संतकबीरनगर। विकास खण्ड बघौली के अन्तर्गत ग्राम सभा उतरावल श्री सिद्धेश्वर नाथ मन्दिर में श्रीराम कथा के तीसरे दिन आचार्य धरणीधर जी महाराज ने कहा कि मानव का मन संसारिक और संतों का मन परमार्थ के कार्य में लगा रहता है। राम कथा जीवन में परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करती है। प्रतिदिन एक घंटा राम के लिए प्रदान करें तो व्यक्ति जन्म-जन्म तक सुख भोगेगा। राम का जन्म होते ही पंडाल में प्रभु श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। कथा प्रवक्ता आचार्य धरणीधर जी ने कहा भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था। भगवान राम ने बाल्यावस्था से ही असुरों का नाश किया। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा। राम कथा में पिता के प्रति मां के प्रति और भाई के प्रति प्रभु राम का जो स्नेह प्रेम रहा सदा सदा के लिए अमर है।आचार्य धरणीधर जी महाराज ने कहा कि राजा दशरथ के संतान न होने के कारण अपने कुल गुरु वशिष्ठ के पास जाते हैं। जहां वशिष्ठ जी द्वारा श्रृंगी ऋषि से शुभ पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाते है। यज्ञ कुंड से अग्नि देवता का प्रकट होकर राजा दशरथ को खीर प्रदान करते हैं। जिसके बाद राजा दशरथ द्वारा तीनों रानियों कौशल्या,कैकई और सुमित्रा को खीर देते है। उस खीर के खाने से तीनों रानियों को भगवान राम सहित भरत,लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म होता है। इस अवसर पर दैनिक यजमान के रूप में राम बूझारत राय, प्रभावती राय, डॉ.विनोद मिश्र, सुजीत श्रीवास्तव ज्योतिषाचार्य, राजेन्द्र राय, शिवम राय, दीना नाथ पांडेय, अखिलेश राय, बृजेन्द्र राय, राधेश्याम राय, रामदुलारे राय, अनिल राय, सुरेन्द्र नाथ राय, पुर्व प्रधान मधुसूदन राय, बाबूराम राय प्रेमचन्द राय, प्रवीण पाण्डेय, मनीष कुमार पाण्डेय समेत तमाम लोग मौजूद रहे।