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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   संतकबीरनगर जिले के सबसे घने आबादी वाले ब्लॉक क्षेत्र सेमरियावा के करही गांव के ग्रामीणों ने आज मतदान बहिष्कार का निर्णय लिया। गांव के ग्राम पंचायत भवन के पास हाथों में मतदान बहिष्कार के स्लोगन लिखे तख्तियों को अपने हाथ में लिए ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोकसभा चुनाव के मतदान के बहिष्कार का निर्णय लिया। आपको बता दें कि मतदान बहिष्कार के ठीक एक दिन पहले ही ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और चुनाव आयोग को पत्र भेज कर मतदान बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया था। मतदान बहिष्कार के ऐलान के बाबजूद स्थानीय प्रशासन अथवा सत्ता में बैठे माननीय भी ग्रामीणों से ये पूछने नही पहुंचे कि उनको किस बात की दिक्कत है जिसके चलते ग्रामीण लोकतंत्र के इस महापर्व से दूरी बनाते हुए मतदान बहिष्कार का निर्णय लिए है। आपको बता दे कि सेमरियावा ब्लॉक क्षेत्र के करही गांव के दलित बस्ती के रहने वाले लोगों का ये आरोप है कि उनके टोले में कई वर्षों से जल निकासी की समस्या बनी हुई है, घर का गंदा पानी घर के आसपास रह जाने से तमाम तरह की संक्रामक बीमारियां यहां के लोगों को घेर लेती है। ग्रामीणों का ये आरोप है कि मुहल्ले का पानी जिस रास्ते गांव के बाहर जाता है उसपर गांव के ही कुछ दबंगों ने अतिक्रमण कर लिया है जिसके चलते गंदा पानी नालियों द्वारा बह नही पा रहा है और सारा गंदा पाने दरवाजे पर ही जमा हो रहा है जिसके चलते लोग आए दिन मलेरिया, हैजा जैसी बीमारियों के चपेट में आते रहते है। ग्रामीणों का आरोप ये भी है कि उनकी इस समस्या पर प्रशासन ने कभी ध्यान ही नही दिया जिसके कारण आज वो सब मतदान बहिष्कार का निर्णय लिए है।

सिस्टम के मुंह पर तमाचा है करहीं गांव के ग्रामीणों का मतदान बहिष्कार

 

संतकबीरनगर जिले के सबसे घने आबादी वाले ब्लॉक क्षेत्र सेमरियावा के करही गांव के ग्रामीणों ने आज मतदान बहिष्कार का निर्णय लिया। गांव के ग्राम पंचायत भवन के पास हाथों में मतदान बहिष्कार के स्लोगन लिखे तख्तियों को अपने हाथ में लिए ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोकसभा चुनाव के मतदान के बहिष्कार का निर्णय लिया।
आपको बता दें कि मतदान बहिष्कार के ठीक एक दिन पहले ही ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और चुनाव आयोग को पत्र भेज कर मतदान बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया था। मतदान बहिष्कार के ऐलान के बाबजूद स्थानीय प्रशासन अथवा सत्ता में बैठे माननीय भी ग्रामीणों से ये पूछने नही पहुंचे कि उनको किस बात की दिक्कत है जिसके चलते ग्रामीण लोकतंत्र के इस महापर्व से दूरी बनाते हुए मतदान बहिष्कार का निर्णय लिए है। आपको बता दे कि सेमरियावा ब्लॉक क्षेत्र के करही गांव के दलित बस्ती के रहने वाले लोगों का ये आरोप है कि उनके टोले में कई वर्षों से जल निकासी की समस्या बनी हुई है, घर का गंदा पानी घर के आसपास रह जाने से तमाम तरह की संक्रामक बीमारियां यहां के लोगों को घेर लेती है। ग्रामीणों का ये आरोप है कि मुहल्ले का पानी जिस रास्ते गांव के बाहर जाता है उसपर गांव के ही कुछ दबंगों ने अतिक्रमण कर लिया है जिसके चलते गंदा पानी नालियों द्वारा बह नही पा रहा है और सारा गंदा पाने दरवाजे पर ही जमा हो रहा है जिसके चलते लोग आए दिन मलेरिया, हैजा जैसी बीमारियों के चपेट में आते रहते है। ग्रामीणों का आरोप ये भी है कि उनकी इस समस्या पर प्रशासन ने कभी ध्यान ही नही दिया जिसके कारण आज वो सब मतदान बहिष्कार का निर्णय लिए है।

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