संतकबीरनगर जिले के नगरपालिका परिषद खलीलाबाद के चेयरमैन श्याम सुंदर वर्मा इस बार भी नगर निकाय चुनाव मे सत्तारूढ़ दल भाजपा से टिकट के सबसे प्रबल दावेदार हैं।
कभी छात्र संघ की राजनीति रूपी भट्ठी से तपकर निकले मौजूदा चेयरमैन का पूरा कार्यकाल काँटों भरा रहा। साल 2017 मे नगर पालिका जो ताज़ उन्हे मिला वो ताज़ काँटों से भरा मिला था, वर्ष 2017 मे अपने निकटतम प्रतिद्वंद रहे जगत जायसवाल को 159 मतों से हराया था। जीत के बाद श्याम सुंदर वर्मा लगातार 02 वर्षो तक अपने ही दल के लोगों के निशाने पर रहे। साथ ही पूर्व चेयरमैन जगत जायसवाल द्वारा पुनर्मतगणना के लिए कोर्ट मे दायर याचिका के भंवर जाल मे भी फंसे रहें।
साल 2017 से 19 का सफर राजनैतिक विरोधियों को चित करने और कोर्ट के चक्कर लगाते कट गये, इस दौरान विकास कार्य आंशिक रूप से बाधित भी रहा।
फिर दौर आया प्राकृतिक आपदा कोरोना का ! लगभग 02 वर्षो तक कोरोना ने जमकर कहर बरपाया, सरकार अपना सारा धन वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने मे खर्च कर रही थी, इस दौरान जनप्रतिनिधियों के निधि को भी सरकार ने कोविड नियंत्रण मे लगा दिया, जाहिर सी बात है कि इस दौरान नगरपालिका के विकास के लिए भी पर्याप्त धन सरकार द्वारा रिलीज नही किया गया जिसके चलते तमाम जरूरी विकास कार्य जो होने चाहिए थे वो नही हो पाए। ऐसे मे विकास न होने का दोष सिर्फ श्याम वर्मा वर्मा को कत्तई नहीं दिया जा सकता क्योंकि खलीलाबाद के विकास के लिए उन्होंने जो मांगपत्र शासन को दिया था उसपर कोविड ने ग्रहण लगा दिया था।
कोविड के दौरान एक नगर सेवक की भूमिका मे आगे आकर उन्होंने जिस तन्मयता के साथ जनता की सेवा की उसे भला कौन भूल सकता है। कोविड काल मे पूरे नगर इलाके की स्वच्छता पर खासा फोकस देने वाले श्याम सुंदर वर्मा ने स्थानीय गरीबो के साथ प्रवासी मजदूरों की भी जमकर मदद की। जो भी परिवार कोविड से ग्रस्त मिला उसके घरों समेत पूरे क्षेत्र को सेनेटाइज कराने के साथ उन्होंने सब की सेवा की, गरीबो मे मुफ्त राशन् वितरण के साथ सभी को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई।
आज टिकट की दावेदारी करने वाले जिन जिन नेताओं के होर्डिंग बैनर से शहर पटा पड़ा है उस दौरान यानी कोविड के समय ये सभी खुद को अपने घरों मे कैद कर लिए थे, आज होर्डिंग पोस्टर लगाकर टिकट की दावेदारी करने वालों के साथ पूर्व के चेयरमैन भी कोविड के समय जनता से दूरी बना लिए थे लेकिन महामारी कोरोना के बीच हर किसी के लिए आगे आये चेयरमैन श्याम ने नर सेवा ही नारायण सेवा के कथन को सच साबित किया था। परिवार समेत कोरोना की चपेट मे आने के बाबजूद श्याम सुंदर ने मुश्किल भरी इस घड़ी मे जनता की मदद की।पूरे कार्यकाल के दौरान निरंतर क्षेत्र के विकास के लिए प्रयासरत रहे चेयरमैन श्याम सुंदर वर्मा संघ और पार्टी के कार्यक्रमों मे बढ़चढ़कर शिरकत भी करते रहे।
