संतकबीरनगर जिले के जिला मुख्यालय स्थित प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान सूर्या इंटरनेशनल एके डमी और जीपीएस पीजी कॉलेज में बड़े ही धूमधाम से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और गुदड़ी के लाल कहे जाने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई। इस दौरान सूर्या ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी, सूर्या इंटरनेशनल एके डमी की एक्जीक्यूटिव एमडी श्रीमती सविता चतुर्वेदी ने दोनों संस्थानों में ध्वजारोहण के पूर्व गांधी जी और शास्त्री जी के चित्र पर पुष्प अर्पण करने के साथ पूर्वांचल के मालवीय स्वर्गीय पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस दौरान एकेडमी के शिक्षक शिक्षिकाओं ने MD डाक्टर उदय प्रताप चतुर्वेदी और एकजक्यूटिव MD श्रीमती सविता चतुर्वेदी का बुके आदि भेंटकर स्वागत किया। स्वागत के क्रम् मे प्रिंसिपल रविनेश श्रीवास्तव ने MD डाक्टर उदय प्रताप चतुर्वेदी और वरिष्ठ शिक्षिका तपस्या रानी ने एकजक्यूटिव MD श्रीमती सविता चतुर्वेदी को बुके आदि भेंटकर स्वागत कार्यक्रम की शुरुवात की। इस दौरान आये हुए अतिथितियों के सम्मान मे स्वागत गीत भी गाये। स्वागत के क्रम मे एक ऐसा भी वक्त आया जब वरिष्ठ शिक्षक् बलराम ट्रिपाठी जिले के प्रथम नागरिक यानी जिला पंचायत अध्यक्ष बलराम यादव का स्वागत करने फूलो का हार लिए पहुंचे, इससे पहले वो जिला पंचायत् अध्यक्ष को फूलों की माला पहनाते कि खुद ही बलराम यादव ने गुरु बलराम त्रिपाठी को माला पहनाकर उनका स्वागत कर दिया और उन्हे बुके भी भेंट किया। गांधी शास्त्री जयंती के इस अवसर पर शिक्षकों और प्रबंध तंत्र ने अपने विचार रखते हुए सभी से गांधी जी और शास्त्री जी के बताये गये मार्ग पर चलने की अपील की। MD डॉक्टर उदय प्रताप चतुर्वेदी ने कहा कि देश के दोनों महान विभूतियों को नमन करने के बाद अपने सम्बोधन मे कहा कि एक दूसरे की भावना को समझना, दूसरों की पीड़ा को दूर करने का प्रयत्न करना यही इस देश और राष्ट्रपिता गांधी जी की मूल भावना है। वहीं एकजक्यूटिव MD श्रीमती सविता चतुर्वेदी ने कहा कि महात्मा गांधी सत्य-अहिंसा के पुजारी थे। देश की आजादी में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। बापू ने सत्य-अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया में स्थापित किया। उन्होंने कहा कि आज गांधी जी और शास्त्री जी के विचारों को जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है।
वहीं इस अवसर पर एकेडमी के प्रिंसपल रविनेश श्रीवास्तव ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सत्य-अहिंसा का पुरोधा बताया। जबकि वरिष्ठ शिक्षक व वाइस प्रिंसिपल शरद त्रिपाठी ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को युगपुरूष बताते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने का लोगो को संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि गांधी जी एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने अहिंसा के सिद्धांत के बदौलत अंग्रेजों को देश छोड़ने को मजबूर कर दिया, और भारत को गुलामी की बेड़ियों से आजाद कराया।