वीआईपी फैमली के द्वारा रंग अबीर, मिठाई और नकदी पाकर खिल उठे जरूरतमंदो के चेहरे…..
एक तरफ होली पर सभी लोग उत्साह उमंग से एक दूसरे को रंग लगाते हैं वहीं दूसरी तरह एक तबका ऐसा भी है जो इन खुशियों से दूर रह जाता है। ऐसे में उत्तरप्रदेश के संतकबीरनगर जिले के रहने वाले तथा वीआईपी फैमली माने गए चतुर्वेदी बंधुओं ने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े जरूरतमंदों के साथ त्योहार की खुशियों को साझा करने हुए उनमें न सिर्फ रंग अबीर, मिठाई और नकदी बांटी बल्कि उनके साथ होली भी खेली। वर्ष भर के सभी प्रमुख त्योहारों में गरीबों और जरूरतमंदो के बीच त्योहारों की खुशियों को साझा करने वाले इस वीआईपी फैमली के अगुआ सूर्या ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी और उनके अनुज तथा SR समूह के सीईओ राकेश चतुर्वेदी ने परिवार के साथ गरीब तबके के बच्चों को जहां रंग अबीर, गुलाल, पिचकारी व मिठाई देकर उनके इस त्योहार को उत्साह और उमंग से भर दिया वहीं पुरुषों तथा महिलाओं में साड़ी कुर्ता पायजामा आदि के वितरण के साथ उन्हे मिठाईयां बांट उनके चेहरों पर मुस्कान विखरेने की कोशिश की।
आपको बता दें कि वीआईपी फैमली ने हर साल की तरह इस साल भी होली का पर्व अपने पैतृक गांव भिठहां में मनाया। होली के शुभ दिन की शुरुवात करते हुए सूर्या ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी ने जहां परिवार के साथ ईश्वर की पूजा अर्चना की वहीं घर की मुखिया यानी अपनी मां श्रीमती चंद्रावती देवी का आशीर्वाद लेते हुए होली खेलने की शुरुवात की। होली के इस दिन जहां चतुर्वेदी बंधुओं को बधाई देने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे, सत्ता के गलियों से जुड़े दिग्गजों के अलावा समाजसेवा कार्य में जुटे तमाम समाज सेवियों और शिक्षा जगत से जुड़ी हस्तियों का जमावड़ा भी भिठहां में देखने को मिला, सभी ने एक दूसरे को रंग अबीर लगाकर डॉक्टर उदय प्रताप चतुर्वेदी और राकेश चतुर्वेदी को होली की बधाई दी।
इस दौरान डॉक्टर उदय प्रताप चतुर्वेदी ने सभी को होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि होली भारत की सनातन परम्परा का प्रमुख पर्व है, सामाजिक समता, सौहार्द एवं उल्लास के प्रतीक का होली पर्व सम्पूर्ण समाज एवं क्षेत्रवासियों के लिए मंगलमय हो। पर्व एवं त्योहारों की लम्बी श्रृंखला, भारत की प्राचीन गौरवशाली परम्परा का उदाहरण है. सनातन परम्परा में पर्व एवं त्योहार हर्षोल्लास एवं राष्ट्रीयता को दृढ़ता प्रदान करने का प्रेरणास्पद क्षण भी है। समाज और राष्ट्र में परिवर्तन की महत्वपूर्ण घटनाओं को हमारी परम्परा ने पर्व एवं त्योहारों के रूप में धार्मिक मान्यता देकर अगली पीढ़ी को प्रेरणा एवं प्रकाश का आधार प्रदान किया है, होली का पर्व हमें अधर्म, असत्य एवं अन्याय जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियों से लड़ने की प्रेरणा देता है।