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SBI के पूर्व मैनेजर व बीमा कंपनी के रीजनल मैनेजर को 9.12 लाख अदा करने का उपभोक्ता आयोग ने दिया आदेश - Satyamev Times Media Network.
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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   अधिवक्ता अन्जय कुमार श्रीवास्तव के बहस पर जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनाया फैसला संत कबीर नगर : भारतीय स्टेट बैंक एडीबी खलीलाबाद के पूर्व शाखा प्रबंधक तथा एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक को खाताधारक का पैसा बीमा पॉलिसी में लगाना महंगा पड़ गया। जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सिंह व सदस्य श्रीमती संतोष ने दोनों लोगों के खिलाफ फैसला सुनाया है। जमाधन से कटौती किए गए धनराशि रुपए आठ लाख 92 हजार 956 को आठ प्रतिशत ब्याज के साथ रुपए 30 हजार अतिरिक्त 60 दिनों के भीतर परिवादिनी को अदा करने का आदेश दिया है। कोतवाली खलीलाबाद थाना क्षेत्र के बड़गो गांव निवासिनी सावित्री सिंह ने अपने अधिवक्ता अन्जय कुमार श्रीवास्तव के माध्यम से न्यायालय में मुकदमा दाखिल कर कहा कि उनके पति राम बचन सिंह नागपुर में कोलमाइंस में काम करते थे। वह 20 वर्षों से शुगर और ब्लड प्रेशर की बीमारी से पीड़ित थे। वर्ष 2007 में हुए सेवानिवृत्त हुए थे। वर्ष 2018 में उनकी कृषि योग्य भूमि सरकार के द्वारा नहर के लिए अधिग्रहित कर ली गई। मुआवजे के रूप में रुपये 27 लाख 45 हजार 600 रुपए उन्हें प्राप्त हुआ था। उनके पति का एक बचत खाता भारतीय स्टेट बैंक एडीबी शाखा खलीलाबाद में था। वह अपने मुआवजे की धनराशि से 22 लाख रुपए ऐसी योजना में जमा करना चाहते थे जिससे एक निश्चित ब्याज उन्हें प्रतिमाह मिलता रहे और उनका पैसा भी सुरक्षित रहे। स्टेट बैंक एडीबी शाखा के पूर्व शाखा प्रबंधक व फैसिलिटेटर दिलीप कुमार सिंह ने उनके पैसे को एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस में यह कहते हुए जमा करा दिया कि उन्हें प्रत्येक माह ब्याज के रूप में रुपये 16 हजार 106 मिलता रहेगा और उनका पूरा पैसा भी सुरक्षित रहेगा। उनके पति को प्रत्येक माह रुपये 16 हजार 106 प्राप्त होता रहा। दिनांक 6 जुलाई 2022 को उनके पति की मृत्यु हो गई। उनके पति के खाते में 53 माह तक भेजे गए रुपए आठ लाख 53 हजार 618 तथा रुपये 39 हजार 338 की और कटौती करते हुए महज 13 लाख सात हजार 44 भेजा गया। परिवादिनी ने यह आरोप लगाया कि उनके पति की इच्छा इस प्रकार के पालिसी को लेने की बिल्कुल नही थी। बीमा कंपनी और पूर्व शाखा प्रबंधक के द्वारा उनके धनराशि का बंदरबांट करके उन्हें आर्थिक, शारीरिक और मानसिक क्षति पहुंचाया गया है। न्यायालय ने पत्रावली पर दाखिल पर प्रपत्रों और साक्ष्यों का अवलोकन करने तथा अधिवक्ता के बहस को सुनने के पश्चात भारतीय स्टेट बैंक एडीबी शाखा खलीलाबाद के पूर्व शाखा प्रबंधक दिलीप कुमार सिंह तथा एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के क्षेत्रीय प्रबंधक के खिलाफ फैसला सुनाते हुए कटौती किए गए संपूर्ण धनराशि का भुगतान आठ प्रतिशत ब्याज के साथ तथा क्षतिपूर्ति के रुप में रुपये 30 हजार अतिरिक्त 60 दिनों के भीतर भुगतान करने का आदेश दिया है।

