संतकबीरनगर-बुनियादी शिक्षा के महत्व को घर-घर तक पहुंचाएं
सेमरियावां-धार्मिक शिक्षा गोष्ठी का आयोजन कड़जा स्थित मदरसे में शुक्रवार को देर रात हुआ। वक्ताओं ने कहा की मस्जिद मदरसे दीन के किले हैं। बुनियादी शिक्षा के महत्व को घर घर तक पहुंचाएं। कोई भी बच्चा शिक्षा वंचित न रहे। डाॅ0 वकील अहमद रहमानी ने कहा की बच्चों को शिक्षा से वंचित न रखें। स्कूल कालेज मदरसे की स्थापना करें। दिल खोलकर सहयोग करें। गरीब असहाय बच्चों की शिक्षा गांव-गांव उचित प्रबंध करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना मो उमर कासमी जिला अध्यक्ष जमीयत उलमा हिंद संचालन मौलाना गुफरान अहमद नदवी ने किया। इस अवसर मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया। यह बच्चे हुए पुरस्कृत नुजहतफातमा, हिरा खातून, साइमा आफरीन, मुबशशेरा, बुशरा सारा खातून, सादिया, मो साद आदि को पुरस्कृत किया गया। शायर फखरूल इस्लाम ने कहा जिनसे काबा ही नही सारा जहां है सजा वह है महबूब खुदा मौलाना अजीजुर्रहमान कासमी ने कहा की गरीब की मदद करना सबसे पुण्य का काम है। तुम अपने आपको अपने बच्चों को जहन्नम से बचाओ। लोगों के दिल से दीन की रूह निकल गई है। धर्म का महत्व लोगों के ह्रदय से समाप्त हो रहा है। धार्मिक और नैतिक शिक्षा से सभ्य समाज का निर्माण होगा। सबसे पहले नमाज पढ़ने का हुक्म दिया गया। नमाज बुराइयों से रोकती है। माता-पिता अपने बच्चों को सही तरीके से पालन पोषण करें, चरित्र वान बनाएं। बच्चों का सबसे पहला मदरसा मां की गोद है। बचपन में दी गई शिक्षा दीक्षा पत्थर की लकीर होती है। छोटे बड़े सभी गांवों में स्कूल मदरसे कायम करें। मकतब मदरसे दीन की रूह हैं। इस अवसर पर मो0 अहमद जिला पंचायत सदस्य, मुजीबुल्लाह प्रिंसिपल, जमाल अहमद प्रिंसिपल, जफीर अली करखी, मो0 यूसुफ नदवी, अब्दुल्लतीफ, अब्दुल मुत्तलिब, एजाज अहमद अचछू, कारी नसीरुद्दीन, मुश्ताक अहमद सहित बड़ी संख्या ग्रामीण मौजूद रहे।