यूँ तो खाकी अपने कारनामो के लिए अक्सर चर्चा मे रहती है, कभी फेक एनकाउंटर तो कभी अपराधियों से मुठभेड़ के दौरान गोली खत्म होने पर मुंह से ठायं ठायं की आवाज निकालने वाली पुलिस का एक नया कारनामा यूपी के संतकबीरनगर जिले मे उस वक्त देखने को मिला जब डी.आई.जी आर.के भारद्वाज विभिन्न थानों का निरीक्षण करने के बाद शहर कोतवाली पहुंचे थे। जहाँ माक ड्रिल के दौरान एक सब इंस्पेक्टर से जब उन्होंने बंदूक मे गोली भरकर फायर करने को बोला और उसे गोली देते हुए कहा कि इसे बंदूक मे भरकर फायर करो तब उस सब इंस्पेक्टर ने बंदूक की नली के अगले हिस्से मे उपर से गोली भर फायर करने की कोशिस करने लगा जिसे देख वहाँ मौजूद एसपी सोनम कुमार समेत अन्य सीनियर अफसर हसने लगे। सत्यमेव टाइम्स के कैमरे मे कैद इस तस्वीर को आप भी देखे… हाथ मे गन लेकर उसकी नली मे गोली भरने का कारनामा करने वाले इस सब इंस्पेक्टर साहब का नाम है श्याम मोहन जो शहर कोतवाली के कांटे चौकी के चौकी इंचार्ज है, जिन साहब के कंधो पर इलाके की सुरक्षा का भार है वही साहब बंदूक मे गोली नही भर पा रहे, बंदूक मे गोली कहाँ भरी जाती है इसका ज्ञान भी साहब को नही है, पुलिस मे भरती होने के बाद साहब ने क्या ट्रेनिंग ली? क्या ट्रेनिंग मे उन्हे गोली भरना और बंदूक चलाना नही सिखाया गया ? ऐसे दरोगा की महत्वपूर्ण चौकी पर तैनाती अपने आप मे कई सारे सवालिया निशान खड़ा करते है। सवाल महकमे के आला अफसरों से भी यही कि कांटे चौकी की जिम्मेदारी श्याम मोहन दरोगा को देते वक्त क्या उनकी योग्यता का परीक्षण नही किया गया। गौरतलब हो कि यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश से अपराध खत्म अपराधी खत्म करने की बात पुलिस के बल पर ही करते है, अब सीएम साहब भी ये बताये कि क्या ऐसे ही दरोगा के बल पर अपराध पर लगाम लग पायेगा? क्या मुंह से गोली चलाने और ठांय-ठांय की आवाज निकालने से अपराध खत्म होंगे, क्या ऐसे दरोगाओं के बल पर जिन्हे बंदूक मे गोली भरना नही आता उनके बल पर अपराध खत्म होंगे?