संतकबीरनगर जिले में शिक्षा और समाजसेवा क्षेत्र के ब्रांड एम्बेसडर समाजसेवी डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी आज लोक आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ का शुभारंभ करने ऐतिहासिक शिव मंदिर तामेश्वरनाथ धाम पहुंचे। जहां उनका छठ पूजा समिति के साथ स्थानीय लोगों ने ज़ोरदार स्वागत किया।
जिले के सबसे प्राचीन मंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर छठ पूजन स्थल उनके स्वागत में लोगों ने पटाखे फोड़ जमकर नारे लगाए। तामेश्वरनाथ धाम पहुंचे समाजसेवी डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी को फूलमालाओं से लाद उनके समर्थकों ने जहां उनका जोरदार स्वागत किया। वहीं छठ पूजा समिति के जिम्मेदारों ने मंच पर भी फूल मालाओं से लाद उनका ज़ोरदार स्वागत किया। इस दौरान उनके साथ कार्यक्रम में मौजूद रहे उनके शिष्य व जिला पंचायत अध्यक्ष बलराम यादव का पूजा समिति के जिम्मेदारों ने जोरदार स्वागत किया। समर्थक डॉ उदय प्रताप जिंदाबाद के नारे लगाते हुए उनके साथ पैदल ही मन्दिर परिसर में बने छठ घाट पहुंचे जहां मन्दिर समिति के सदस्यों ने पूर्व ग्राम प्रधान नरेन्द्र भारती की अगुआई में फूल मालाओं से लादकर उनका जोरदार स्वागत किये। स्वागत कार्यक्रम के बाद छठ पूजा का शुभारंभ करने पहुंचे समाजसेवी डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी ने छठ मइया की पूजा अर्चना के साथ दीप प्रज्वलित कर पूजा का शुभारंभ किया। समाजसेवी डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी ने छठ मईया की आरती कर जन कल्याण की कामना की। तामेश्वरनाथ मन्दिर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान समाजसेवी डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी ने मन्दिर समिति के जिम्मेदारों को सफल पूजन आयोजन के लिए 51 हजार रुपये की सहयोग राशि प्रदान करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में शिव मंदिर को विशालतम रूप देने के लिए उन्हें जो भी सहयोग देने के लिए कहा जायेगा उसमे वो पीछे नही हटेंगे। लोगो को सम्बोधित करते हुए समाजसेवी डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी ने कहा कि छठ महापर्व पूरे भारत को एक सूत्र में पिरोने का काम करता है। उन्होंने छठ पर्व को आस्था, विश्वास , स्वच्छता,सांप्रदायिक सद्भाव और तप का प्रमुख पर्व बताते हुए लोगो को छठ पर्व की शुभकामनाएं दी।व्रती महिलाओं को छठ महापर्व की बधाई देते हुए समाजसेवी डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी ने कहा कि सूर्य उपासना का यह पर्व सभी के जीवन मे खुशहाली लेकर आये। आपको बता दें कि लोक आस्था का महापर्व छठ की छटा में पूरा माहौल रंगा रहा,तामेश्वरनाथ मन्दिर स्थित छठ घाट पर हर ओर सर्वत्र भक्ति का माहौल देखने को मिला।हज़ारों व्रती महिलाओं ने जल में खड़े होकर एकसाथ अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया।