सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   विद्यालय में मनाया गया लौह पुरुष का जन्मदिवस शिक्षकों छात्रों ने किया देश की एकता ,अखंडता का संकल्प   सेमरियावां। 'भारत रत्न' सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म दिवस पूर्व माध्यमिक विद्यालय सेमरियावां के छात्र छात्राओं और शिक्षकों ने उनके चित्र पर पुष्पार्पित कर श्रद्धा के साथ मनाया गया।सभी ने देश की एकता, अखंडता का संकल्प लिया। इस अवसर पर संकुल शिक्षक जफीर अली करखी ने कहा कि लौह पुरुष सरदार पटेल जी का स्वतंत्रता के बाद देश की रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण में सराहनीय योगदान था।उन्होंने 562 रियासतों को भारतीय संघ में मिलाकर भारत का निर्माण करवाया था।इसलिए उन्हें राष्ट्रीय एकता का प्रतीक कहा जाता है। उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति, नेतृत्व कौशल का ही कमाल था कि देशी रियासतों का भारतीय संघ में विलय कर सके। भारत के प्रथम गृह मंत्री और प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष का दर्जा प्राप्त था। उनके द्वारा किए गए साहसिक कार्यों की वजह से ही उन्हें लौह पुरुष और सरदार जैसे विशेषणों से नवाजा गया। सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था। सरदार पटेल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा आजाद भारत के पहले गृहमंत्री थे। स्वतंत्रता की लड़ाई में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। जफीर अली ने छात्र छात्राओं से कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की शिक्षा का प्रमुख स्त्रोत स्वाध्याय था। उन्होंने लंदन से बैरिस्टर की पढ़ाई की और उसके बाद पुन: भारत आकर अहमदाबाद में वकालत शुरू की। सरदार पटेल ने माहात्मा गांधी से प्रेरित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया । भारत के एकीकरण में सरदार पटेल का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण था। इसलिए उन्हें भारत का लौह पुरूष कहा गया। इस अवसर विद्यालय परिवार के शमा अजीज खान,मुबारक हुसैन,सरवरी खातून, जम्मू बेगम,महेंद्र चौरसिया,किरण चौधरी,नुजहत बतूल,खुर्शीद जहां,बुशरा उमर आदि मौजूद रहीं।बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए।     PUBLISH BY MOHD ADNAN DURRANI

संतकबीरनगर-भारत के एकीकरण में सरदार पटेल का अहम योगदान

 

विद्यालय में मनाया गया लौह पुरुष का जन्मदिवस

शिक्षकों छात्रों ने किया देश की एकता ,अखंडता का संकल्प

 

सेमरियावां।
‘भारत रत्न’ सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म दिवस पूर्व माध्यमिक विद्यालय सेमरियावां के छात्र छात्राओं और शिक्षकों ने उनके चित्र पर पुष्पार्पित कर श्रद्धा के साथ मनाया गया।सभी ने देश की एकता, अखंडता का संकल्प लिया।
इस अवसर पर संकुल शिक्षक जफीर अली करखी ने कहा कि लौह पुरुष सरदार पटेल जी का स्वतंत्रता के बाद देश की रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण में सराहनीय योगदान था।उन्होंने 562 रियासतों को भारतीय संघ में मिलाकर भारत का निर्माण करवाया था।इसलिए उन्हें राष्ट्रीय एकता का प्रतीक कहा जाता है।
उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति, नेतृत्व कौशल का ही कमाल था कि देशी रियासतों का भारतीय संघ में विलय कर सके। भारत के प्रथम गृह मंत्री और प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष का दर्जा प्राप्त था।
उनके द्वारा किए गए साहसिक कार्यों की वजह से ही उन्हें लौह पुरुष और सरदार जैसे विशेषणों से नवाजा गया।

सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था। सरदार पटेल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा आजाद भारत के पहले गृहमंत्री थे। स्वतंत्रता की लड़ाई में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
जफीर अली ने छात्र छात्राओं से कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की शिक्षा का प्रमुख स्त्रोत स्वाध्याय था। उन्होंने लंदन से बैरिस्टर की पढ़ाई की और उसके बाद पुन: भारत आकर अहमदाबाद में वकालत शुरू की। सरदार पटेल ने माहात्मा गांधी से प्रेरित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया । भारत के एकीकरण में सरदार पटेल का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण था। इसलिए उन्हें भारत का लौह पुरूष कहा गया।
इस अवसर विद्यालय परिवार के शमा अजीज खान,मुबारक हुसैन,सरवरी खातून, जम्मू बेगम,महेंद्र चौरसिया,किरण चौधरी,नुजहत बतूल,खुर्शीद जहां,बुशरा उमर आदि मौजूद रहीं।बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए।

 

 

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