उपचार प्रदान करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्लबफुट को खत्म करने के लिए एसबीआई फाउंडेशन और अनुष्का फाउंडेशन मिलकर इस दृष्टि से काम कर रहे हैं कि क्लबफुट के साथ पैदा होने वाला कोई भी बच्चा विकलांग न हो। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अनिरुद्ध कुमार सिंह ने अनुष्का फाउंडेशन के कार्य हो सराहा और आए हुए मरीजों से हाल चाल लिया। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर ओ0पी0 चर्तुवेदी ने बताया कि आरबीएसके के साथ मिलकर अनुष्का फाउंडेशन अच्छा कार्य कर रही है। जिसमे अनुष्का फाउंडेशन से ब्रांच मैनेजर विशाल सक्सेना, प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव अंजली मौजूद रही।