माननीय हाई कोर्ट इलाहाबाद के आदेश के अनुसार अगर कोई भी दुष्कर्म पीड़िता न्यायालय में अपने दिए हुए बयान से पलटती है तो , सरकार के द्वारा दिया गया मुआवाजे की पूर्ण राशि वापस कोषागार में जमा करनी होगी । यह मामला बुलंदशर के अनूप शहर इलाके का है , इसमें एक आरोपी के जमानत के सुनवाई के दौरान पीड़िता अपने पूर्व बयान से पलट गई । इस पर माननीय न्यायाधीश संजय कुमार सिंह ने न्यायालय का निर्णय देते समय जो टिप्पणी दी वह भविष्य में ऐसे मामले जो दुष्कर्म से संबंध रखते हो, उनके लिए एक नए आयाम की तरह है ।
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में पीड़िता को सरकार की तरफ से मुआवजा मिलता है। अगर पीड़िता अपने पूर्व बयान से पलटती है तो वह सरकार द्वारा मिलने वाले मुआवजे के लिए योग्य नहीं होगी। उन्होंने बताया कि क्योंकि ये मुआवजा कर दाताओं के पैसे से दिया जाता है, इसलिए अपने बयान से पलटने की स्थिति में पीड़िता को यह राशि पूर्ण रूप से कोषागार में जमा करानी होगी तथा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ३४४ के तहत उस पर कार्यवायी भी की जाएगी ।
ऐसा इसलिए है क्योंकि की जब भी कभी भी दुष्कर्म में कोई भी व्यक्ति आरोपित हो जाता है तो समाज में उसे आजीवन एक अलग निगाह से देखा जाता हैं भले ही वह भविष्य में इस मामले में दोषमुक्त ही क्यों न हो जाए ।