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"मोती" के तिलिस्म को तोड़ पाना विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती - Satyamev Times Media Network.
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खबर सार
संघ (RSS) की पाठशाला से निकल कर सक्रिय राजनीति मे ध्रुव तारा बनकर चमकने वाले मोतीलाल जायसवाल की पहचान एक जमीनी नेता के रूप मे होती है। पिछले एक दशक से मेंहदावल नगर की सत्ता के शीर्ष पर काबिज मोतीलाल जायसवाल एक बार फिर चुनावी मैदान मे आ रहें हैं, चुनावी गुणा गणित के महारथी मोतीलाल जायसवाल इस बार ऐसा तिलिस्म तैयार कर चुके हैं जिसे भेद पाना विपक्ष के बूते की बात नही। ये हम नही राजनीति के जानकारों का दावा है।
संतकबीरनगर - वार्डो की आरक्षण सूची जारी होने के साथ ही नगर निकाय चुनाव का एलान हो चुका है, चुनाव मे प्रत्याशिता के दावे के साथ राजनैतिक दलों के लोग खुद की जीत का दावा भी करने शुरु कर दिये हैं। हम यहाँ बात करेंगे नगर पंचायत मेंहदावल की जिसपर पिछले एक दशक से मोतीलाल जायसवाल का कब्जा बरकरार है। संघ की भट्ठी से तपकर निकलने वाले मोतीलाल जायसवाल जहाँ खुद इस नगर पंचायत के अध्यक्ष रहे वहीं मौजूदा समय मे उनकी पत्नी श्रीमती प्रमिला जायसवाल नगर पंचायत मेंहदावल की अध्यक्षा है।
कभी बसपा के टिकट पर खुद और पत्नी को नगर पंचायत की कुर्सी पर कब्जा हासिल करने वाले मोतीलाल जायसवाल फिलहाल भाजपा मे है और पार्टी से टिकट के प्रबल दावेदार है। विषम परिस्थितियों से निपटने की कला मे महारथ मोतीलाल जायसवाल लगातार जनता से सीधे जुड़े रहे। युवा अवस्था से ही मोतीलाल जायसवाल संघ और भाजपा के कार्यक्रमो में रहते हुए तत्कालीन एमएलसी मनीष जायसवाल के प्रतिनिधि के रूप में राजनीति की मुख्यधारा से जुड़े थे। वर्ष 2006-07 से लेकर अबतक  उनकी पहचान जिले में एक जमीनी नेता के रूप में की जाती है। खुद के कार्यकाल और पत्नी के अबतक के कार्यकाल में मेंहदावल नगरपंचायत क्षेत्र में विकास की नई इबारत लिख उन्होंने जनादेश का भी पूरा सम्मान किया।   राजनैतिक जानकारों का मानना है कि संघ और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की पहली पसंद मोतीलाल ही बन सकतें हैं क्योकि पार्टी की भी यही मंशा है कि नगर निकाय के चुनाव मे बेहतर परिणाम मिले इसलिए पार्टी मोतीलाल जायसवाल के नाम को फइनल कर सकती हैं।  राजनीति के जानकार बताते हैं कि मोतीलाल का जोड़ मेंहदावल मे कोई और नही क्योंकि मोतीलाल जायसवाल आमजन के साथ ही सजातीय वोटरों मे बड़ी पकड़ रखतें हैं।  मोतीलाल जायसवाल इस बार भी नगर की सत्ता की चाभी खुद के हाथ मे रखना चाहतें हैं जिसके लिए उन्होंने जो तिलिस्म तैयार किया है उसमे विपक्षी उलझ के रह जाएंगे। नगरीय इलाके साथ सीमा विस्तारित क्षेत्रो मे लगातार उपस्थिति के साथ उसके विकास का मास्टर प्लान तैयार करने वाले मोतीलाल जायसवाल नगर निकाय चुनाव के रिंगमास्टर कहे जाते है जिनसे सभी दलों की सीधी लड़ाई रहती तो है पर मोती लाल के तिलिस्म को लोग भेद नही पाते हैं।

