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नगर निकाय चुनाव मे उतरेंगी जि0 पं0 सदस्य "शैलेन्द्र" की भाभी "उर्मिला" - Satyamev Times Media Network.
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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   [caption id="attachment_17453" align="alignnone" width="219"] फाइल फोटो - शैलेन्द्र यादव - जिला पंचायत सदस्य[/caption] संतकबीरनगर- नगरपालिका परिषद खलीलाबाद के आरक्षण के मुताबिक पिछड़े समाज की रहनुमाई करने वाले गवंई राजनीति के रिंगमास्टर जिला पंचायत सदस्य शैलेन्द्र यादव ने अपनी भाभी उर्मिला यादव को चुनावी मैदान मे उतारा है। इसके पहले वो अपनी पत्नी को चुनावी मैदान मे बतौर प्रत्याशी पेश कर समाजवादी पार्टी से टिकट की दावेदारी की थी किन्तु कुछ अपरिहार्य कारणों बस उन्होंने पत्नी को चुनाव न लड़वाने की बजाय भाभी श्रीमती उर्मिला को चुनावी मैदान मे उतारने का फैसला लेते हुए सपा से टिकट की मजबूत दावेदारी पेश की है। छात्रसंघ राजनीति की भट्ठी से तप कर निकले शैलेन्द्र यादव जब राजनीति की मुख्य धारा मे आये तब उन्हे पहली बार भले ही कम अंतरो से हार का सामना करना पड़ा पर दुसरी बार उन्होंने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष धनबली नेता को रिकार्ड मतो से हराते हुए जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता। विषम परिस्थितिओ के बाबजूद दलीय निष्ठा रखने वाले शैलेन्द्र यादव ने निर्वाचित सदस्यों को साथ लाकर बलराम को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने मे अहम रोल अदा किया। छात्रसंघ राजनीति के साथ समाजसेवा के पर्याय रहे शैलेन्द्र यादव ने कोविड काल मे पूर्व सांसद सुरेंद्र यादव के साथ प्रवासी मजदूरों की भी खूब सेवा की। लोगों मे राशन व अति आवश्यक सामाग्री वितरण करने वाले शैलेन्द्र बीते 15 वर्षो से जनसेवा के कार्यों मे बढ़चढ़कर सहभागीता तो कर ही रहे है साथ ही धार्मिक आयोजनों मे भी योगदान देते चले आ रहें हैं। नगरपालिका के विस्तार के बाद इस् बार की सीट जब पिछड़े जाति के खाते मे गयी तब वो खुद की भाभी को चुनावी रणक्षेत्र मे उतारने का फैसला लेते हुए पार्टी हाई कमान से टिकट की मांग की है। जिला पंचायत सदस्य शैलेन्द्र एक मजबूत इरादों के धनी माने जाते है जिन्होंने कभी मौजूदा चेयरमैन को छात्रसंघ के चुनाव मे जीत दिलाई थी। वैश्विक महामारी के समय शैलेन्द्र के योगदान को भला कौन भूल सकता है जिन्होंने बढ़चढ़कर सबकी मदद की। इस बार उनके दावे इसलिए मजबूत नजर आ रहें है क्योकि सीमा विस्तारित क्षेत्र जो कभी उनके चुनावी क्षेत्र हुआ करते थे जहाँ के हर बूथो पर वो नंबर 1 की पॉजिशन मे रहते थे वो सभी गांव इस बार नगरपालिका क्षेत्र मे समाहित हैं । पार्टी यदि इन की भाभी पर दाँव लगाए तो यहाँ पर साईकिल सरपट दौड़ सकती हैं।

नगर निकाय चुनाव मे उतरेंगी जि0 पं0 सदस्य “शैलेन्द्र” की भाभी “उर्मिला”

 

फाइल फोटो – शैलेन्द्र यादव – जिला पंचायत सदस्य

संतकबीरनगर– नगरपालिका परिषद खलीलाबाद के आरक्षण के मुताबिक पिछड़े समाज की रहनुमाई करने वाले गवंई राजनीति के रिंगमास्टर जिला पंचायत सदस्य शैलेन्द्र यादव ने अपनी भाभी उर्मिला यादव को चुनावी मैदान मे उतारा है। इसके पहले वो अपनी पत्नी को चुनावी मैदान मे बतौर प्रत्याशी पेश कर समाजवादी पार्टी से टिकट की दावेदारी की थी किन्तु कुछ अपरिहार्य कारणों बस उन्होंने पत्नी को चुनाव न लड़वाने की बजाय भाभी श्रीमती उर्मिला को चुनावी मैदान मे उतारने का फैसला लेते हुए सपा से टिकट की मजबूत दावेदारी पेश की है। छात्रसंघ राजनीति की भट्ठी से तप कर निकले शैलेन्द्र यादव जब राजनीति की मुख्य धारा मे आये तब उन्हे पहली बार भले ही कम अंतरो से हार का सामना करना पड़ा पर दुसरी बार उन्होंने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष धनबली नेता को रिकार्ड मतो से हराते हुए जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता। विषम परिस्थितिओ के बाबजूद दलीय निष्ठा रखने वाले शैलेन्द्र यादव ने निर्वाचित सदस्यों को साथ लाकर बलराम को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने मे अहम रोल अदा किया। छात्रसंघ राजनीति के साथ समाजसेवा के पर्याय रहे शैलेन्द्र यादव ने कोविड काल मे पूर्व सांसद सुरेंद्र यादव के साथ प्रवासी मजदूरों की भी खूब सेवा की। लोगों मे राशन व अति आवश्यक सामाग्री वितरण करने वाले शैलेन्द्र बीते 15 वर्षो से जनसेवा के कार्यों मे बढ़चढ़कर सहभागीता तो कर ही रहे है साथ ही धार्मिक आयोजनों मे भी योगदान देते चले आ रहें हैं। नगरपालिका के विस्तार के बाद इस् बार की सीट जब पिछड़े जाति के खाते मे गयी तब वो खुद की भाभी को चुनावी रणक्षेत्र मे उतारने का फैसला लेते हुए पार्टी हाई कमान से टिकट की मांग की है। जिला पंचायत सदस्य शैलेन्द्र एक मजबूत इरादों के धनी माने जाते है जिन्होंने कभी मौजूदा चेयरमैन को छात्रसंघ के चुनाव मे जीत दिलाई थी। वैश्विक महामारी के समय शैलेन्द्र के योगदान को भला कौन भूल सकता है जिन्होंने बढ़चढ़कर सबकी मदद की। इस बार उनके दावे इसलिए मजबूत नजर आ रहें है क्योकि सीमा विस्तारित क्षेत्र जो कभी उनके चुनावी क्षेत्र हुआ करते थे जहाँ के हर बूथो पर वो नंबर 1 की पॉजिशन मे रहते थे वो सभी गांव इस बार नगरपालिका क्षेत्र मे समाहित हैं । पार्टी यदि इन की भाभी पर दाँव लगाए तो यहाँ पर साईकिल सरपट दौड़ सकती हैं।

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