सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है     झांसी की अग्रणी समाजसेवी संस्था प्रगतिरथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर भी काम कर रही है, जिसके लिए संस्था "रोजगार जंक्शन" नामक एक कार्यक्रम भी चला रही है। संस्था लगातार गरीब बस्तियों में जाकर राशन तो वितरित कर ही रही है लेकिन जहां कोई व्यक्ति किसी रोजगार के लिए आर्थिक मदद भी मांगता है तो संस्था पीछे नहीं हटती अपने सामर्थ्य के हिसाब से आर्थिक मदद करती है। आईटीआई के पास स्थित झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाली चंद्रा नाम की एक आदिवासी महिला प्रगतिरथ संस्था के सम्पर्क में आयीं चन्द्रा ने बताया कोविड लाॅकडाउन के चलते उसका पूरा परिवार बेरोजगार हो गया है आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय है चंद्रा के पति अस्थमा के मरीज हैं और कोई भी काम नहीं कर पाते। आज संस्था की सचिव डॉ संध्या चौहान के साथ प्रगतिरथ की टीम आईटीआई स्थित झुग्गी झोपड़ियों में पहुंची और पीड़ित परिवार को राशन सामग्री वितरित की साथ ही उन्हें रोजगार स्थापित करने के लिए आर्थिक मदद भी की। चंद्रा चाहती हैं एक खिलौनों की दुकान खोल ले जिससे उन्हें रोजगार मिल सके संस्था की टीम द्वारा चंद्रा को रोजगार खोलने के लिए आर्थिक मदद तो की ही गई साथ ही उन्हें सामान लाने के लिए आने जाने का किराया भी दिया गया आर्थिक मदद मिलने पर चंद्रा भावुक हो उठी और उन्हें संस्था की टीम को नम आंखों से आशीर्वाद भी दिया।       PUBLISH BY-MOHD ADNAN DURRANI

झाँसी-प्रगतिरथ ने रोजगार ( आत्मनिर्भर ) बनने के लिए की आर्थिक मदद_रिपोर्ट-विवेक राजपूत 

 

 

झांसी की अग्रणी समाजसेवी संस्था प्रगतिरथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर भी काम कर रही है, जिसके लिए संस्था “रोजगार जंक्शन” नामक एक कार्यक्रम भी चला रही है। संस्था लगातार गरीब बस्तियों में जाकर राशन तो वितरित कर ही रही है लेकिन जहां कोई व्यक्ति किसी रोजगार के लिए आर्थिक मदद भी मांगता है तो संस्था पीछे नहीं हटती अपने सामर्थ्य के हिसाब से आर्थिक मदद करती है। आईटीआई के पास स्थित झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाली चंद्रा नाम की एक आदिवासी महिला प्रगतिरथ संस्था के सम्पर्क में आयीं चन्द्रा ने बताया कोविड लाॅकडाउन के चलते उसका पूरा परिवार बेरोजगार हो गया है आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय है चंद्रा के पति अस्थमा के मरीज हैं और कोई भी काम नहीं कर पाते। आज संस्था की सचिव डॉ संध्या चौहान के साथ प्रगतिरथ की टीम आईटीआई स्थित झुग्गी झोपड़ियों में पहुंची और पीड़ित परिवार को राशन सामग्री वितरित की साथ ही उन्हें रोजगार स्थापित करने के लिए आर्थिक मदद भी की। चंद्रा चाहती हैं एक खिलौनों की दुकान खोल ले जिससे उन्हें रोजगार मिल सके संस्था की टीम द्वारा चंद्रा को रोजगार खोलने के लिए आर्थिक मदद तो की ही गई साथ ही उन्हें सामान लाने के लिए आने जाने का किराया भी दिया गया आर्थिक मदद मिलने पर चंद्रा भावुक हो उठी और उन्हें संस्था की टीम को नम आंखों से आशीर्वाद भी दिया।

 

 

 

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