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कैंसर से भी ज्यादा खतरनाक है आप्लास्टिक एनीमिया रहे सावधान:डॉ भास्कर शर्मा_रिपोर्ट :मनोज शुक्ला - Satyamev Times Media Network.
Countdown To Mothers Day
सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है       सिद्धार्थनगर।आप्लास्टिक एनीमिया के बारे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड सहित सैकड़ों विश्व रिकॉर्ड धारी तथा सैकड़ों पुस्तकों के लेखक सिद्धार्थनगर के विश्व प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्मा से खास बातचीत   प्रश्न -अप्लास्टिक एनीमिया क्या है उत्तर -अप्लास्टिक एनीमिया एक दुर्लभ और गंभीर स्थिति है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है। इस अवस्था में आपका बोन मैरो नए ब्लड सेल्स का निर्माण नहीं कर पाता है। इसे मायेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम भी कहा जाता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को थकान अधिक महसूस होती है, संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और अनियंत्रित रक्तस्राव होता है। अप्लास्टिक एनीमिया खून की कमी से जुड़ी बीमारी है जिसमें शरीर में रक्त कोशिकाओं का निर्माण कम हो जाता है। इस रोग के लक्षण एकाएक सामने नहीं आते हैं लेकिन अगर इस रोग को अधिक समय तक इग्‍नोर किया जाए तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं और व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। प्रश्न -अप्लास्टिक एनीमिया कितने प्रकार के पाए जाते हैं? उत्तर -पहला वंशानुगत अप्लास्टिक एनीमिया एक यादृच्छिक जीन उत्परिवर्तन के कारण होता है। यह बच्चों और छोटे वयस्कों में सबसे आम है। दूसरा एक्वायर्ड अप्लास्टिक एनीमिया एक प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्या के कारण होता है। यह वृद्ध वयस्कों में सबसे आम है, लेकिन युवा वयस्कों में हो सकता है। प्रश्न -अप्लास्टिक एनीमिया का खतरा किन-किन लोगों को हो सकता है? उत्तर -अप्लास्टिक एनीमिया किसी भी लिंग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।अप्लास्टिक एनीमिया किसी भी उम्र और लिंग को हो सकता है। लेकिन सबसे ज्यादा इस रोग का खतरा टीनेज और 20 वर्ष की उम्र में अधिक बना रहता है। बता दें,  पुरुषों और महिलाओं में इसका खतरा समान ही बना रहता हैl 
  1. प्रश्न -अप्लास्टिक एनीमिया होने का क्या कारण है? उत्तर -अप्लास्टिक एनीमिया रोग हड्डियों में मौजूद बोन मैरो के अंदर पाई जाने वाली स्टेम सेल को नुकसान पहुंचने की वजह से होता है। बोन मैरो,में मौजूद स्टेम सेल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करती हैं, इनके क्षतिग्रस्त होने पर शरीर में लाल और सफ़ेद रक्त कोशिका व प्लेटलेट्स का निर्माण नही हो पाता। अप्लास्टिक एनीमिया रोग के प्रमुख कारण मैं कीमोथेरेपी,कुछ खास दवाओं का अधिक उपयोग,ऑटोइम्यून संबंधी समस्या,वायरल इन्फेक्शन,प्रेगनेंसी ,बेंजीन जैसे रसायनों की वजह से,नॉनवायरल हेपेटाइटिस आदि हैंl प्रश्न -अप्लास्टिक एनीमिया के लक्षण क्या हैं? उत्तर -रक्त की मात्रा कम होती है,थकान,धड़कन का अचानक बढ़ जाना,त्वचा का पीला पड़ना,लंबे समय तक इन्फेक्शन का रहना,नाक और मसूड़ों से खून आना,किसी भी चोट की जगह पर लंबे समय तक खून का बहना,शरीर पर लाल रंग के चकत्तों का पड़ना,सिर चकराना,सरदर्द,बुखार,छाती में दर्द आसानी से खून बहना / चोट लगना, अत्यधिक मासिक धर्म रक्तस्राव,डिस्पेनिया (सांस की तकलीफ),बार-बार संक्रमण। अप्लास्टिक एनीमिया के लक्षण लोगों को अलग तरह से प्रभावित कर सकते हैं। वे धीरे-धीरे या अचानक आ सकते हैं। कुछ लोगों में हल्के लक्षण हो सकते हैं। दूसरों में ऐसे लक्षण हो सकते हैं जो गंभीर अप्लास्टिक एनीमिया का संकेत देते हैं।  प्रश्न -अप्लास्टिक एनीमिया उपचार में कौन से परीक्षणों का प्रयोग किया जाता है? उत्तर -आपके प्लेटलेट, लाल रक्त कोशिका और सफेद रक्त कोशिका के स्तर को मापने के लिए रक्त परीक्षण ।आपके अस्थि मज्जा का एक नमूना निकालने के लिए अस्थि मज्जा बायोप्सी और एक माइक्रोस्कोप के तहत इसका मूल्यांकन करें। प्रश्न -अप्लास्टिक एनीमिया होने पर देखभाल कैसे किया जाए? उत्तर -यदि आपको अप्लास्टिक एनीमिया है, तो फुटबॉल, हॉकी या कुश्ती जैसे खेलों में चोट लगने का खतरा होता है। चूंकि अप्लास्टिक एनीमिया में अनियंत्रित रक्तस्राव का खतरा होता है, इसलिए आपको संपर्क खेलों से बचने की आवश्यकता हो सकती है जहां आप घायल हो सकते हैं।अपने आप को वायरस और कीटाणुओं से बचाएंl प्रश्न- आप्लास्टिक एनीमिया के रोगी को क्या खाना चाहिए ? उत्तर - जौ, गेहूं, मकई, चना,मूंग, मसूर, सोयाबीन, चना,  अमरुद, कीवी, स्ट्रॉबरी, अंगूर, पपीता, सेब, अनार, केला, नाशपाती, अनानास, चकोतरा, सूखी खुबानी, सूखा नारियल, आदि का सेवन करना चाहिएl
सब्जियां: करेला, लौकी, तोरी, परवल पालक, कद्दू, चकुंदर और मौसमी सब्जियाँ टमाटर, बीन्स, मटर, गाजर, ब्रोकॉली, पत्तागोभी आदि

