क्षेत्र के स्थानीय कस्बे ,अतरीनानकार,छिबरा, मुसहरा, जमया,मेंहदुपार आदि जगहों पर छठ पर्व पर सूर्य को अर्घ्य करती महिलाएं.अपने संतान के सुखी जीवन के लिए किया जाने वाला सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा बुधवार को क्षेत्र में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। नहाय-खाय और खरना के बाद आद डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और छठी माता की पूजा की जाती है। हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा करते हैं। छठ पूजा में डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके बिना छठ पूजा अधूरी है। छठ पूजा को डाला छठ या सूर्य षष्ठी पूजा भी कहा जाता है। छठी माता की कृपा से वंश वृद्धि का आशीष मिलता है, संतान का जीवन सुखी होता है और सूर्य देव की कृपा से निरोगी जीवन मिलता है।