हजरत इमाम हुसैन की शहादत हमें जुल्म और नाइंसाफी के खिलाफ आवाज बुलन्द करने तथा सच्चाई की राह पर चलने की प्रेरणा देती है: जय चौबे
कुलदीप मिश्र
संतकबीरनगर: मोहर्रम इस्लामिक नए साल का आगाज है इस्लाम के प्रवर्तक पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन के बलिदान को याद करके हमें त्याग, समर्पण और सत्य के मार्ग का अनुसरण करना चाहिए, जिन्होंने कर्बला में सत्य, धर्म और न्याय को कायम रखने के लिए अपना बलिदान दिया।
उक्त बाते 313 खलीलाबाद सदर के पूर्व विधायक एवं सपा के कद्दावर, जनप्रिय नेता 62 लोकसभा संतकबीरनगर टिकट के प्रबल दावेदार दिग्विजय नारायण उर्फ जय चौबे ने मुहर्रम के मौके पर अपने संदेश में कहा है कि कर्बला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन की शहादत हमें जुल्म और नाइंसाफी के खिलाफ आवाज बुलन्द करने तथा सच्चाई की राह पर चलने की प्रेरणा देती है। उन्होंने ने कहा कि मोहर्रम का यह महीना इंसानियत, इंसाफ और इमान की राह पर कायम रहने का पैगाम देता है पैगंबर साहब के पोते हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद दिलाता है, जिन्होंने सच्चे विश्वास की वेदी पर अपना जीवन बलिदान कर दिया। “मुहर्रम हमें शांति अपनाने और भाईचारे और एकजुटता का संदेश फैलाने की याद दिलाता है।” अच्छाई और बलिदान को याद रखना मुहर्रम का असली अर्थ है, जो बलिदान की भावना का प्रतीक है। पूर्व विधायक ने कहा कि शहादत के इस महीने में हम सभी संकल्प लें कि अपने देश और प्रदेश की हिफाज़त के लिए हम हर तरह की कुर्बानी देने को तत्पर रहेंगे।