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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   संतकबीरनगर जिले की सदर विधान सभा सीट से विधान सभा का चुनाव लड़ चुके आफताब आलम उर्फ गुड्डू भैया पार्टी से निष्कासित होने के बाबजूद पार्टी के प्रति निष्ठावान बने हुए है। राजनीति में अक्सर ये देखने को मिलता है किसी भी दल से निष्कासित होने के बाद नेता जहां उस पार्टी में खोंट निकाल उसकी बुराई करते हैं वहीं पूर्व विधान सभा प्रत्याशी आफताब आलम का पार्टी से ये लगाव ये बताने के लिए काफी है कि उनके लिए बसपा ही सब कुछ है। निष्कासन के बाबजूद पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता के बीच बने रहने वाले पूर्व बीएसपी प्रत्याशी आफताब आलम ने लोकसभा चुनाव को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रेस कांफ्रेंस अपने कार्यालय पर करते हुए खुद को बसपा का एक समर्पित और सच्चा सिपाही बताया। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि बसपा उनके रगो में है, पार्टी सुप्रीमो बहन मायावती जी हमारी ही नहीं लाखो कार्यकर्ताओं और नेताओं की अभिभावक है, उनका जो भी आदेश होगा उसका अक्षरश: पालन किए जाने का मैं प्रयास करता हूं। राजनीति में मेरी एंट्री समाजसेवा के जरिए हुई , बसपा ने मुझे बहुत कुछ दिया 2010 में मैं जिला पंचायत सदस्य बना, बसपा ने हमें दो बार असेंबली लड़ाया, एक बार पार्लियामेंट लड़ाया। बहुजन समाज पार्टी का बहुत एहसान है मुझ पर। मैं ज्यादा कुछ न कहकर बस अपनी नेता आदरणीया बहन मायावती जी को धन्यवाद देना चाहूंगा,उनका जो फैसला है वह हमारी सर आँखो पर है।

“आफताब” का बसपा प्रेम : निष्कासन के बाबजूद पार्टी के प्रति बनाए रखें हैं निष्ठा

 

संतकबीरनगर जिले की सदर विधान सभा सीट से विधान सभा का चुनाव लड़ चुके आफताब आलम उर्फ गुड्डू भैया पार्टी से निष्कासित होने के बाबजूद पार्टी के प्रति निष्ठावान बने हुए है। राजनीति में अक्सर ये देखने को मिलता है किसी भी दल से निष्कासित होने के बाद नेता जहां उस पार्टी में खोंट निकाल उसकी बुराई करते हैं वहीं पूर्व विधान सभा प्रत्याशी आफताब आलम का पार्टी से ये लगाव ये बताने के लिए काफी है कि उनके लिए बसपा ही सब कुछ है। निष्कासन के बाबजूद पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता के बीच बने रहने वाले पूर्व बीएसपी प्रत्याशी आफताब आलम ने लोकसभा चुनाव को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रेस कांफ्रेंस अपने कार्यालय पर करते हुए खुद को बसपा का एक समर्पित और सच्चा सिपाही बताया। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि बसपा उनके रगो में है, पार्टी सुप्रीमो बहन मायावती जी हमारी ही नहीं लाखो कार्यकर्ताओं और नेताओं की अभिभावक है, उनका जो भी आदेश होगा उसका अक्षरश: पालन किए जाने का मैं प्रयास करता हूं। राजनीति में मेरी एंट्री समाजसेवा के जरिए हुई , बसपा ने मुझे बहुत कुछ दिया 2010 में मैं जिला पंचायत सदस्य बना, बसपा ने हमें दो बार असेंबली लड़ाया, एक बार पार्लियामेंट लड़ाया। बहुजन समाज पार्टी का बहुत एहसान है मुझ पर। मैं ज्यादा कुछ न कहकर बस अपनी नेता आदरणीया बहन मायावती जी को धन्यवाद देना चाहूंगा,उनका जो फैसला है वह हमारी सर आँखो पर है।

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