केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर आज सुल्तानपुर पहुंचे। लंभुआ में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि मैं सांसद व मेरी पत्नी विधायक होकर भी अपने बेटे की जिंदगी नहीं बचा पाया तो आमजन कैसे बचा पाएंगे।
लंभुआ में हुआ कार्यक्रम
सर्वोदय इंटर कॉलेज में आयोजित नशा मुक्त अभियान के दौरान लोगों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि जिले को नशामुक्त करने के लिए सभी विद्यालय में यह अभियान शुरू किया जाना चाहिए। इसके लिए रोजाना पांच मिनट प्रार्थना के दौरान नसीहत दी जानी चाहिए। ताकि युवा इससे डर सकें। उन्होंने कहा कि उनका जन्म बेहद गरीब परिवार में हुआ था। उस वक्त दूध तक नसीब नहीं होता था। उन्होंने कहा नशेड़ी युवाओ से बेटियों-बहनों की शादी न करें। नशेड़ी अफसर से बेहतर साबित होगा रिक्शा वाला व मजदूर दूल्हा।
बेटे के बारे में जाहिर किया दर्द
उन्होंने कहा मेरे बेटे आकाश किशोर को शराब पीने की लत थी, इससे उसे बचाने के लिए तमाम प्रयास किया। वो दोस्तो के चक्कर मे फंस गया था। हमने बेटे को नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती कराया। यह जानकर छः माह बाद बेटे की शादी कर दी कि उसकी लत छूट गई है। पर, शादी के बाद आकाश ने फिर से नशा शुरू किया तो जिंदगी ही खत्म कर ली। दो साल पहले 19 अक्टूबर को आकाश की मौत हुई तो उसका बेटा महज दो साल का था। उन्होंने अपील की कि मैं अपने बेटे को नहीं बचा पाया। जिससे उनकी बहू विधवा हो गई। पर आप लोग अपनी बेटी-बहन को इससे जरूर बचाएं।
नशे से लोग कम आयु में दम तोड़ देते है। उनका जीवन कष्टमय हो जाता है। आजादी के संघर्ष के दौरान 90 वर्ष में छः लाख 32 हजार ने दम तोड़ा था। लेकिन, हर साल नशे से 20 लाख लोग दम तोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि तमाम संगठन व अच्छे लोग इस अभियान से जुड़ रहे हैं। आप भी अपने परिवार को बचाने के लिए इस अभियान से जुड़ें।