“मोती” के तिलिस्म को तोड़ पाना विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती

खबर सार
संघ (RSS) की पाठशाला से निकल कर सक्रिय राजनीति मे ध्रुव तारा बनकर चमकने वाले मोतीलाल जायसवाल की पहचान एक जमीनी नेता के रूप मे होती है। पिछले एक दशक से मेंहदावल नगर की सत्ता के शीर्ष पर काबिज मोतीलाल जायसवाल एक बार फिर चुनावी मैदान मे आ रहें हैं, चुनावी गुणा गणित के महारथी मोतीलाल जायसवाल इस बार ऐसा तिलिस्म तैयार कर चुके हैं जिसे भेद पाना विपक्ष के बूते की बात नही। ये हम नही राजनीति के जानकारों का दावा है।
संतकबीरनगर – वार्डो की आरक्षण सूची जारी होने के साथ ही नगर निकाय चुनाव का एलान हो चुका है, चुनाव मे प्रत्याशिता के दावे के साथ राजनैतिक दलों के लोग खुद की जीत का दावा भी करने शुरु कर दिये हैं। हम यहाँ बात करेंगे नगर पंचायत मेंहदावल की जिसपर पिछले एक दशक से मोतीलाल जायसवाल का कब्जा बरकरार है। संघ की भट्ठी से तपकर निकलने वाले मोतीलाल जायसवाल जहाँ खुद इस नगर पंचायत के अध्यक्ष रहे वहीं मौजूदा समय मे उनकी पत्नी श्रीमती प्रमिला जायसवाल नगर पंचायत मेंहदावल की अध्यक्षा है।
कभी बसपा के टिकट पर खुद और पत्नी को नगर पंचायत की कुर्सी पर कब्जा हासिल करने वाले मोतीलाल जायसवाल फिलहाल भाजपा मे है और पार्टी से टिकट के प्रबल दावेदार है। विषम परिस्थितियों से निपटने की कला मे महारथ मोतीलाल जायसवाल लगातार जनता से सीधे जुड़े रहे। युवा अवस्था से ही मोतीलाल जायसवाल संघ और भाजपा के कार्यक्रमो में रहते हुए तत्कालीन एमएलसी मनीष जायसवाल के प्रतिनिधि के रूप में राजनीति की मुख्यधारा से जुड़े थे। वर्ष 2006-07 से लेकर अबतक  उनकी पहचान जिले में एक जमीनी नेता के रूप में की जाती है। खुद के कार्यकाल और पत्नी के अबतक के कार्यकाल में मेंहदावल नगरपंचायत क्षेत्र में विकास की नई इबारत लिख उन्होंने जनादेश का भी पूरा सम्मान किया।   राजनैतिक जानकारों का मानना है कि संघ और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की पहली पसंद मोतीलाल ही बन सकतें हैं क्योकि पार्टी की भी यही मंशा है कि नगर निकाय के चुनाव मे बेहतर परिणाम मिले इसलिए पार्टी मोतीलाल जायसवाल के नाम को फइनल कर सकती हैं।  राजनीति के जानकार बताते हैं कि मोतीलाल का जोड़ मेंहदावल मे कोई और नही क्योंकि मोतीलाल जायसवाल आमजन के साथ ही सजातीय वोटरों मे बड़ी पकड़ रखतें हैं।  मोतीलाल जायसवाल इस बार भी नगर की सत्ता की चाभी खुद के हाथ मे रखना चाहतें हैं जिसके लिए उन्होंने जो तिलिस्म तैयार किया है उसमे विपक्षी उलझ के रह जाएंगे। नगरीय इलाके साथ सीमा विस्तारित क्षेत्रो मे लगातार उपस्थिति के साथ उसके विकास का मास्टर प्लान तैयार करने वाले मोतीलाल जायसवाल नगर निकाय चुनाव के रिंगमास्टर कहे जाते है जिनसे सभी दलों की सीधी लड़ाई रहती तो है पर मोती लाल के तिलिस्म को लोग भेद नही पाते हैं।

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