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सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है मेहदावल। मेहदावल नगर पंचायत के मंझरिया तिवारी के किसानों ने संपूर्ण तहसील समाधान दिवस में आए जिला अधिकारी को रेलवे द्वारा अधिग्रहण की गई भूमि के मुआवजे में दोहरी नित अपनाने का आरोप मढ़ते हुए ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया। मंझरिया तिवारी वार्ड के सभासद संदीप तिवारी के नेतृत्व में किसानों ने जिला अधिकारी महेंद्र सिंह तंवर से शनिवार को सम्पूर्ण तहसील समाधान दिवस में मुलाकात कर कहा कि हमारे गांव मंझरिया तिवारी से रेलवे परियोजना गुजर रही है लेकिन मुआवजे की धनराशि काफी कम है। जहां ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा चार गुना दिया जा रहा है वहीं हमें शहरी क्षेत्र में मानकर मुआवजे की राशि दोगुनी दी जा रही है। लेकिन यह दोगुनी धनराशि शहरी क्षेत्र के सर्किल रेट से काफी कम है। जबकि वर्तमान में मंझरिया तिवारी के वार्ड में प्रति बीघा खेत की कीमत 10 से 12 लख रुपए है। लेकिन रेलवे विभाग द्वारा खलीलाबाद बलरामपुर रेल लाइन के एवज में दिया जा रहा मुआवजा किसानों का शोषण करने का प्रतीक बन गया है। किसान प्रमोद तिवारी गणेश चौबे, प्रदीप कुमार, सूर्यभान, विजय कुमार, अंगद तिवारी, रामानंद तिवारी आदि पीड़ित किसानों का कहना है कि हमारी भूमि मेहदावल क्षेत्र से गुजर रही रेलवे परियोजना के अंतर्गत अधिग्रहित की गई है लेकिन रेलवे विभाग मुआवजा देने में दोहरी नीति अपना रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को अधिग्रहित की गई भूमिका चार गुना जब की शहरी क्षेत्र में अधिग्रहित की गई भूमि का दोगुना मुआवजा दी जा रही है। जिसमें मंझरिया तिवारी के किसानों को शहरी क्षेत्र मानते हुए विभाग दोगुना मुआवजा दे रहा है लेकिन यह मुआवजा शहर के सर्किल रेट के अनुसार ने देकर मनमानी की जा रही है। उक्त मामले में जिलाधिकारी से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए ज्ञापन सौपा गया है। यदि न्यायोचित कार्रवाई नहीं होती और हक के अनुसार मुआवजे की धनराशि नहीं मिलेगी तो यहां के किसान आंदोलन को बाध्य होंगे। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए किसानों को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है।

रेलवे मुआवजा पर आपत्ति, किसानों ने डीएम को सौपा ज्ञापन

मेहदावल। मेहदावल नगर पंचायत के मंझरिया तिवारी के किसानों ने संपूर्ण तहसील समाधान दिवस में आए जिला अधिकारी को रेलवे द्वारा अधिग्रहण की गई भूमि के मुआवजे में दोहरी नित अपनाने का आरोप मढ़ते हुए ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया।
मंझरिया तिवारी वार्ड के सभासद संदीप तिवारी के नेतृत्व में किसानों ने जिला अधिकारी महेंद्र सिंह तंवर से शनिवार को सम्पूर्ण तहसील समाधान दिवस में मुलाकात कर कहा कि हमारे गांव मंझरिया तिवारी से रेलवे परियोजना गुजर रही है लेकिन मुआवजे की धनराशि काफी कम है। जहां ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा चार गुना दिया जा रहा है वहीं हमें शहरी क्षेत्र में मानकर मुआवजे की राशि दोगुनी दी जा रही है। लेकिन यह दोगुनी धनराशि शहरी क्षेत्र के सर्किल रेट से काफी कम है। जबकि वर्तमान में मंझरिया तिवारी के वार्ड में प्रति बीघा खेत की कीमत 10 से 12 लख रुपए है। लेकिन रेलवे विभाग द्वारा खलीलाबाद बलरामपुर रेल लाइन के एवज में दिया जा रहा मुआवजा किसानों का शोषण करने का प्रतीक बन गया है। किसान प्रमोद तिवारी गणेश चौबे, प्रदीप कुमार, सूर्यभान, विजय कुमार, अंगद तिवारी, रामानंद तिवारी आदि पीड़ित किसानों का कहना है कि हमारी भूमि मेहदावल क्षेत्र से गुजर रही रेलवे परियोजना के अंतर्गत अधिग्रहित की गई है लेकिन रेलवे विभाग मुआवजा देने में दोहरी नीति अपना रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को अधिग्रहित की गई भूमिका चार गुना जब की शहरी क्षेत्र में अधिग्रहित की गई भूमि का दोगुना मुआवजा दी जा रही है। जिसमें मंझरिया तिवारी के किसानों को शहरी क्षेत्र मानते हुए विभाग दोगुना मुआवजा दे रहा है लेकिन यह मुआवजा शहर के सर्किल रेट के अनुसार ने देकर मनमानी की जा रही है। उक्त मामले में जिलाधिकारी से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए ज्ञापन सौपा गया है। यदि न्यायोचित कार्रवाई नहीं होती और हक के अनुसार मुआवजे की धनराशि नहीं मिलेगी तो यहां के किसान आंदोलन को बाध्य होंगे। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए किसानों को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है।

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