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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   बोलीं- "देश व प्रदेश के पूज्य संत समाज, देवस्थानों व पत्रकारों के हितों के लिये जो करना चाहती हूं, उसके लिए सक्रिय राजनीति में आना जरूरी है।" हरियाणा की वह तेज़तर्रार पत्रकार जो सन्त समाज,धार्मिक स्थलों के उत्थान व पत्रकार हितों के लिये अपनी हर बात को कॉन्फिडेंस के साथ कहती हैं। चाहे सरकार के खिलाफ ही क्यों न कुछ बोलना हो, वह अपनी बात रखने से गुरेज नहीं करतीं। डॉ बंसल के धाकड़ अंदाज को देखते हुए अक्सर उनके राजनीति में जाने के कयास लगाए गए हैं। अब डॉ बंसल ने खुलासा किया है कि वह पॉलिटिकल लाइन पकड़ेंगी या नहीं। राजनीति में आने की बात को लेकर डॉ बंसल ने कहा कि मैं पत्रकारिता व धर्म से जुड़े मुद्दों को लेकर हमेशा राजनीतिक दलों के सामने आवाज उठती रही हूँ। उन्होंने कहा, ''मैं अपने देश व प्रदेश के पत्रकारों व धर्म स्थलों के लिए जो करना चाहती हूं, उसे करने के लिए मुझे जगह नहीं मिलती। लेकिन, अगर मैं राजनीति में आना चाहूं, तो शायद मुझे लगता है कि यही सही समय है।" 'मुझे बहुत साथ व विश्वास मिला है' डॉ बंसल ने कहा, ''इस देश व प्रदेश के पत्रकारों व संत समाज ने हमेशा मेरा साथ दिया है, जिस कारण मुझे लगता है कि उन सभी पत्रकार साथियों व सन्त समाज के हितों के लिए मैं कुछ अच्छा कर सकूं। मैं हमेशा से धर्मिक व राष्ट्रवादी रही हूं। इस इमेज ने मेरे शानदार पत्रकारिता करियर पर भी कब्जा कर लिया है। मुझे इस बात का एहसास है कि पत्रकरिता में मुझे बहुत मान-सम्मान मिला है और पत्रकारो व सन्त समाज द्वारा मेरी सराहना भी की जाती रही है। मैं अपने सभी पत्रकार साथियों व संत समाज के विचार विमर्श व विस्वास के साथ उसी राजनीतिक दल में शामिल हो सकती हूं जो मुझे उचित मान - सम्मान के साथ - साथ मेरे पत्रकार साथियों व संत समाज के लिये मुझे कुछ अच्छा करने का अवसर दे!''

“क्या राजनीति में शामिल होने के लिए तैयार हैं वरिष्ठ पत्रकार डॉ. इन्दु बंसल?

 

बोलीं- “देश व प्रदेश के पूज्य संत समाज, देवस्थानों व पत्रकारों के हितों के लिये जो करना चाहती हूं, उसके लिए सक्रिय राजनीति में आना जरूरी है।”
हरियाणा की वह तेज़तर्रार पत्रकार जो सन्त समाज,धार्मिक स्थलों के उत्थान व पत्रकार हितों के लिये अपनी हर बात को कॉन्फिडेंस के साथ कहती हैं। चाहे सरकार के खिलाफ ही क्यों न कुछ बोलना हो, वह अपनी बात रखने से गुरेज नहीं करतीं। डॉ बंसल के धाकड़ अंदाज को देखते हुए अक्सर उनके राजनीति में जाने के कयास लगाए गए हैं। अब डॉ बंसल ने खुलासा किया है कि वह पॉलिटिकल लाइन पकड़ेंगी या नहीं।

    • हरियाणा की वरिष्ठ पत्रकार हैं डॉ. इन्दु बंसल
    • कई राजनीतिक दलों से मिल रहे हैं शामिल होने के ऑफर
  • -संत समाज,देवस्थानों के उत्थान व पत्रकार हितों की लड़ाई को लेकर हमेशा सुर्खियों में रही हैं डॉ. बंसल, नई दिल्ली/चंडीगढ़(ब्यूरो) भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ की राष्ट्रीय प्रवक्ता व श्रमजीवी पत्रकार संघ हरियाणा की संस्थापक/अध्यक्ष एवं देश भर के संत समाज व हजारों देवस्थानों को राष्ट्रीय टीवी चैंनलों के माध्यम से विश्वपटल पर लाने वाली वरिष्ठ पत्रकार डॉ इन्दु बंसल धर्म स्थलों के उत्थान व पत्रकारों के हितों के किसी भी मुद्दे पर अपनी बात रखने से पीछे नहीं हटतीं। वह अक्सर अपने बेबाक बयानों की वजह से चर्चा में रहती हैं, जिसकी वजह से वह कई बार कंट्रोवर्सी में भी फंस जाती हैं। मगर बिना डरे डॉ बंसल अपनी हर बात को जनता के सामने रखती हैं।
    डॉ बंसल के इसी बेबाक अंदाज की वजह से अक्सर इस बात के कयास लगाए गए हैं कि वह राजनीति में एंट्री ले सकती हैं। वह सच में ऐसा करेंगी या नहीं, इस पर आखिरकार उन्होंने चुप्पी तोड़ दी है।
    क्या राजनीति में एंट्री करेंगी डॉ इन्दु बंसल ?
    ‘वरिष्ठ पत्रकार डॉ बंसल धर्म स्थलों के उत्थान व पत्रकार हितों के लिये बडी से बडी राजनीतिक हस्तियों तक को सचेत करने से गुरेज नहीं करतीं। विस्वसनीय सूत्रों के अनुसार पता चला है कि डॉ बंसल ने अभी क्लियर नही किया है कि वह किस राजनीतिक दल को ज्वाइन करना चाहेंगी।

राजनीति में आने की बात को लेकर डॉ बंसल ने कहा कि मैं पत्रकारिता व धर्म से जुड़े मुद्दों को लेकर हमेशा राजनीतिक दलों के सामने आवाज उठती रही हूँ। उन्होंने कहा, ”मैं अपने देश व प्रदेश के पत्रकारों व धर्म स्थलों के लिए जो करना चाहती हूं, उसे करने के लिए मुझे जगह नहीं मिलती। लेकिन, अगर मैं राजनीति में आना चाहूं, तो शायद मुझे लगता है कि यही सही समय है।”

‘मुझे बहुत साथ व विश्वास मिला है’
डॉ बंसल ने कहा, ”इस देश व प्रदेश के पत्रकारों व संत समाज ने हमेशा मेरा साथ दिया है, जिस कारण मुझे लगता है कि उन सभी पत्रकार साथियों व सन्त समाज के हितों के लिए मैं कुछ अच्छा कर सकूं। मैं हमेशा से धर्मिक व राष्ट्रवादी रही हूं। इस इमेज ने मेरे शानदार पत्रकारिता करियर पर भी कब्जा कर लिया है। मुझे इस बात का एहसास है कि पत्रकरिता में मुझे बहुत मान-सम्मान मिला है और पत्रकारो व सन्त समाज द्वारा मेरी सराहना भी की जाती रही है। मैं अपने सभी पत्रकार साथियों व संत समाज के विचार विमर्श व विस्वास के साथ उसी राजनीतिक दल में शामिल हो सकती हूं जो मुझे उचित मान – सम्मान के साथ – साथ मेरे पत्रकार साथियों व संत समाज के लिये मुझे कुछ अच्छा करने का अवसर दे!”

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