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छात्रों ने लिया संकल्प, सूर्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल के साथ-साथ अपने घरों में भी वृक्ष लगाएंगे - Satyamev Times Media Network.
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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   जीवन बचाने के लिए वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक हैं: डाक्टर उदय प्रताप चतुर्वेदी हम सभी को वृक्षारोपण और पर्यावरण को सुरक्षित बनाये रखना होगा: सविता चतुर्वेदी ग्लोबल वार्मिंग को मात देने के लिए पेड़ लगाये : रविनेश श्रीवास्तव रिपोर्ट_कुलदीप मिश्र संतकबीरनगर: जिले प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था सूर्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल परिसर में मंगलवार को सूर्या ग्रुप‌ के एमडी डाक्टर उदय प्रताप चतुर्वेदी एवं निदेशिका सविता चतुर्वेदी ने नेतृत्व एवं प्रिंसिपल रविनेश श्रीवास्तव के देखरेख में आज बच्चों ने सैकड़ों फलदार एवं छायादार वृक्ष लगाया। स्कूल के बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ वृक्षारोपण कर सिर्फ उन पेड़ों की सिंचाई का संकल्प लिया बल्कि पेड़ों के सुरक्षा की भी जवाबदेही ली। हरे-भरे पेड़ों के साथ उत्साहित बच्चों ने कहा कि वे लोग अपने-अपने घरों में भी पेड़ लगाएंगे। इस दौरान स्कूली बच्चों ने अपनी उद्गार व्यक्त करते हुए कि पेड़ नहीं होने से जीवन में क्या मुसीबतें सकती है। पेड़ के बगैर जीवन की कल्पना नहीं हो सकती है। छात्र छात्राओं को संबोधितव करते हुए सुर्या ग्रुप के एमडी डाक्टर उदय प्रताप चतुर्वेदी ने कहा जंगल कट रहे हैं जिसके कारण पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग की चपेट में है। पेड मनुष्य जीव के लिए आवश्यक है इसलिए सभी लोगों को अपने जीवन काल में कम से कम पांच पेड़ प्रत्येक वर्ष अवश्य लगाना चाहिए, ताकि पर्यावरण शुद्ध रहे। डाक्टर चतुर्वेदी ने कहा कि पृथ्वी पर जीवन बचाने के लिए वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक है। अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते हैं और अच्छे जीवन यापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। ऑक्सीजन देने और कार्बन डाइऑक्साइड को लेने के अलावा पेड़ पर्यावरण से अन्य हानिकारक गैसों को भी अवशोषित करते हैं जिससे वायु शुद्ध और ताज़ी बनती है। जितने हरे- भरे पेड़ होंगे उतना अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होगा और अधिक विषैली गैसों को यह अवशोषित करेंगे। आज के दौर में शहरी करण, औधोगीकरण के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है जिसकी वजह हमारे पर्यावरण का प्राकृतिक संतुलन दिन ब दिन बिगड़ता जा रहा है। वृक्षों के उन्मूलन अकाल, मृदा अपरदन, ग्लोबल वार्मिंग, ग्रीन हाउस इफेक्ट जैसी गंभीर पर्यावरणीय समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम वृक्षारोपण को एक आंदोलन के तौर पर शुरु करें और अपने पर्यावरणीय कारकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। एमडी डाक्टर चतुर्वेदी ने कहा कि वृक्षों पर ही हमारा संपूर्ण जीवन निर्भर करता है स्वास्थ्य, संतुलित और समृद्ध से भरा उज्जवल भविष्य के लिए वृक्षारोपण अति आवश्यक है इसलिए हमें अपने आगे की पीढ़ी को जागृत और पोषण करने के लिए प्रदूषण से मुक्त पर्यावरण और बेहतर विकास को बढ़ाते हुए हम सभी को वृक्षारोपण की तरफ ध्यान देना बहुत जरूरी है इसके अलावा हमें सभी लोगों को वृक्ष की उपयोगिता और महत्ता के बारे में बताना होगा और साथ ही साथ वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करना होगा। प्रबंध निदेशिका सविता चतुर्वेदी ने कहा कि पर्यावरण की बढ़ती समस्या को देखकर वर्तमान समय में सरकार के द्वारा वन संरक्षण एवं वृक्षारोपण के लिए अनेक तरह के प्रयास सरकार के द्वारा किए जा रहे हैं। परंतु यह पर्याप्त नहीं है सरकार के साथ- साथ हम सभी को इसमें योगदान देना होगा और हम सभी को वृक्षारोपण और पर्यावरण को सुरक्षित बनाए रखना होगा। और साथ ही साथ दूसरों को भी वृक्षारोपण के लिए जागरूक करना होगा। ऐसा करने से हम कई सारी समस्याओं को दूर कर सकते हैं जो पर्यावरण दूषित होने और वृक्षों की कमी से हो रहे हैं। पेड़ पौधों की कमी से ही मृदा अपरदन, बाढ़ आदि जैसी समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है जिसका एकमात्र उपाय वृक्षारोपण ही है। वनों की कटाई से मृदा अपरदन और बाढ़ की समस्या पेड़ पौधों की कमी के कारण बढ़ता ही जा रहा है इसका सिर्फ एक ही उपाय है वह है। वृक्षारोपण जो हमारे लिए बहुत जरूरी है। पौधे ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत होते हैं वे पर्यावरण से कार्बन- डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे लेकिन घरेलू और व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने के लिए वनों को काटा जा रहा है। इससे पर्यावरण असंतुलन पैदा हो रहा है, जो ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा देता है। सूर्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य रविनेश श्रीवास्तव ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर में वृद्धि और पिछली कुछ शताब्दियों से हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली मानवीय गतिविधियों के परिणामस्वरूप होता है। ग्लोबल वार्मिंग एक ऐसी चीज है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। भविष्य में पृथ्वी को होने वाले नुकसान को रोकने का सबसे अच्छा तरीका, अधिक वनों को काटने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और वनीकरण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। अपने घरों और कार्यालयों के पास पेड़ लगाकर शुरुआत करें, आयोजनों में भाग लें, पेड़ लगाने का महत्व सिखाएं। नुकसान को पूर्ववत करना असंभव है लेकिन आगे के नुकसान को रोकना संभव है। प्रिंसिपल श्री श्रीवास्तव ने कहा पौधे ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत होते हैं वे पर्यावरण से कार्बन- डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे लेकिन घरेलू और व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने के लिए वनों को काटा जा रहा है इससे पर्यावरण असंतुलन पैदा हो रहा है, जो ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा देता है। उन्होंने ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण आज गर्मी काफी बढ़ गया कही वर्षा ज्यादा हो रही हैं इन सब नुकसान से रोकने का सबसे अच्छा उपाय वृक्षारोपण है।

