कानपुर – यूपी के कानपुर देहात में दो दारोगाओं का कारनामा पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बन गया है। यही नहीं, खुद को कानून से ज़्यादा समझने वाले दोनों दारोगाओं को ज़िले के पुलिस कप्तान ने सस्पेंड कर दिया है। थाने में अपने अफसरों यानी दारोगाओं को कानून के मुताबिक बर्ताव करने की सलाह देना एक मुंशी को महंगा पड़ा। मुंशी के समझाने से खार खाये दारोगाओं ने थाने के मुंशी को ही बंदूक की नोक पर ले लिया, यह भूलकर कि मुंशी पुलिस विभाग का ही कर्मचारी था। मुंशी की शिकायत के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया। पूरा मामला देवराहट थाने का है, जहां मारपीट के आरोप में एक युवक को दो दारोगाओं द्वारा बेरहमी से पीटा जा रहा था। थाना प्रभारी देवराहट ने बताया कि सुजौर गांव से मारपीट के आरोप में प्रमोद कुमार नाम के एक व्यक्ति को पकड़ा गया था, जिसे दारोगा अनिल सिंह व दारोगा दिवाकर पांडे थाने में बेरहमी से पीट रहे थे। यह पिटाई देखकर नियमों का हवाला देते हुए थाने के मुंशी राम किशन ने जब दारोगाओ को रोकना चाहा, तो पहले दारोगाओं और मुंशी के बीच तीखी नोकझोक हुई और फिर अनिल कुमार ने मुंशी पर ही पिस्तौल तान दी। इसके बाद तत्काल मुंशी ने वायरलेस सेट पर आला अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। जानकारी मिलते ही एसपी केशव कुमार चौधरी मौके पर पहुंचे और उन्होंने कड़ी कार्रवाई करते हुए दोनों दारोगाओ को सस्पेंड करने के साथ थाने में पीटे जा रहे युवक की तहरीर पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला भी दर्ज करवाया। अपने ही विभाग के खिलाफ जाने और खुद को कानून से भी ऊपर समझने वाले इन दारोगाओं के खिलाफ जांच बिठाई गई है। जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी भोगनीपुर को सौपी गयी है।