SBI के पूर्व मैनेजर व बीमा कंपनी के रीजनल मैनेजर को 9.12 लाख अदा करने का उपभोक्ता आयोग ने दिया आदेश

 

अधिवक्ता अन्जय कुमार श्रीवास्तव के बहस पर जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनाया फैसला

संत कबीर नगर : भारतीय स्टेट बैंक एडीबी खलीलाबाद के पूर्व शाखा प्रबंधक तथा एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक को खाताधारक का पैसा बीमा पॉलिसी में लगाना महंगा पड़ गया। जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सिंह व सदस्य श्रीमती संतोष ने दोनों लोगों के खिलाफ फैसला सुनाया है। जमाधन से कटौती किए गए धनराशि रुपए आठ लाख 92 हजार 956 को आठ प्रतिशत ब्याज के साथ रुपए 30 हजार अतिरिक्त 60 दिनों के भीतर परिवादिनी को अदा करने का आदेश दिया है।
कोतवाली खलीलाबाद थाना क्षेत्र के बड़गो गांव निवासिनी सावित्री सिंह ने अपने अधिवक्ता अन्जय कुमार श्रीवास्तव के माध्यम से न्यायालय में मुकदमा दाखिल कर कहा कि उनके पति राम बचन सिंह नागपुर में कोलमाइंस में काम करते थे। वह 20 वर्षों से शुगर और ब्लड प्रेशर की बीमारी से पीड़ित थे। वर्ष 2007 में हुए सेवानिवृत्त हुए थे। वर्ष 2018 में उनकी कृषि योग्य भूमि सरकार के द्वारा नहर के लिए अधिग्रहित कर ली गई। मुआवजे के रूप में रुपये 27 लाख 45 हजार 600 रुपए उन्हें प्राप्त हुआ था। उनके पति का एक बचत खाता भारतीय स्टेट बैंक एडीबी शाखा खलीलाबाद में था। वह अपने मुआवजे की धनराशि से 22 लाख रुपए ऐसी योजना में जमा करना चाहते थे जिससे एक निश्चित ब्याज उन्हें प्रतिमाह मिलता रहे और उनका पैसा भी सुरक्षित रहे। स्टेट बैंक एडीबी शाखा के पूर्व शाखा प्रबंधक व फैसिलिटेटर दिलीप कुमार सिंह ने उनके पैसे को एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस में यह कहते हुए जमा करा दिया कि उन्हें प्रत्येक माह ब्याज के रूप में रुपये 16 हजार 106 मिलता रहेगा और उनका पूरा पैसा भी सुरक्षित रहेगा। उनके पति को प्रत्येक माह रुपये 16 हजार 106 प्राप्त होता रहा। दिनांक 6 जुलाई 2022 को उनके पति की मृत्यु हो गई। उनके पति के खाते में 53 माह तक भेजे गए रुपए आठ लाख 53 हजार 618 तथा रुपये 39 हजार 338 की और कटौती करते हुए महज 13 लाख सात हजार 44 भेजा गया। परिवादिनी ने यह आरोप लगाया कि उनके पति की इच्छा इस प्रकार के पालिसी को लेने की बिल्कुल नही थी। बीमा कंपनी और पूर्व शाखा प्रबंधक के द्वारा उनके धनराशि का बंदरबांट करके उन्हें आर्थिक, शारीरिक और मानसिक क्षति पहुंचाया गया है।
न्यायालय ने पत्रावली पर दाखिल पर प्रपत्रों और साक्ष्यों का अवलोकन करने तथा अधिवक्ता के बहस को सुनने के पश्चात भारतीय स्टेट बैंक एडीबी शाखा खलीलाबाद के पूर्व शाखा प्रबंधक दिलीप कुमार सिंह तथा एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के क्षेत्रीय प्रबंधक के खिलाफ फैसला सुनाते हुए कटौती किए गए संपूर्ण धनराशि का भुगतान आठ प्रतिशत ब्याज के साथ तथा क्षतिपूर्ति के रुप में रुपये 30 हजार अतिरिक्त 60 दिनों के भीतर भुगतान करने का आदेश दिया है।

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