संतकबीरनगर जिले के नेत्र चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ केपी सिंह ने सभी से अपील की है कि रंगों के महापर्व होली को सावधानी पूर्वक मनाएं। उन्होंने कहा कि होली के त्योहार पर थोड़ी सी सावधानी से अपनी आखों को बचा सकते हैं। प्राकृतिक रंगों के साथ होली खेलें, केमिकल मिश्रित रंग आंखों के साथ ही त्वचा के लिए भी बहुत खतरनाक होते हैं। आवश्यकता इस बात की है कि टॉक्सिंग रंगों से होली खेलने की अपेक्षा हर्बल रंगों से होली खेलने की कोशिश करें, ताकि आखें और त्वचा दोनों ही सुरक्षित रहें। उन्होने कहा कि सबसे पहले तो इस बात का ख्याल रखने की जरूरत है कि आस-पास के लोग अचानक से या झटके से आप पर रंग ना फेंक दें। इस दौरान रंग काफी तेजी से आखों में पड़कर संवेदनशील आंख को नुकसान पहुंचा सकता है। बेहतर यही होगा कि आंखों में चश्मा लगाकर रखें। ये आंखों को पूरी तरह से ढक लेगा और बेखौफ होकर रंगों से खेलने का मजा ले सकेंगे। आंखों के इर्द-गिर्द नारियल के तेल की मालिश कर सकते है । इससे आसानी से रंग आंखों में नहीं घुसेगा और अपनी आंखों का बचाव कर पाएंगे।रंगों में केमिकल का मिश्रण ज्यादा पाया जाता है। उन रंगों का प्रयोग करने से आंख में एलर्जी, इन्फेक्शन एवं अल्सर हो सकता है । रंगों के आंखों में जाने का खतरा रहता है। रंग गिरते ही तत्काल आंखों को पानी से धोना चाहिए । रंग लगाने के दौरान चोट से बचना बहुत जरूरी है । हर्बल रंगों के प्रयोग से आंख सुरक्षित रह सकती है। आंख में इंफेक्शन होने पर तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह जरूर लें।