सिद्धार्थनगर। 29 जून को प्रदेश के तराई इलाकों में मानसून पहुँचने के साथ हुई झमाझम बारिश के अल्पकालिक दौर के उपरांत मानसून द्रोणी के अपनी सामान्य अक्षीय स्थिति से दक्षिण की तरफ मध्य भारत के ऊपर स्थानांतरित हो जाने के फलस्वरूप प्रदेश में लगभग 1 पखवाड़े के अंतराल के बाद मानसून द्रोणी के अपनी सामान्य स्थिति में वापस आने पर 19 जुलाई से तराई सहित संपूर्ण प्रदेश में झमाझम बारिश का एक और दौर आया, परंतु उड़ीसा में बने चक्रवाती परिसंचरण के कारण मानसून द्रोणी के पुनः अपनी सामान्य अक्षीय स्थिति से दक्षिण की तरफ मध्य भारत के ऊपर स्थानांतरित हो जाने के कारण एक बार फिर तराई सहित संपूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश में वर्षा के स्थानीय वितरण तथा तीव्रता में व्यापक कमी आने की संभावना है।यह जानकारी देते हुए मौसम विशेषज्ञ अतुल कुमार सिंह ने बताया कि पुरवा हवाओं एवं अवशेष वायुमंडलीय नमी के कारण अनुकूल परिस्थितियों में यदा-कदा थंडरस्टॉर्म के साथ बूँदा बाँदी/हल्की बारिश होने की संभावना बनी हुई है परंतु वर्तमान भू-भौतिकीय एवं ऊष्मागतिकीय परिस्थितियों के अंतर्गत आगामी 3-4 दिनों के दौरान प्रभावी बारिश होने की संभावना कम है। इसी क्रम में 23 जुलाई (प्रातः 08:30 तक) को सिद्धार्थनगर के इटवा में सर्वाधिक 11 मिमी. बारिश रिकॉर्ड की गई तथा बारिश में आई कमी के कारण दिन का अधिकतम तापमान 2.6 डिग्री उछलकर 34 डिग्री सेल्सियस पर पहुँच गया तथा इसके आगामी दिनों में भी 35 डिग्री सेल्सियस के आस पास बने रहने की संभावना है।