28 अक्तूबर को जिला मुख्यालय पर धरना
शिक्षकों की वर्षों से नही हुई प्रोन्नति।
संतकबीरनगर: प्रदेश सरकार से कर्मचारी व शिक्षक नाराज हैं।सरकार शिक्षकों के प्रति संवेदनशून्य है। सरकार कर्मचारियों व शिक्षकों की वर्षों से लंबित मांगों पर ज़रा भी गौर नहीं कर रही है। प्राथमिक शिक्षक संघ की जिला अध्यक्ष अंबिका देवी यादव ने जूनियर हाई स्कूल खलीलाबाद में हुई जिला कार्यसमिति की बैठक में कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के कर्मचारियों, शिक्षकों के हितों पर कुठाराघात किया गया है।उन्होंने कहा कि तमाम आंदोलनों के बाद भी सरकार कर्मचारी व शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण के प्रति संवेदनशून्य बनी हुई है ।सरकार ने कर्मचारियों, शिक्षकों के हित में कोई भी कार्य नहीं किया है। बल्कि कर्मचारी व शिक्षक जो वेतन भत्ते प्राप्त कर रहे थे वह भी छीन लिए गए हैं।
जिला उपाध्यक्ष जफीर अली करखी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के शिक्षकों, कर्मचारियों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, विशेष शिक्षकों, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकत्री/ सहायिका, रसोइयों एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों की मांगों के निराकरण हेतु प्रदेश के 100 से अधिक संगठनों द्वारा मिलकर बनाए गए संगठन “कर्मचारी शिक्षक अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच उत्तर प्रदेश” के अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा के नेतृत्व में आंदोलनरत हैं।मंच के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर आगामी 28 अक्तूबर को पुरानी पेंशन सहित लंबित मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर शिक्षक कर्मचारी धरना प्रदर्शन करेंगे।
जिला मंत्री ओम प्रकाश यादव ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों, शिक्षकों के हित में कोई भी कार्य नहीं किया है। बल्कि कर्मचारियों व शिक्षक जो वेतन भत्ते प्राप्त कर रहे थे वह भी छीन लिए गए हैं। उन्होंने अपनी विभिन्न मांगों में पहली मांग को दोहराते हुए कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री जी ने सांसद रहते हुए पुरानी पेंशन बहाली हेतु तत्कालीन प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पुरानी पेंशन बहाली का समर्थन किया था। आज जब योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री हैं तो वह अपनी पुरानी पेंशन बहाली के वादे को भूल गए हैं। प्रदेश में 1 दिन शपथ लेकर काम करने वाले विधायक एवं सांसद पेंशन पाने के हकदार हो जाते है।परंतु 60 या 62 वर्ष की आयु तक काम करने वाले कर्मचारी/शिक्षक के बुढ़ापे का सहारा पुरानी पेंशन छीन ली गई है। जिसकी बहाली के प्रति सरकार संवेदनशून्य बनी हुई है।
जिला कोषाध्यक्ष के सी सिंह ने कहा प्रदेश के कर्मचारियों, शिक्षकों के 18 महीने के महंगाई भत्ते का लगभग 10 हजार करोड़ का भुगतान सरकार द्वारा रोका गया है।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में 1.25 लाख प्रधानाध्यापकों के पद समाप्त कर दिए गए हैं । वर्तमान सरकार के कार्यकाल में एक भी शिक्षक को पदोन्नति नहीं मिली है। संसाधनों के बिना शिक्षा का अधिकार अधिनियम के विपरीत शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य करने हेतु मजबूर किया जा रहा है।
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों की सेवा सुरक्षा की गारंटी वर्ष 2017 में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वयं ली थी। लेकिन आज प्रदेश में 40 हजार वेतन पाने वाला शिक्षामित्र 10 हजार पर लाकर खड़ा कर दिया गया है।
विजयनाथे ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों के एक दर्जन भत्ते समाप्त कर दिए गए हैं।
प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के अनुदेशकों को 17 हजार का मानदेय मिलना चाहिए जो आज 7 हजार दिया जा रहा है।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के 2 हजार से अधिक शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया है।
प्रदेश के वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों का मानदेय छीन लिया गया है।
आंगनवाड़ी कार्यकत्री, सहायिका एवं परिषदीय विद्यालय में कार्यरत रसोइयों को न्यूनतम मजदूरी के बराबर भी वेतन नहीं दिया जा रहा है।
ब्लॉक स्तर पर धरना की तैयारी में जुटे सेमरियावां ब्लॉक अध्यक्ष मो आजम,नाथनगर ब्लॉक अध्यक्ष अरुण कुमार यादव, पौली ब्लॉक अध्यक्ष उदय प्रताप ने कहा कि प्रदेश का कर्मचारी, शिक्षक एकजुट हो चुका है। पांच अक्टूबर की सफल बाइक रैली के बाद आगामी 28 अक्टूबर 2021जनपद मुख्यालय पर धरना देगा। तथा *30 नवंबर 2021 को लखनऊ में महारैली होगी। शिक्षक नेताओं ने सरकार से पुरानी पेंशन बहाली के साथ कर्मचारियों और शिक्षकों की लंबित समस्याओं के निराकरण निराकरण की मांग की है।
बैठक में ब्लॉक अध्यक्ष मंत्री कोषाध्यक्ष को जिम्मेदारी सौंपी गई।इस बैठक में बीरेंद्र प्रताप,धर्मपाल राव,राम सुरेश चौधरी,ओम प्रकाश,राम निवास,संत योगेश्वर,अभिनव प्रताप सिंह,भानुप्रताप सिंह,अजय सिंह,राम करन,जनार्दन चौधरी,मुबारक अली,विपिन,मनीराम,राम
सजीवन चौधरी आदि मौजूद रहे।
PUBLISH BY MOHD ADNAN DURRANI