पुरानी पुलिस लाइन स्टेशन पुरवा खलीलाबाद मैं चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिवस की कथा में अयोध्या धाम से पधारे परम पूज्य आचार्य श्री प्रशांत भूषण जी महाराज ने समुद्र मंथन का प्रसंग सुनाया उसके बाद श्री कृष्ण जन्म प्रसंग सुनाते हुए जन्म उत्सव कार्यक्रम आयोजित हुआ कथा पंडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं ने नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की वा नंदलाल की जयकारा लगाया भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की झांकी निकाली गई उस समय समूचा पांडाल गोकुल सा दिखाई दे रहा था कथा श्रवण करने आए श्रद्धालु हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की के भजनों पर झूमने लगे श्री कृष्ण जन्म के प्रसंग में छुपे हुए आध्यात्मिक रहस्य को बताते हुए कथा व्यास पूज्य प्रशांत भूषण जी ने कहा कि जब जब इस धरा पर धर्म की हानि होती है तब तब धर्म की स्थापना करने के लिए करुणानिधि ईश्वर अवतार लेते हैं हैं परमात्मा का साक्षात्कार ही धर्म है जिस प्रकार कृष्ण के जन्म के पहले घोर अंधकार था परंतु जब किसी तत्वदर्शी महापुरुषों की कृपा से परमात्मा का प्रकट होना तो उनके दिव्य रूप के प्रकाश से समस्त अंधकार दूर हो जाते हैं