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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   "अपने लिए जिए तो क्या जिए ! तू जी ऐ दिल जमाने किए! मशहूर हिंदी फिल्म के इस गीत के बोल को असल जिंदगी में सच साबित करने वाले समाजसेवी डॉ जयप्रकाश शर्मा बीते कई वर्षों से मानव सेवा की दिशा में जो उल्लेखनीय योगदान देते चले आ रहें हैं उसे देख यही कहा जा सकता है कि ये तो सेवभाग की पराकाष्ठा है।   संतकबीरनगर जनपद में गरीबों, असहायों और मजलूमों के लिए मसीहा बन चुके प्रख्यात समाजसेवी डॉ जय प्रकाश शर्मा समाजसेवा के दम पर न सिर्फ भारत गौरव रत्न श्री सम्मान प्राप्त किया है अपितु कुश्ती संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष की भी कमान पिछले कई वर्षों से संभाल रहे हैं। जनपद के विकास खंड पौली क्षेत्र के ग्राम गागरगाड़ निवासी डॉ जय प्रकाश शर्मा न सिर्फ समाजसेवा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं अपितु अपने क्षेत्र के विद्यार्थियों की पढ़ाई का भी बखूबी ध्यान दें रहे हैं।एक भेंट में श्री शर्मा ने कहा कि उनके अंदर समाजसेवा का जज्बा पढ़ाई के दौरान से ही है लेकिन कुछ परिस्थितियों के प्रतिकूल होने के कारण उन्होंने यह कार्य बाद में शुरू किया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी जी तथा सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज का उदाहरण देते हुए कहा कि इन दोनों सख्सियतो/माननीयों की देश सेवा की भावना को देखकर उनको भी काफी आत्मबल मिला है। माननीय मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री जी निःस्वार्थ भाव से पूरे देश की सेवा कर रहे हैं। श्री शर्मा की न सिर्फ अपने क्षेत्र अपितु पूरे जनपद में समाजसेवा के मामले में बोलबाला है, चहुंओर समाजसेवा के क्षेत्र में डा0 शर्मा की चर्चा हो रही है उन्होंने बताया कि उनको नेता बनने का शौक नहीं है बल्कि समाजसेवा करके ही उनको आत्मीय शांति मिलती है। उन्होंने आगे कहा कि जैसा जनपद की जनता आदेश करेगी वह उसी अनुसार आजीवन कार्य करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम स्वयं आगे बढ़कर समाज के लिए कुछ अच्छा करें इससे बढ़कर समाज के लिए अच्छा संदेश नहीं है। समाज से हम बहुत कुछ लेते हैं हमारी भी यह नैतिक ज़िम्मेदारी होनी चाहिए कि समाज को हम भी कुछ अच्छा दें। समाज के लिए कुछ शारीरिक या आर्थिक अपनी सामर्थ्य के अनुसार जो भी मदद हो करनी चाहिए। यही समाज के लिए सबसे बेहतरीन संदेश है।

समाजसेवा की पराकाष्ठा हैं समाजसेवी डॉ जयप्रकाश_रिपोर्ट -विवेक श्रीवास्तव

 

“अपने लिए जिए तो क्या जिए ! तू जी ऐ दिल जमाने किए! मशहूर हिंदी फिल्म के इस गीत के बोल को असल जिंदगी में सच साबित करने वाले समाजसेवी डॉ जयप्रकाश शर्मा बीते कई वर्षों से मानव सेवा की दिशा में जो उल्लेखनीय योगदान देते चले आ रहें हैं उसे देख यही कहा जा सकता है कि ये तो सेवभाग की पराकाष्ठा है।

 

संतकबीरनगर जनपद में गरीबों, असहायों और मजलूमों के लिए मसीहा बन चुके प्रख्यात समाजसेवी डॉ जय प्रकाश शर्मा समाजसेवा के दम पर न सिर्फ भारत गौरव रत्न श्री सम्मान प्राप्त किया है अपितु कुश्ती संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष की भी कमान पिछले कई वर्षों से संभाल रहे हैं।

जनपद के विकास खंड पौली क्षेत्र के ग्राम गागरगाड़ निवासी डॉ जय प्रकाश शर्मा न सिर्फ समाजसेवा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं अपितु अपने क्षेत्र के विद्यार्थियों की पढ़ाई का भी बखूबी ध्यान दें रहे हैं।एक भेंट में श्री शर्मा ने कहा कि उनके अंदर समाजसेवा का जज्बा पढ़ाई के दौरान से ही है लेकिन कुछ परिस्थितियों के प्रतिकूल होने के कारण उन्होंने यह कार्य बाद में शुरू किया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी जी तथा सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज का उदाहरण देते हुए कहा कि इन दोनों सख्सियतो/माननीयों की देश सेवा की भावना को देखकर उनको भी काफी आत्मबल मिला है। माननीय मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री जी निःस्वार्थ भाव से पूरे देश की सेवा कर रहे हैं। श्री शर्मा की न सिर्फ अपने क्षेत्र अपितु पूरे जनपद में समाजसेवा के मामले में बोलबाला है, चहुंओर समाजसेवा के क्षेत्र में डा0 शर्मा की चर्चा हो रही है उन्होंने बताया कि उनको नेता बनने का शौक नहीं है बल्कि समाजसेवा करके ही उनको आत्मीय शांति मिलती है। उन्होंने आगे कहा कि जैसा जनपद की जनता आदेश करेगी वह उसी अनुसार आजीवन कार्य करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम स्वयं आगे बढ़कर समाज के लिए कुछ अच्छा करें इससे बढ़कर समाज के लिए अच्छा संदेश नहीं है। समाज से हम बहुत कुछ लेते हैं हमारी भी यह नैतिक ज़िम्मेदारी होनी चाहिए कि समाज को हम भी कुछ अच्छा दें। समाज के लिए कुछ शारीरिक या आर्थिक अपनी सामर्थ्य के अनुसार जो भी मदद हो करनी चाहिए। यही समाज के लिए सबसे बेहतरीन संदेश है।

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