ऽ कोविड को देखते हुए उच्च न्यायालय के आदेशो का होगा पालन।
संतकबीरनगर। उच्च न्यायालय द्वारा गत 09, जनवरी, 2022 को अधीनस्थ न्यायालय के संचालन हेतु निर्गत दिशा-निर्देश के अनुपालन में जनपद न्यायाधीश लक्ष्मीकान्त शुक्ल द्वारा निर्गत आदेश के अनुसार जनपद न्यायालय प्रत्येक दिवस जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी के समन्वय से न्यायालय परिसर न्यायालय खुलने से पूर्व एवं बन्द होने के पश्चात् 02 बार सैनेटाइज कराया जाएगा। यह जानकारी सचिव/न्यायिक अधिकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरिकेश कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी है। उन्होने बताया कि न्यायालयों में अब मात्र नये दाखिल एवं लम्बित मामलों की ग्राहयता पर, नये एवं लम्बित जमानत प्रार्थना पत्र, अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र, वाहनों के रिलीज सम्बन्धी मामले तथा लघु अपराध के मामले, नये एवं लम्बित तत्काल अस्थायी निषेधाज्ञा के मामले, पुलिस द्वारा प्रस्तुत आरोप-पत्र के सम्बन्ध में कार्यवाही, विवेचक द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्रों पर कार्यवाही, ऐसे मामले जिनमें बहस पूर्ण हो चुकी हो, में आदेश/निर्णय पारित किये जा सकेगें। उन्होने बताया कि इसके अतिरिक्त न्यायालय के अन्य लम्बित न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्य किये जाएगें। इस दौरान यदि कोई परिस्थिति उत्पन्न होती है कि जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी की राय में न्यायालय विशेष अवधि के लिए बन्द किया जाना चाहिए तो बन्द किया जाएगा। इस अवधि में यदि कोई अभियुक्त न्यायालय में आत्मसमर्पण करता है अथवा वारण्ट निरस्तीकरण का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करता है तो उसे आर0टी0पी0सी0आर0 की निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी तभी उसके मामलें पर सुनवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि न्यायालय कक्ष में केवल उन्हीं वादकारियों एवं अधिवक्तावओं के प्रवेश की अनुमति होगी जिनके मामलों लम्बित होंगे। जेल में निरूद्ध विचाराधीन बन्दियों के सम्बन्ध में रिमाण्ड कार्य केवल विडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा तथा न्यायालय परिसर में कम से कम व्यक्तियों को प्रवेश दिया जाए।