संतकबीरनगर – “बचपन हर गम से बेगाना होता है”….. हिंदी फिल्म के ये बोल मासूम श्रीजा सिंह कौशिक पर एकदम सटीक बैठती है। खलीलाबाद इंडस्ट्रियल एरिया में मासूम बच्चों के प्री प्राइमरी शिक्षा के लिए स्थापित जिले का एकमात्र स्कूल “कंगारू किड्स प्री प्राइमरी स्कूल” में पढ़ने वाली श्रीजा आज जब केरला के ड्रेस पहन स्कूल में आयोजित केरल के सुप्रसिद्ध पर्व ओणम में प्रतिभाग करने पहुंची तो सभी का ध्यान अपने तरफ आकर्षित किया। स्कूल के स्टॉफ समेत इस आयोजन पर उपस्थित तमाम बच्चो के अभिभावकों का मन मोहने वाली इस प्यारी मासूम को सभी ने लाड़ प्यार और आशीर्वाद देते हुए उसके मासूमियत को जहां सराहा वहीं उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए उसे आशीर्वाद दिया।
कौन है मासूम श्रीजा?
बीते दिनों रानी लक्ष्मी बाई के परिधान में नजर आई श्रीजा सिंह कौशिक का उम्र महज साढ़े 4 साल का है, इस उम्र में बच्चे जहां घर पर रहते हैं वही ये पिछले साल से ही स्कूल जाने की जब जिद करने लगी तब उसके अभिभावकों ने उसका नाम प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान कंगारू किड्स में उसका नाम लिखवाया। बौद्धिक क्षमता की धनी इस मासूम के पिता श्री नारायण सिंह कौशिक एक मशहूर उद्योगपति होने के साथ एक चर्चित सोशल वर्कर है। वैश्विक कोविड काल के दौरान उनकी जन सेवा की भावना को सभी ने देखा और उनकी सेवा को सराहा भी। विषम परिस्थितियों के बाबजूद खुद को उद्योग जगत में स्थापित करने वाले श्री नारायण सिंह कौशिक एक मृदुभाषी व्यक्ति के साथ अनुशासन के पक्के व्यक्ति है जिनकी यही छवि उनकी लाडली श्रीजा सिंह में भी दिखा। कंगारू किड्स स्कूल में मनाए गए ओणम पर्व पर केरला के प्रसिद्ध परिधान पहन पहुंची श्रीजा ने कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के पहले जिस तरह अपने गुरुओं का पैर छूकर उन्हे प्रणाम किया उसे देख यही कहा जा सकता है कि श्रीजा के संस्कार उसके माता पिता की ही देन है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्रीजा ने बिखेरा जलवा
प्रभादेवी शिक्षण संस्थान की शाखा कंगारू किड्स प्री प्राइमरी इंटरनेशनल स्कूल इंडस्ट्रियल एरिया खलीलाबाद में नर्सरी एलकेजी तथा यूकेजी के बच्चों के द्वारा केरल का प्रसिद्ध पर्व ओणम को विद्यालय कैंपस में बड़े ही धूमधाम से मनाया। कार्यक्रम का उद्देश्य दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एवं लोकव्यवस्था से बच्चों को परिचित कराना था।
इस कार्यक्रम में श्रीजा समेत तमाम बच्चों ने दक्षिण भारतीय परिधान में सज धज कर दक्षिण भारतीय नृत्य कला की मनमोहक प्रस्तुति पेश की। कार्यक्रम के दौरान श्रीजा की प्रस्तुति देख लोगों ने जमकर ताली बजाई और उसका उत्साहवर्धन किया।
इसके अलावा श्रीजा के साथ अन्य प्रतिभागी बच्चों ने मलयालम गानों पर भी प्रस्तुति दी। इसके साथ ही सभी प्रतिभागी बच्चों ने श्रीजा के साथ केरल के परंपरानुसार केले के पत्ते पर खाना खाया।