संतकबीरनगर – भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने योग्य शिक्षक के रूप में देश-विदेश में अपनी पहचान बनाई। अपने व्याख्यानों के माध्यम से भारतीय समाज और विश्व मानव समुदाय को नई दिशा दी और दुनियाँ का मार्गदर्शन किया। उन्होंने योग्य नागरिक के निर्माण में शिक्षक की भूमिका के महत्व को निरंतर रेखांकित किया। डॉ0 राधाकृष्णन ने अपने जन्मदिन 05 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया। शिक्षक समाज का आईना होता है यह व्यक्तव्य हीरालाल रामनिवास स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सभागार में उच्च शिक्षा विभाग (उ.प्र.) शासन एवं सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु-सिद्धार्थनगर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश, सरकार उद्यान राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) श्रीराम चौहान ने दिया। उन्होंने आगे कहा कि आप सभी सम्मानित शिक्षक उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित हुए हैं। इस उर्जा को बनाये रखें और राष्ट्रनिर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी कर नई शिक्षा 2020 का क्रियान्वयन करने में अपना योगदान सुनिश्चित करें। विशिष्ट अतिथि जिला अधिकारी प्रतिनिधि एडीएम मनोज कुमार सिंह ने कहा कि भारत के द्वितीय राष्ट्रपति युग-पुरूष डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सिद्धान्तों को अपना कर राष्ट्रनिर्माण में अपना योगदान सुनिश्चित करें। आपको जो दायित्व सौंपा गया है उसे उत्कृष्ट रूप में सम्पादित करें। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती एवं डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण और दीप-प्रज्वलन द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. डी0 एन0 पाण्डेय विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग तथा प्राचार्य-डॉ. मंजू मिश्रा ने अपने विचार प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 अमित कुमार भारती और आभार ज्ञापन प्राचार्य-डॉ0 डी.पी शाही ने किया। डॉ0 प्रताप विजय कुमार, डॉ0 अमर सिंह गौतम, डॉ. विजय राय, डॉ0 संध्या राय ,डॉ0 अनुभव श्रीवास्तव ,डॉ. मनोज कुमार भारतीय तथा कुल 75 प्राध्यापकों को शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया।