■ निडर और बेबाक पत्रकार थे मोहम्मद मुस्लिम सिद्दीक़ी
■ ढाई दशक पहले किया था उर्दू टीचर एसोसिएशन का गठन
सेमरियावा।
बस्ती मंडल की पत्रकारिता एवं शिक्षा जगत का एक और नायाब सितारा अस्त हो गया।पत्रकार से शिक्षक बने मोहम्मद मुस्लिम सिद्दीक़ी साहब का शनिवार के दिन इंतकाल हो गया है।उनके निधन से मंडल के शिक्षकों और पत्रकारों में शोक व्याप्त है।सिद्धार्थनगर ज़िले के डुमरियागंज क्षेत्र के रहने वाले सिद्दीक़ी साहब के ज़िंदगी का अधिकांश हिस्सा बस्ती शहर में गुजरा।इन्होंने पत्रकारिता तथा शिक्षा के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
बस्ती मंडल के सीनियर पत्रकार मोहम्मद मुस्लिम सिद्दीक़ी दैनिक बस्ती चर्चा तथा साप्ताहिक वतन का वफादार अखबार के संपादक और उर्दू टीचर एसोसिएशन के संस्थापक सदर भी रहे।सिद्दीक़ी साहब डुमरियागंज क्षेत्र के रहने वाले थे।इनके जीवन का अधिकांश हिस्सा बस्ती शहर में गुजरा।इन्होंने पत्रकारिता क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई।सिद्दीक़ी साहब एक बेबाक निडर और खुद्दार पत्रकार थे।सन 1994 में उर्दू अध्यापक बने।उन्ही के नेतृत्व में उर्दू टीचर एसोसीएशन का गठन हुआ और वह एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष भी चुने गए।अभी 31 मार्च 23 को बेसिक शिक्षा विभाग से रिटायर हुए हैं।कई दिनों से बीमार चल रहे थे।इनके परिवार में पत्नी सहित एक पुत्र चार पुत्री हैं।
सिद्दीकी साहब का चालीस वर्ष से अधिक समय तक पत्रकारिता और शिक्षा क्षेत्र में योगदान रहा।पत्रकारिता क्षेत्र में इन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई थी।उनके निधन पर प्राथमिक शिक्षक संघ,जूनियर शिक्षक संघ,अखिल भारतीय उर्दू शिक्षक संघ,ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन से जुड़े शिक्षक ,शिक्षक पदाधिकारियों,पत्रकार गण ने शोक जताया है।प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष जफीर अली करखी,ब्लॉक अध्यक्ष मो आजम,मंत्री मो शोएब अख्तर,राम निवास,जुनियर शिक्षक संघ के जिला महामंत्री अब्दुररहीम,जिला उपाध्यक्ष जलालुद्दीन अंसारी, शमीम अहमद, असरारुल हक, कमाल अहमद, मुबारक हुसैन, अब्दुल अजीम,जुबेर अहमद,अशरफ अली सिद्दीकी,ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के ज़िला संरक्षक के.डी.सिद्दीक़ी,तहसील खलीलाबाद अध्यक्ष मो अदनान दुर्रानी,महेंद्र श्रीवास्तव, मसरूर खान,मुनव्वर खान,मोहम्मद परवेज अख्तर,तरीक़त हुसैन,नूर आलम सिद्दीकी,नफीस सिद्दीकी,जावेद अहमद आदि पत्रकारों ने सिद्दीक़ी साहब के निधन पर शोक व्यक्त हुए उनके मगफिरत की दुआ की और शोक संतृप्त परिवार को ढाढस बंधाया।