छात्रों ने लिया संकल्प, सूर्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल के साथ-साथ अपने घरों में भी वृक्ष लगाएंगे

 

जीवन बचाने के लिए वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक हैं: डाक्टर उदय प्रताप चतुर्वेदी

हम सभी को वृक्षारोपण और पर्यावरण को सुरक्षित बनाये रखना होगा: सविता चतुर्वेदी

ग्लोबल वार्मिंग को मात देने के लिए पेड़ लगाये : रविनेश श्रीवास्तव

रिपोर्ट_कुलदीप मिश्र
संतकबीरनगर: जिले प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था सूर्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल परिसर में मंगलवार को सूर्या ग्रुप‌ के एमडी डाक्टर उदय प्रताप चतुर्वेदी एवं निदेशिका सविता चतुर्वेदी ने नेतृत्व एवं प्रिंसिपल रविनेश श्रीवास्तव के देखरेख में आज बच्चों ने सैकड़ों फलदार एवं छायादार वृक्ष लगाया। स्कूल के बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ वृक्षारोपण कर सिर्फ उन पेड़ों की सिंचाई का संकल्प लिया बल्कि पेड़ों के सुरक्षा की भी जवाबदेही ली। हरे-भरे पेड़ों के साथ उत्साहित बच्चों ने कहा कि वे लोग अपने-अपने घरों में भी पेड़ लगाएंगे। इस दौरान स्कूली बच्चों ने अपनी उद्गार व्यक्त करते हुए कि पेड़ नहीं होने से जीवन में क्या मुसीबतें सकती है। पेड़ के बगैर जीवन की कल्पना नहीं हो सकती है।

