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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   -संतकबीरनगर : जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह व सदस्य सुशील देव ने बगैर निकासी के रुपये काटने के मामले को गम्भीरता से लेते हुए बैंक के खिलाफ फैसला सुनाया है। बैंक को काटे गए रकम को ब्याज के साथ रुपये सात हजार अतिरिक्त क्षतिपूर्ति का भुगतान करना पड़ेगा। धर्मसिंहवा थानाक्षेत्र के गांव निवासी मकसूद आलम ने अपने अधिवक्ता अन्जय कुमार श्रीवास्तव के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद दाखिल कर कहा कि वह सेंट्रल बैंक आफ इंडिया शाखा सांथा के बचत खाताधारक हैं। वह पांच दिसंबर 2019 को गोरखपुर गए थे जहां जरुरत पड़ने पर बैंक रोड पर स्थित एचडीएफसी के एटीएम मशीन से अपने डेविट कार्ड के जरिये रुपये दस हजार निकालने का प्रयास किया। दो बार प्रयास करने पर रुपये बीस हजार खाते से कट गए लेकिन उन्हें रुपये प्राप्त नही हुए। उसके बाद भी उन्होंने दो बार प्रयास किया जो रुपये उन्हें प्राप्त हुए। इसप्रकार कुल चालीस हजार उनके खाते से कट गए परंतु सिर्फ बीस हजार ही उन्हें मिला। इस बात की शिकायत उन्होंने अपने बैंक शाखा प्रबंधक समेत एचडीएफसी शाखा गोरखपुर व भारतीय रिजर्व बैंक को भी किया। उसके बाद भी उनके खाते में रुपये दस हजार ही वापस उनके खाते में आए। शेष दस हजार पाने के लिए शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई न होने पर मजबूर होकर न्यायालय की शरण में आना पड़ा। न्यायालय ने पत्रावली पर दाखिल प्रपत्रों व साक्ष्यों का अवलोकन करते हुए इसे बैंकिंग सेवा में त्रुटि मानते हुए बैंक के खिलाफ फैसला सुनाया है। काटे गए रुपये ब्याज समेत वापस करने के साथ रुपये पांच हजार मानसिक व शारीरिक क्षति तथा वाद व्यय के रुप मे रुपये दो हजार साठ दिनों के भीतर परिवादी को देने का निर्णय दिया है।

बगैर निकासी के रुपये काटना बैंक को पड़ा महंगा

 

  • जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनाया फैसला

संतकबीरनगर : जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह व सदस्य सुशील देव ने बगैर निकासी के रुपये काटने के मामले को गम्भीरता से लेते हुए बैंक के खिलाफ फैसला सुनाया है। बैंक को काटे गए रकम को ब्याज के साथ रुपये सात हजार अतिरिक्त क्षतिपूर्ति का भुगतान करना पड़ेगा।
धर्मसिंहवा थानाक्षेत्र के गांव निवासी मकसूद आलम ने अपने अधिवक्ता अन्जय कुमार श्रीवास्तव के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद दाखिल कर कहा कि वह सेंट्रल बैंक आफ इंडिया शाखा सांथा के बचत खाताधारक हैं। वह पांच दिसंबर 2019 को गोरखपुर गए थे जहां जरुरत पड़ने पर बैंक रोड पर स्थित एचडीएफसी के एटीएम मशीन से अपने डेविट कार्ड के जरिये रुपये दस हजार निकालने का प्रयास किया। दो बार प्रयास करने पर रुपये बीस हजार खाते से कट गए लेकिन उन्हें रुपये प्राप्त नही हुए। उसके बाद भी उन्होंने दो बार प्रयास किया जो रुपये उन्हें प्राप्त हुए। इसप्रकार कुल चालीस हजार उनके खाते से कट गए परंतु सिर्फ बीस हजार ही उन्हें मिला। इस बात की शिकायत उन्होंने अपने बैंक शाखा प्रबंधक समेत एचडीएफसी शाखा गोरखपुर व भारतीय रिजर्व बैंक को भी किया। उसके बाद भी उनके खाते में रुपये दस हजार ही वापस उनके खाते में आए। शेष दस हजार पाने के लिए शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई न होने पर मजबूर होकर न्यायालय की शरण में आना पड़ा।
न्यायालय ने पत्रावली पर दाखिल प्रपत्रों व साक्ष्यों का अवलोकन करते हुए इसे बैंकिंग सेवा में त्रुटि मानते हुए बैंक के खिलाफ फैसला सुनाया है। काटे गए रुपये ब्याज समेत वापस करने के साथ रुपये पांच हजार मानसिक व शारीरिक क्षति तथा वाद व्यय के रुप मे रुपये दो हजार साठ दिनों के भीतर परिवादी को देने का निर्णय दिया है।

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