2022 के विधान सभा चुनाव मे पार्टी प्रत्याशी की जीत मे अहम रोल अदा करने वाले श्याम सुंदर वर्मा के संघर्ष समय के साथ जब रंग लाने शुरु कर दिये तब कई सारे विकास कार्यों को गति मिली। जिन सड़को के निर्माण के प्रति पूर्व के चेयरमैनो ने ध्यान नही दिया था, जो मार्ग उपेक्षा के शिकार थे उनपर कार्य हुआ। बात चाहे जर्जर हो चुके स्टेशन रोड की हो या नेहरू कॉलेज से मिश्रौलिया तक के सड़क के निर्माण अथवा घोरखल से लेकर गौसपुर का मार्ग हो उन सभी के साथ अन्य कार्य अपने अंजाम तक पहुंचे। आजादी के बाद से लेकर इस सत्र तक जो गोलाबाजार हर साल जलजमाव से जूझता था वहाँ की उस समस्या को खत्म कराया, मीट मंडी को एक मजबूत सड़क प्रदान करते हुए चेयरमैन श्याम सुंदर वर्मा ने सुगर मिल से लेकर मडया तक को जोड़ने वाली सड़क का कायाकल्प कराया।
विभिन्न मुहल्लों मे भी विकास के कार्य कराते हुए चेयरमैन ने शहर को आकर्षक रूप देने के लिए डिवाइडर बनवाया जिसपर अत्याधुनिक लाइट लगवाया। वर्षो से उपेक्षित पड़ी शहीदों और महापुरुषों की प्रतिमाओं का जीर्णोद्धार करते हुए उन्होंने राष्ट्रप्रेम की भावना से ओतप्रोत होकर मेंहदावल चौक पर भव्य तिरंगा फहराया। इसके अतिरिक्त नगर पालिका क्षेत्र व सीमा विस्तारित क्षेत्रों मे रौशनी के लिए हाई मास्क लाइट लगवाया।
सुगर मिल रोड पर जिम और कई व्यवसायिक दुकानों का निर्माण कराने वाले श्याम सुंदर वर्मा विवादों मे भी घिरे, आरोप था कि जिम और दुकानों के निर्माण मे अनियमियत्ता बरती गयी है। मामला जांच के दायरे मे चल रहा है जिसको लेकर चेयरमैन श्याम सुंदर वर्मा का ये कहना कि कुछ शाजिसकर्ताओं ने सुनियोजित साजिस कर मामले की झूठी शिकायत की है जिसकी जांच चल रही है, जल्द ही मामले का हल सामने आएगा जिसके बाद बनी दुकाने कई लोगो को रोजगार देने के साथ इलाके को गुलजार भी करेंगी।
विकास कार्यों की कड़ी मे उनके ही प्रयास से समय माता मंदिर पोखरे का सुंदरी करण का कार्य शुरु हुआ, जल्द ही इंडस्ट्रीयल एरिया मे एक बड़ा पार्क भी बनकर तैयार हो जाएगा। पूरे कार्यकाल के दौरान जहाँ पूर्व के चेयरमैन जनता से दूरी बनाकर चले वहीं श्याम सुंदर वर्मा जनता के लिए हमेशा सुलभ सुगम बने रहे, जनता के बीच उपस्थित रहकर उन्होंने सभी की समस्याओं को सुना और उसका निराकरण करवाया।
तमाम गरीब बेटियों की शादियों मे गुप्तदान करने वाले श्याम सुंदर वर्मा इस बार भी अपनी जनसेवा के बदौलत पार्टी से टिकट की मांग कर रहें हैं। व्यापारियों के बीच गहरी पैठ रखने वाले श्याम सुंदर वर्मा हमेशा उनके हितों के लिए लड़ाई लड़ी, हालियाँ समय मे GST जांच के नाम पर व्यापारी उत्पीड़न का मामला सामने आने पर वो व्यापारियों की मदद को आगे आकर उनकी मदद भी की। उन्होंने ये दावा किया कि जो विकास कार्य अभी नही हो सके वो करवाते हुए नगरपालिका को एक आदर्श नगरपालिका बनाने का उनका सपना है जो निश्चित तौर पर जनता के आशीर्वाद से उन्हे प्राप्त होगा। श्याम सुंदर वर्मा को पार्टी टिकट देगी या नही ये हम नही कह सकते पर उन्हे पार्टी के प्रति अपनी सेवा, समर्पण और निष्ठा पर पूरा भरोसा है।