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 संतकबीरनगर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य की जिला बिलासपुर के सिविल लाइन एरिया की रहने वाली पीड़ित ने थाना खलीलाबाद में प्रार्थना पत्र दी कि फेसबुक के माध्यम से उसकी मुलाकात गोवर्धन सैनी से हुई जिसने बार-बार शादी का आग्रह किया तो घरवालों की रजामंदी से वह शादी को तैयार हुई तथा 11.12.20 को धूमधाम से घर,खानदान व मोहल्ले वालो के सामने छत्तीसगढ़ में शादी हुई।शादी में उसके घर वाले काफी सामान पांच लाख नगद, ढाई लाख का जेवर दहेज में दिए ।शादी के बाद गोवर्धन सैनी उसे लेकर खलीलाबाद गोस मंडी में रहने लगा ।शादी की करीब डेढ़ वर्ष बाद गोवर्धन का बैंक पासबुक देखा जिस पर समीर खान पुत्र नूरुल हसन खान निवासी सेमरा मगहर संतकबीरनगर अंकित था। पासबुक देखकर उसे जानकारी मिली कि उसके साथ धोखा धड़ी करते हुए जाति धर्म का नाम बदलकर उसे शादी के जाल में फसाया गया है ।समीर खान से उसने पूछी तो समीर खान उसे अपने घर ले गया जहां उसके पिता नूरुल हसन खान ,मा सर्वरी बेगम, भाई साहिल खान ने उसका धर्म परिवर्तन करा दिया तथा दबाव डालकर उसका नाम सादिया खातून रखने का दबाव बनाने लगे ।जब उसने विरोध किया तो और दहेज के रूप में बीस लाख रुपए मांगने का दबाव बनाने लगे।जब दहेज की मांग की पूर्ति नही हुई तब उसे पाकिस्तान के किसी मुबासिर अहमद गौरी नाम के लड़के से बेचने की बात किए ।उसे देखने आजमगढ़ से कोई व्यक्ति आया लेकिन उसके पेट मे गर्भ के कारण उसे नही खरीदा।पीड़िता ने बताया कि जबरिया नशीला पदार्थ खिलाकर उसका गर्भपात करा दिया गया । मामले में आरोपी नुरुल हसन,सर्वरी बेगम,मोना ने जमानत प्रस्तुत किया जिसे सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार वर्मा ने निरस्त कर दिए।

धर्म परिवर्तन कराने वाले आरोपियों की जमानत सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार वर्मा ने की निरस्त

 संतकबीरनगर
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य की जिला बिलासपुर के सिविल लाइन एरिया की रहने वाली पीड़ित ने थाना खलीलाबाद में प्रार्थना पत्र दी कि फेसबुक के माध्यम से उसकी मुलाकात गोवर्धन सैनी से हुई जिसने बार-बार शादी का आग्रह किया तो घरवालों की रजामंदी से वह शादी को तैयार हुई तथा 11.12.20 को धूमधाम से घर,खानदान व मोहल्ले वालो के सामने छत्तीसगढ़ में शादी हुई।शादी में उसके घर वाले काफी सामान पांच लाख नगद, ढाई लाख का जेवर दहेज में दिए ।शादी के बाद गोवर्धन सैनी उसे लेकर खलीलाबाद गोस मंडी में रहने लगा ।शादी की करीब डेढ़ वर्ष बाद गोवर्धन का बैंक पासबुक देखा जिस पर समीर खान पुत्र नूरुल हसन खान निवासी सेमरा मगहर संतकबीरनगर अंकित था। पासबुक देखकर उसे जानकारी मिली कि उसके साथ धोखा धड़ी करते हुए जाति धर्म का नाम बदलकर उसे शादी के जाल में फसाया गया है ।समीर खान से उसने पूछी तो समीर खान उसे अपने घर ले गया जहां उसके पिता नूरुल हसन खान ,मा सर्वरी बेगम, भाई साहिल खान ने उसका धर्म परिवर्तन करा दिया तथा दबाव डालकर उसका नाम सादिया खातून रखने का दबाव बनाने लगे ।जब उसने विरोध किया तो और दहेज के रूप में बीस लाख रुपए मांगने का दबाव बनाने लगे।जब दहेज की मांग की पूर्ति नही हुई तब उसे पाकिस्तान के किसी मुबासिर अहमद गौरी नाम के लड़के से बेचने की बात किए ।उसे देखने आजमगढ़ से कोई व्यक्ति आया लेकिन उसके पेट मे गर्भ के कारण उसे नही खरीदा।पीड़िता ने बताया कि जबरिया नशीला पदार्थ खिलाकर उसका गर्भपात करा दिया गया ।
मामले में आरोपी नुरुल हसन,सर्वरी बेगम,मोना ने जमानत प्रस्तुत किया जिसे सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार वर्मा ने निरस्त कर दिए।

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