कैंसर से भी ज्यादा खतरनाक है आप्लास्टिक एनीमिया रहे सावधान:डॉ भास्कर शर्मा_रिपोर्ट :मनोज शुक्ला

 

 

 

सिद्धार्थनगर।आप्लास्टिक एनीमिया के बारे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड सहित सैकड़ों विश्व रिकॉर्ड धारी तथा सैकड़ों पुस्तकों के लेखक सिद्धार्थनगर के विश्व प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्मा से खास बातचीत

 

प्रश्न -अप्लास्टिक एनीमिया क्या है
उत्तर -अप्लास्टिक एनीमिया एक दुर्लभ और गंभीर स्थिति है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है। इस अवस्था में आपका बोन मैरो नए ब्लड सेल्स का निर्माण नहीं कर पाता है। इसे मायेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम भी कहा जाता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को थकान अधिक महसूस होती है, संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और अनियंत्रित रक्तस्राव होता है। अप्लास्टिक एनीमिया खून की कमी से जुड़ी बीमारी है जिसमें शरीर में रक्त कोशिकाओं का निर्माण कम हो जाता है। इस रोग के लक्षण एकाएक सामने नहीं आते हैं लेकिन अगर इस रोग को अधिक समय तक इग्‍नोर किया जाए तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं और व्यक्ति की मौत तक हो सकती है।

प्रश्न -अप्लास्टिक एनीमिया कितने प्रकार के पाए जाते हैं?
उत्तर -पहला वंशानुगत अप्लास्टिक एनीमिया एक यादृच्छिक जीन उत्परिवर्तन के कारण होता है। यह बच्चों और छोटे वयस्कों में सबसे आम है। दूसरा एक्वायर्ड अप्लास्टिक एनीमिया एक प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्या के कारण होता है। यह वृद्ध वयस्कों में सबसे आम है, लेकिन युवा वयस्कों में हो सकता है।

प्रश्न -अप्लास्टिक एनीमिया का खतरा किन-किन लोगों को हो सकता है?

