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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है गोरखपुर - गोरखपुर ही नहीं बल्कि पूर्वांचल तथा आसपास जिलों के चिकित्सकों ने आज शाही ग्लोबल हॉस्पिटल तारामंडल में लेजर विधि की सर्जरी की बारीकियां तथा नई तकनीकियों को सिखा। आज के कार्यशाला में बिहार से भी कुछ सर्जन आए थे जो काफी प्रसन्न और खुश थे। आज की कार्यशाला में मुख्य रूप से डॉक्टर ए एस चिल्लाना फोर्टिस शालीमार बाग दिल्ली, डॉक्टर संतोष तिवारी मैक्स हॉस्पिटल दिल्ली से आए थे। जिन्होंने नई तकनीकी नई विधि और मरीज के लिए कम दर्द देने वाली बीमारी का इलाज करके यह बताया कि अब बवासीर भगंदर, पायलट, पायलो नीडल साईनस, वेरीकोज वेन फिशर फिस्टुला जैसी बीमारी जो कभी ठीक नहीं होती थी अब उनको जड़ से खत्म किया जा सकता है। आज के कार्यशाला में डॉक्टर शिव शंकर शाही ने भी लेजर बिधि से सर्जरी करके नए चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया। आज के कार्यशाला में बहुत सीनियर से लेकर जूनियर सर्जन तक सभी लोग आए थे, जिन्होंने इस आधुनिक विधि द्वारा सर्जरी की खूब सराहना की। आज का कार्यशाला शत प्रतिशत सफल रहा तथा चिकित्सकों ने इस तरह के कार्यशाला आगे और करने का अनुरोध किया। शाही ग्लोबल हॉस्पिटल के निदेशक तथा वरिष्ठ सर्जन डॉ शिव शंकर शाही ने बताया की हर महीने एसोसिएशन ऑफ सर्जन ऑफ इंडिया के तहत सीएमई (कंटीन्यूअस मेडिकल एजुकेशन प्रोग्राम) चलता रहता है अब उसी के तहत आधुनिक विधि द्वारा सर्जरी की कार्यशाला हमेशा चलती रहेगी ताकि पूर्वांचल की जनता को अधिक से अधिक लाभ मिले। लेजर विधि द्वारा सर्जरी इसलिए महत्वपूर्ण होती है कि इसमें न हीं कहीं कट किया जाता है न हीं चीरा लगाया जाता है। मरीज़ दूसरे दिन अपने काम पर लौट जाता है। ऑपरेशन के बाद दर्द नहीं के बराबर होता है तथा उसे खान-पान काम करना किसी भी तरह का कोई परहेज नहीं रहता है।

गोरखपुर – गोरखपुर ही नहीं बल्कि पूर्वांचल तथा आसपास जिलों के चिकित्सकों ने आज शाही ग्लोबल हॉस्पिटल तारामंडल में लेजर विधि की सर्जरी की बारीकियां तथा नई तकनीकियों को सिखा। आज के कार्यशाला में बिहार से भी कुछ सर्जन आए थे जो काफी प्रसन्न और खुश थे। आज की कार्यशाला में मुख्य रूप से डॉक्टर ए एस चिल्लाना फोर्टिस शालीमार बाग दिल्ली, डॉक्टर संतोष तिवारी मैक्स हॉस्पिटल दिल्ली से आए थे। जिन्होंने नई तकनीकी नई विधि और मरीज के लिए कम दर्द देने वाली बीमारी का इलाज करके यह बताया कि अब बवासीर भगंदर, पायलट, पायलो नीडल साईनस, वेरीकोज वेन फिशर फिस्टुला जैसी बीमारी जो कभी ठीक नहीं होती थी अब उनको जड़ से खत्म किया जा सकता है। आज के कार्यशाला में डॉक्टर शिव शंकर शाही ने भी लेजर बिधि से सर्जरी करके नए चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया। आज के कार्यशाला में बहुत सीनियर से लेकर जूनियर सर्जन तक सभी लोग आए थे, जिन्होंने इस आधुनिक विधि द्वारा सर्जरी की खूब सराहना की। आज का कार्यशाला शत प्रतिशत सफल रहा तथा चिकित्सकों ने इस तरह के कार्यशाला आगे और करने का अनुरोध किया। शाही ग्लोबल हॉस्पिटल के निदेशक तथा वरिष्ठ सर्जन डॉ शिव शंकर शाही ने बताया की हर महीने एसोसिएशन ऑफ सर्जन ऑफ इंडिया के तहत सीएमई (कंटीन्यूअस मेडिकल एजुकेशन प्रोग्राम) चलता रहता है अब उसी के तहत आधुनिक विधि द्वारा सर्जरी की कार्यशाला हमेशा चलती रहेगी ताकि पूर्वांचल की जनता को अधिक से अधिक लाभ मिले। लेजर विधि द्वारा सर्जरी इसलिए महत्वपूर्ण होती है कि इसमें न हीं कहीं कट किया जाता है न हीं चीरा लगाया जाता है। मरीज़ दूसरे दिन अपने काम पर लौट जाता है। ऑपरेशन के बाद दर्द नहीं के बराबर होता है तथा उसे खान-पान काम करना किसी भी तरह का कोई परहेज नहीं रहता है।

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