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सुदामा चरित्र की कथा सुनकर के भाव विभोर हुए श्रोता - Satyamev Times Media Network.
सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है संतकबीर नगर-खलीलाबाद स्टेशन पुरवा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिवस में अयोध्या धाम से पधारे परम पूज्य आचार्य श्री प्रशांत भूषण जी महाराज नेक्स्ट कथा श्रवण कराते हुए सुदामा चरित्र भगवान के स्वधाम गमन की गमन की लीला एवं परीक्षित मोक्ष की दिव्य चर्चा की महाराज ने कहा कि जब भगवान को भक्तों पर कृपा करनी होती है तो भगवान भक्तों की परीक्षा लेते हैं और सर्वप्रथम भक्त को भगवान गरीब बना देते हैं दूसरी बार उसका जो सगा संबंधी होता है जिससे वह प्रेम करता है उससे उसका विचार करा देते हैं और तीसरी बार फिर भी भक्ति में लगा रहा तो भगवान संसार की सारी खुशियां उसके ऊपर डाल देते हैं कुछ लोग को भी पत्तियों में उलझ कर भगवान को भूल जाते हैं और जो लोग भगवान का भजन करना नहीं छोड़ते हैं भगवान उसको अपने समान धनवान बना देते हैं इसी प्रकार सुदामा जी के साथ भी हुआ भगवान ने गरीब बनाया और गरीबी आई तो सगे संबंधी अपने आप दूर हो गए संसार की सारी सा विपत्तियों को सुदामा जी के ऊपर डाल दिया परीक्षा लेने के लिए लेकिन सुदामा जी ने ईश्वर का भजन नहीं छोड़ा और अंकुर में द्वारिकाधीश है मैं अपने सामान अनाथ बना दिया इस अवसर पर अयोध्या धाम से आए आचार्य प्रशांत भूषण जी महाराज भक्तों को कथा श्रवण कराया

सुदामा चरित्र की कथा सुनकर के भाव विभोर हुए श्रोता


संतकबीर नगर-खलीलाबाद स्टेशन पुरवा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिवस में अयोध्या धाम से पधारे परम पूज्य आचार्य श्री प्रशांत भूषण जी महाराज नेक्स्ट कथा श्रवण कराते हुए सुदामा चरित्र भगवान के स्वधाम गमन की गमन की लीला एवं परीक्षित मोक्ष की दिव्य चर्चा की महाराज ने कहा कि जब भगवान को भक्तों पर कृपा करनी होती है तो भगवान भक्तों की परीक्षा लेते हैं और सर्वप्रथम भक्त को भगवान गरीब बना देते हैं दूसरी बार उसका जो सगा संबंधी होता है जिससे वह प्रेम करता है उससे उसका विचार करा देते हैं और तीसरी बार फिर भी भक्ति में लगा रहा तो भगवान संसार की सारी खुशियां उसके ऊपर डाल देते हैं कुछ लोग को भी पत्तियों में उलझ कर भगवान को भूल जाते हैं और जो लोग भगवान का भजन करना नहीं छोड़ते हैं भगवान उसको अपने समान धनवान बना देते हैं इसी प्रकार सुदामा जी के साथ भी हुआ भगवान ने गरीब बनाया और गरीबी आई तो सगे संबंधी अपने आप दूर हो गए संसार की सारी सा विपत्तियों को सुदामा जी के ऊपर डाल दिया परीक्षा लेने के लिए लेकिन सुदामा जी ने ईश्वर का भजन नहीं छोड़ा और अंकुर में द्वारिकाधीश है मैं अपने सामान अनाथ बना दिया इस अवसर पर अयोध्या धाम से आए आचार्य प्रशांत भूषण जी महाराज भक्तों को कथा श्रवण कराया

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