संतकबीरनगर जिले में बीते 23 अक्तूबर 2023 की रात्रि में आयोजित डांडिया कार्यक्रम के दौरान दो पक्षों के बीच में हुए विवाद के मामले में तूल पकड़ता देख पुलिस आज दिन भर एलर्ट मोड पर रही। डांडिया नाइट की रात्रि हुई घटना में नामजद और अज्ञात के खिलाफ दर्ज केस के बाद 08 अन्य की बीती रात्रि हुई गिरफ्तारी की सूचना पर समाजवादी पार्टी के द्वारा आंदोलन और विरोध प्रदर्शन की एलाऊ रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जिले के जिलाधिकारी कार्यालय से लेकर कलेक्ट्रेट गेट, पुलिस लाइन, बायपास चौक से लेकर जिला मुख्यालय के अति महत्वपूर्ण चौराहों पर सुबह से ही नाकेबंदी कर रखी थी, पुलिस को ये अंदेशा था कि उक्त घटना के आरोपियों के हक में मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी के हजारों कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट अथवा पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव कर सकते हैं इसलिए जिले के अधिकांश थानों की पुलिस के अलावा जिले में अतिरिक्त फोर्स लगाकर किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी के तहत कोने कोने पर पुलिस ने पहरा बिठा रखा था। तकरीबन 12 घंटे बाद स्थिति जब साफ हुई तब पुलिस ने राहत की सांस ली।
डांडिया नाइट की घटना को लेकर बेहद गंभीर है पुलिस
जिले के एचआर इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित हुए डांडिया नाइट कार्यक्रम में हुए बवाल की घटना को बेहद गंभीर मानते हुए पुलिस ने जहां 08 ज्ञात लोगों के साथ 15 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था वहीं अब इस मामले में आगे की कार्यवाई में जुटी हुई है। डांडिया नाइट की रात खलल डालने वाले अन्य अज्ञातों की तलाश में और अधिक जानकारी जुटाने में जुटी पुलिस ने छापेमारी की कार्यवाई करते हुए बीती रात्रि कन्हैया यादव, सुनील सिंह, मुकुल पांडेय, चंद्रशेखर राणा, उमेश पांडेय, सोनू सिंह, अजीत शर्मा, बृजेश राय यानी कुल 08 लोगों अरेस्ट किया।और उन्हे पूंछ ताछ के लिए कोतवाली ले आई।
पुलिस की छापेमारी की कार्यवाई की जानकारी मिलने पर हरकत में आए सपाई
उपरोक्त लोगों की गिरफ्तारी की जानकारी के बाद हरकत में आई मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी के तमाम जिम्मेदारों ने जिलाध्यक्ष अब्दुल कलाम के साथ राय मशविरा कर ये निर्णय लिया कि सपा के लोग किसी निर्दोष के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। सपा की यह बैठक काफी गुप्त रहने के बाबजूद भी लीक हुई और इसकी सूचना पुलिस के आलाधिकारियों तक पहुंची। जिले में कोई अप्रिय घटना न होने पाए इसलिए जिला मुख्यालय के चप्पे चप्पे पर अफसरों ने पुलिस का पहरा बिठा दिया। खैर इनपुट के आधार पर पुलिस को जो सूचना मिली थी वैसा कुछ नही देखने को मिला, सपाइयों ने शांति का परिचय देते हुए पहले पार्टी कार्यालय पर बैठक किया फिर जिलाध्यक्ष अब्दुल कलाम के नेतृत्व में 05 सदस्यीय पैनल पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा जहां पर पुलिस अधीक्षक के नामौजूदगी में अपर पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह और सीओ सिटी दीपांशी राठौर ने सपा के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। हालांकि इस दौरान सपा प्रतिनिधि मंडल के सदस्य पूर्व विधायक जय चौबे, पूर्व विधान सभा प्रत्याशी जयराम पांडेय सहित स्वयं जिलाध्यक्ष भी इस मांग पर अड़े थे कि वो सब पुलिस अधीक्षक से ही अपनी बात कहेंगे। जिसपर जब अपर पुलिस अधीक्षक के द्वारा ये जानकारी दी गई कि पुलिस अधीक्षक महोदय एक अन्य विशेष जनहित के कार्यवश जिले के नाथनगर में गए हुए हैं, उन्हे आने में थोड़ा विलंब होगा तब सपाइयों ने एसपी सत्यजीत गुप्त से टेलीफोनिक वार्ता की। वार्ता के क्रम में सपा के प्रतिनिधि मंडल में शामिल पूर्व विधायक जय चौबे ने एसपी से साफ तौर से यही कहा कि पूरे घटना की ढंग से जांच हो, जांच किसी व्यक्ति विशेष से प्रभावित न होकर पूरी तरह से निष्पक्ष हो और किसी बेगुनाह को इस घटना से न जोड़ा जाए। पूर्व विधायक जय चौबे ने देर रात्रि घर से उठाए गए सभी आठों की अविलंब रिहाई की मांग भी की गई जिसपर एसपी ने उन्हे आश्वासन दिया कि कोई भी निर्दोष बेवजह नही फसेगा। पुलिस अधीक्षक के इस आश्वासन के बाद सपाई वहां से निकले। फिलहाल देर शाम तक जहां 01 को पूछताछ के बाद रिहा कर दिया गया वहीं 04 लोगों की जमानत उपजिलाधिकारी कोर्ट से मिल गई है जबकि 03 अन्य की जमानत मंजूर न होने से उन्हे जेल भेज दिया गया है। रिहाई और जमानत से जुड़ी ये बातें महज सूत्रों पर आधारित है। सूत्रों की इस सूचना पर जानकारी जुटाने के लिए सत्यमेव टाइम्स की टीम ने टेलीफोन पर एसडीएम से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन वार्ता हो नही सकी इसलिए स्थितियां साफ रूप से सामने नही आ पाई हैं।