संतकबीरनगर
जिला शासकीय अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि दुधारा थानांतर्गत जामडीह निवासी बाबूलाल ने थाना दुधारा में प्रार्थना पत्र दिया कि दिनांक 26.07.2009 को सुबह करीब साढ़े दस बजे नागपंचमी के दिन घर पर लगे झूले में बच्चे झूल रहे थे।उसी झूले पर गाँव के प्रदीप कुमार के घर के लड़के झूलने लगे जिन्हें मना करने पर प्रदीप कुमार,अशोक कुमार,कौशिल्या, सुशीला,सुनील कुमार,विजय कुमार,संगम लाठी ,डण्डा ,सरिया ,खंती से लैश होकर उनके घर पर लाठी गाली गुफ्ता व जान माल की धमकी देते हुए चढ़ आए और घर मे घुसकर उनकी बहन बदामा को बुरी तरह से मारने लगे।उनका लड़का सुनील कुमार बीच बचाव करने गया तो सभी मुल्जिमान उनको भी बुरी तरह से मारने पीटने लगे।मुल्जिमान के मारने से बदामा को गम्भीर चोट आ गई तथा वह बेहोश हो जा रही थी व उल्टी होने लगी।मुल्जिमान के मारने से उनके लड़के सुनील के दाहिने हाथ की हड्डी भी टूट गई।मुल्जिमान जान से मारने की धमकी देते चले गए।मामले में थाना दुधारा में मुकदमा दर्ज हुआ व विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया।
जिला शासकीय अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि अभियोजन की तरफ से सात गवाहों की गवाही कराई गई जिसमें साक्षियों ने घटना का समर्थन किया।साक्ष्य साबित पाए जाने पर अभियुक्तगण प्रदीप कुमार,अशोक कुमार,विजय कुमार को तीन वर्ष का सश्रम कारावास व तीन तीन हजार रुपए अर्थदंड से दण्डित किये।अर्थ दंड अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास।
सुशीला देवी व कौशिल्या देवी को दो वर्ष के परिवीक्षा अवधि पर रहने का आदेश दिया गया तथा संगम और सुनील को किशोर घोषित होने पर उनकी पत्रावली अलग कर दी गई।
सरकार की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने पैरवी की तथा अभियुक्तगण की तरफ से राम अवतार यादव ने पैरवी की।