– सभी ने लिया राष्ट्रसेवा का संकल्प
संतकबीरनगर-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सात दिवसीय प्राथमिक शिक्षा वर्ग का रविवार को धूमधाम के साथ समापन हुआ। इन सात दिनों के कड़े प्रशिक्षण का स्वयंसेवकों ने प्राकट्यकरण भी किया। इसके साथ ही राष्ट्रसेवा का संकल्प लेते हुए स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे समाज सेवा कार्यों को भी बताया गया। रविवार को आयोजित दीक्षांत समारोह में प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षार्थियों की आंखें बंधुत्व भाव लिए हुए नम दिखीं।
संतकबीरनगर विद्या पीठ स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मगहर में आयोजित हो रहे शिविर का प्रारंभ 24 सितंबर को हुआ था। सह विभाग संघचालक निर्मल ने सात दिवसीय इस प्रशिक्षण को कठिन साधना बताते हुए कहा की संघ के स्वयंसेवक अच्छा, पक्का और सच्चा देशभक्त ही होता है। शिविर में संतकबीरनगर जिले के नौ खंडों हैंसर, पौली, नाथनगर, खलीलाबाद खण्ड, खलीलाबाद नगर, सेमरियावां आदि से 126 स्वयंसेवकों ने प्रतिभाग किया। शिविर में स्वयंसेवकों को पदविन्यास, नियुद्ध (जूडो-कराटे), दण्ड चलाने समेत अन्य शारीरिक व आत्मरक्षा हेतु प्रशिक्षण दिया गया। शारीरिक प्रशिक्षण के साथ ही बौद्धिक प्रशिक्षण भी हुआ। जिसमें स्वयंसेवकों को देश की वर्तमान परिस्थितियों में संघ की ओर से राष्ट्रहित व समाज सेवा में किए जा रहे सेवा कार्यों, संघ के उद्देश्यों और इतिहास के बारे में जानकारी दी गई। स्वयंसेवकों को राष्ट्र व समाज हित के लिए सर्वस्व न्योछावर करने के लिए प्रेरित किया गया। भारत माता के स्वाभिमान और गौरव को विश्व में शिखर पर लाकर भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया। स्वयंसेवकों को देश की महान विभूतियों, महाराणा प्रताप, शिवाजी महाराज जैसे वीर सपूतों के अतिरिक्त वीर बलिदानियों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवन एवम अदम्य साहस का परिचय कराते हुए उनके जीवन के आदर्शों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक राजीव नयन ने कहा कि आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में देशभक्त तैयार किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत माता की आन, बान और शान के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने भारत के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस धरा पर वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, पृथ्वीराज चौहान जैसे सूरमा हुए जिन्होंने अपने पराक्रम से मुगलों के दांत खट्टे करने का काम किया था। उन्होंने कहा कि गाँव में रहने वाला हर एक व्यक्ति को अपनी मातृभूमि के लिए चिंतन करना चाहिए, तभी राष्ट्र परम् वैभव तक पहुंचेगा। इस प्रशिक्षण शिविर में वर्ग कार्यवाह महेंद्र, प्रवीण, वर्ग पालक नित्यानंद, मुख्य शिक्षक प्रमोद, अनिल के साथ शैलेश, इंद्रसेन, दिग्विजयनाथ, संजीव, सौरभ, शशिकेश, बैजनाथ, अमरनाथ, मुक्तिनाथ, ओम पुष्पम, बृजेश आदि के साथ सप्ताह भर विभाग, प्रांत एवम क्षेत्रीय अधिकारियों का आवागमन होता रहा।