संतकबीरनगर(UP)-गांव की पगडंडियो से लेकर शिक्षा व समाजसेवा क्षेत्र के जरिये राजनीति मे धमाकेदार एंट्री कर विधायक बनने वाले सदर एम.एल.ए. अंकुर राज तिवारी ने आज एक नजीर पेश किया है। जनता से किये हर वायदों को निभाने की कवायद मे जुटे विधायक बेबसी और लाचारी के शिकार अग्निपीड़ित फल एवं सब्जी विक्रेताओं से हाल ही मे किये अपने वायदों को पूरा करते हुए उन्हे खुद के निजी बजट से 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देकर उन सभी के चेहरों पर दीपावली की खुशियों वाली मुस्कान दे डाली। “अपने लिए जिए तो क्या जिए, तू जी ए दिल जमाने के लिए” मशहूर हिंदी फिल्म के ये गीत विधायक अंकुर राज तिवारी पर एकदम सटीक बैठती हैं जिन्होंने दीपावली की पूर्व संध्या पर उन सभी 28 अग्निपीड़ित व्यापारियों को 50 – 50 हजार की आर्थिक मदद की जिनका सब कुछ आग की लपटो मे स्वाहा हो गया था, आग् ने उनके अरमानो पर् पानी फेरा था, सरकारी मुआवजे की आस लगाए व्यापारियों की मदद जब प्रशासन ने नही की तब वो सब व्यापारी नेताओं के साथ धरने पर बैठ गये थे।
अग्निपीड़ित व्यापारियों के द्वारा मुआवजे की मांग को लेकर धरना देने की सूचना पाकर गत दिनों मौके पर पहुंचे विधायक अंकुर राज तिवारी ने सरकारी सहायता दिलाने के साथ खुद के बजट से जब अग्निपीड़ित व्यापारियों को जब 50_50 हजार ₹ की आर्थिक सहायता देने का एलान किया तब व्यापारियों मे खुशी का ठिकाना नही रहा। इधर विपक्ष विधायक की इस घोषणा पर चुटकी लेने लगे थे, हर तरफ विपक्षी यही राग अलाप रहे थे कि विधायक व्यापारियों को गोला यानी झूठा वादा कर गये जो पूरा नही हो सकता। पर विपक्ष की इस सोंच को विधायक ने गलत साबित करते हुए दीपावली की पूर्व संध्या पर नवीन सब्जी मंडी स्थल पहुंच सभी 28 अग्निपीड़ित व्यापारियों को 50_50 हजार की आर्थिक मदत कर विपक्ष के मुंह पर जोरदार तमाचा मारने का कार्य करते हुए ये संदेश दिया कि मेरी कथनी और करनी मे कोई अंतर नही। बचन के पक्के और मजबूत इरादों के धनी विधायक अंकुर राज तिवारी ने अग्निपीड़ित व्यापारियों की मदद कर ये साफ संदेश दिया कि “मै विधायक नही जन सेवक हुँ, जनता को कोई तकलीफ नही होने दूंगा” जनता की खुशी ही मेरी सबसे बड़ी पूँजी है।