छात्र छात्राओं को संबोधितव करते हुए सुर्या ग्रुप के एमडी डाक्टर उदय प्रताप चतुर्वेदी ने कहा जंगल कट रहे हैं जिसके कारण पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग की चपेट में है। पेड मनुष्य जीव के लिए आवश्यक है इसलिए सभी लोगों को अपने जीवन काल में कम से कम पांच पेड़ प्रत्येक वर्ष अवश्य लगाना चाहिए, ताकि पर्यावरण शुद्ध रहे। डाक्टर चतुर्वेदी ने कहा कि पृथ्वी पर जीवन बचाने के लिए वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक है। अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते हैं और अच्छे जीवन यापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। ऑक्सीजन देने और कार्बन डाइऑक्साइड को लेने के अलावा पेड़ पर्यावरण से अन्य हानिकारक गैसों को भी अवशोषित करते हैं जिससे वायु शुद्ध और ताज़ी बनती है। जितने हरे- भरे पेड़ होंगे उतना अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होगा और अधिक विषैली गैसों को यह अवशोषित करेंगे। आज के दौर में शहरी करण, औधोगीकरण के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है जिसकी वजह हमारे पर्यावरण का प्राकृतिक संतुलन दिन ब दिन बिगड़ता जा रहा है। वृक्षों के उन्मूलन अकाल, मृदा अपरदन, ग्लोबल वार्मिंग, ग्रीन हाउस इफेक्ट जैसी गंभीर पर्यावरणीय समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम वृक्षारोपण को एक आंदोलन के तौर पर शुरु करें और अपने पर्यावरणीय कारकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। एमडी डाक्टर चतुर्वेदी ने कहा कि वृक्षों पर ही हमारा संपूर्ण जीवन निर्भर करता है स्वास्थ्य, संतुलित और समृद्ध से भरा उज्जवल भविष्य के लिए वृक्षारोपण अति आवश्यक है इसलिए हमें अपने आगे की पीढ़ी को जागृत और पोषण करने के लिए प्रदूषण से मुक्त पर्यावरण और बेहतर विकास को बढ़ाते हुए हम सभी को वृक्षारोपण की तरफ ध्यान देना बहुत जरूरी है इसके अलावा हमें सभी लोगों को वृक्ष की उपयोगिता और महत्ता के बारे में बताना होगा और साथ ही साथ वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करना होगा।

प्रबंध निदेशिका सविता चतुर्वेदी ने कहा कि पर्यावरण की बढ़ती समस्या को देखकर वर्तमान समय में सरकार के द्वारा वन संरक्षण एवं वृक्षारोपण के लिए अनेक तरह के प्रयास सरकार के द्वारा किए जा रहे हैं। परंतु यह पर्याप्त नहीं है सरकार के साथ- साथ हम सभी को इसमें योगदान देना होगा और हम सभी को वृक्षारोपण और पर्यावरण को सुरक्षित बनाए रखना होगा। और साथ ही साथ दूसरों को भी वृक्षारोपण के लिए जागरूक करना होगा। ऐसा करने से हम कई सारी समस्याओं को दूर कर सकते हैं जो पर्यावरण दूषित होने और वृक्षों की कमी से हो रहे हैं। पेड़ पौधों की कमी से ही मृदा अपरदन, बाढ़ आदि जैसी समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है जिसका एकमात्र उपाय वृक्षारोपण ही है। वनों की कटाई से मृदा अपरदन और बाढ़ की समस्या पेड़ पौधों की कमी के कारण बढ़ता ही जा रहा है इसका सिर्फ एक ही उपाय है वह है। वृक्षारोपण जो हमारे लिए बहुत जरूरी है। पौधे ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत होते हैं वे पर्यावरण से कार्बन- डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे लेकिन घरेलू और व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने के लिए वनों को काटा जा रहा है। इससे पर्यावरण असंतुलन पैदा हो रहा है, जो ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा देता है।
सूर्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य रविनेश श्रीवास्तव ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर में वृद्धि और पिछली कुछ शताब्दियों से हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली मानवीय गतिविधियों के परिणामस्वरूप होता है। ग्लोबल वार्मिंग एक ऐसी चीज है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। भविष्य में पृथ्वी को होने वाले नुकसान को रोकने का सबसे अच्छा तरीका, अधिक वनों को काटने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और वनीकरण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। अपने घरों और कार्यालयों के पास पेड़ लगाकर शुरुआत करें, आयोजनों में भाग लें, पेड़ लगाने का महत्व सिखाएं। नुकसान को पूर्ववत करना असंभव है लेकिन आगे के नुकसान को रोकना संभव है। प्रिंसिपल श्री श्रीवास्तव ने कहा पौधे ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत होते हैं वे पर्यावरण से कार्बन- डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे लेकिन घरेलू और व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने के लिए वनों को काटा जा रहा है इससे पर्यावरण असंतुलन पैदा हो रहा है, जो ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा देता है। उन्होंने ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण आज गर्मी काफी बढ़ गया कही वर्षा ज्यादा हो रही हैं इन सब नुकसान से रोकने का सबसे अच्छा उपाय वृक्षारोपण है।

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