उत्तर -अप्लास्टिक एनीमिया किसी भी लिंग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।अप्लास्टिक एनीमिया किसी भी उम्र और लिंग को हो सकता है। लेकिन सबसे ज्यादा इस रोग का खतरा टीनेज और 20 वर्ष की उम्र में अधिक बना रहता है। बता दें,  पुरुषों और महिलाओं में इसका खतरा समान ही बना रहता हैl 

  1. प्रश्न -अप्लास्टिक एनीमिया होने का क्या कारण है?
    उत्तर -अप्लास्टिक एनीमिया रोग हड्डियों में मौजूद बोन मैरो के अंदर पाई जाने वाली स्टेम सेल को नुकसान पहुंचने की वजह से होता है। बोन मैरो,में मौजूद स्टेम सेल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करती हैं, इनके क्षतिग्रस्त होने पर शरीर में लाल और सफ़ेद रक्त कोशिका व प्लेटलेट्स का निर्माण नही हो पाता। अप्लास्टिक एनीमिया रोग के प्रमुख कारण मैं कीमोथेरेपी,कुछ खास दवाओं का अधिक उपयोग,ऑटोइम्यून संबंधी समस्या,वायरल इन्फेक्शन,प्रेगनेंसी
    ,बेंजीन जैसे रसायनों की वजह से,नॉनवायरल हेपेटाइटिस आदि हैंl
    प्रश्न -अप्लास्टिक एनीमिया के लक्षण क्या हैं?
    उत्तर -रक्त की मात्रा कम होती है,थकान,धड़कन का अचानक बढ़ जाना,त्वचा का पीला पड़ना,लंबे समय तक इन्फेक्शन का रहना,नाक और मसूड़ों से खून आना,किसी भी चोट की जगह पर लंबे समय तक खून का बहना,शरीर पर लाल रंग के चकत्तों का पड़ना,सिर चकराना,सरदर्द,बुखार,छाती में दर्द
    आसानी से खून बहना / चोट लगना, अत्यधिक मासिक धर्म रक्तस्राव,डिस्पेनिया (सांस की तकलीफ),बार-बार संक्रमण।
    अप्लास्टिक एनीमिया के लक्षण लोगों को अलग तरह से प्रभावित कर सकते हैं। वे धीरे-धीरे या अचानक आ सकते हैं। कुछ लोगों में हल्के लक्षण हो सकते हैं। दूसरों में ऐसे लक्षण हो सकते हैं जो गंभीर अप्लास्टिक एनीमिया का संकेत देते हैं। 
    प्रश्न -अप्लास्टिक एनीमिया उपचार में कौन से परीक्षणों का प्रयोग किया जाता है?
    उत्तर -आपके प्लेटलेट, लाल रक्त कोशिका और सफेद रक्त कोशिका के स्तर को मापने के लिए रक्त परीक्षण ।आपके अस्थि मज्जा का एक नमूना निकालने के लिए अस्थि मज्जा बायोप्सी और एक माइक्रोस्कोप के तहत इसका मूल्यांकन करें।
    प्रश्न -अप्लास्टिक एनीमिया होने पर देखभाल कैसे किया जाए?
    उत्तर -यदि आपको अप्लास्टिक एनीमिया है, तो फुटबॉल, हॉकी या कुश्ती जैसे खेलों में चोट लगने का खतरा होता है। चूंकि अप्लास्टिक एनीमिया में अनियंत्रित रक्तस्राव का खतरा होता है, इसलिए आपको संपर्क खेलों से बचने की आवश्यकता हो सकती है जहां आप घायल हो सकते हैं।अपने आप को वायरस और कीटाणुओं से बचाएंl
    प्रश्न- आप्लास्टिक एनीमिया के रोगी को क्या खाना चाहिए ?
    उत्तर – जौ, गेहूं, मकई, चना,मूंग, मसूर, सोयाबीन, चना,  अमरुद, कीवी, स्ट्रॉबरी, अंगूर, पपीता, सेब, अनार, केला, नाशपाती, अनानास, चकोतरा, सूखी खुबानी, सूखा नारियल, आदि का सेवन करना चाहिएl

सब्जियां: करेला, लौकी, तोरी, परवल पालक, कद्दू, चकुंदर और मौसमी सब्जियाँ टमाटर, बीन्स, मटर, गाजर, ब्रोकॉली, पत्तागोभी आदि

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