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हाल-ए-सदर विधानसभा सीट,आफ़ताब की आहट से सियासी हलचल - Satyamev Times Media Network.
सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है   मन की बात उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सितंबर का महीना सूबे की सियासी तपिश को बढ़ाता दिख रहा है, ऐसे में संत भूमि यानी संतकबीरनगर की राजनीति का पारा भी हाई है। सत्ता को पटखनी देने के लिए विपक्षी जोरआजमाइश कर रहें हैं, मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी खेमे में फ़िलहाल सदर सीट से टिकट के लिए तमाम उम्मीदवार जद्दोजहद कर रहें हैं, वहीं बीजेपी ने अभी तक अपना पत्ता नही खोला है जबकि बहुजन समाजपार्टी से सुबोध यादव प्रभारी प्रत्याशी के रूप में जनता के बीच मे हैं। सुबोध का टिकट अंत तक रहेगा या नही इस बात को लेकर भी चर्चाओं का बाज़ार गर्म है। BSP सुप्रीमो मायावती का फोकस भी पूर्वांचल की सभी सीटों की जीत पर है जिसको फतह करने की वो पुरजोर कोशिश कर रही हैं।एक तरफ जहां सुबोध यादव को लेकर जनता में उहापोह की स्थिति है तो वहीं युवाओं के बीच लोकप्रिय पूर्व विधानसभा व लोकसभा प्रत्याशी बसपा नेता आफ़ताब आलम का भी सर्वाधिक चर्चा का विषय बना हुआ है। बात जब खलीलाबाद विधानसभा की करें तो यह सीट फ़िलहाल बीजेपी के पास है, सपा के लिए यह सीट कभी मन माफिक नही साबित हुई, बसपा ने भी यहां झंडा गाड़ा है, मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र वाले इस विधानसभा क्षेत्र में सुबोध यादव को बतौर प्रभारी प्रत्याशी बनाने वाली मायावती की नज़र हर हाल में जीत की तरफ ही हैं, जिताऊ कंडीडेट के जरिये वो पूरे यूपी में बसपा का पताका फहराने की कवायद में जुटी हुई हैं। पहले से तय उम्मीदवार सुबोध यादव के रहते किसी अन्य को टिकट देना या देना बसपा सुप्रीमो पर निर्भर है पर आफ़ताब को लेकर संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद विधानसभा सीट के लिए बतौर प्रत्याशी होने की चर्चाएं आम हैं।बसपा के लिए जीने मरने वाले आफ़ताब के समर्थकों ने उनकी दावेदारी को मजबूत बता रहें हैं। पार्टी की जीत को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती की भविष्य की क्या योजना होगी? उनका प्रत्याशिता को लेकर क्या फैसला होगा? ये अभी भविष्य के गर्भ में छुपा है। क्या सुबोध की उम्मीदवारी बची रहेगी या मुस्लिम बाहुल्य सीट मानी गयी खलीलाबाद सीट के लिए आफ़ताब आलम अंत मे प्रत्याशी घोषित होंगे? तप्पा उजियार समेत पूरे विधानसभा क्षेत्र में फ़िलहाल बसपा प्रत्याशी को लेकर ही चर्चाएं चल रही हैं, इधर एक महीने से ज्यादे समय से जगह जगह चल रही आफ़ताब आलम की चर्चाएं इस बात की तरफ इशारा करती हैं कि वो टिकट के लिए पुरजोर कोशिस कर रहें हैं। हर दिन आफ़ताब आलम को लेकर जन चर्चाएं जोरो पर है, उनके टिकट कन्फर्मेशन आदि को लेकर लोग तरह तरह की बातें कर रहें हैं। देखने वाली बात यह होगी कि क्या बसपा सुप्रीमो सुबोध को यथावत बनाये रहेंगी अथवा आफ़ताब आलम को फाइनल कंडीडेट घोषित करेंगी। गौरतलब हो कि आफ़ताब आलम 2017 में पिपराइच विधानसभा से चुनाव लड़ने के बाद 2019 में डुमरियागंज सीट सिद्धार्थनगर से बसपा के प्रत्याशी रह चुके हैं जो बसपा सुप्रीमो के खासमखास माने जाते हैं

हाल-ए-सदर विधानसभा सीट,आफ़ताब की आहट से सियासी हलचल

 

मन की बात

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सितंबर का महीना सूबे की सियासी तपिश को बढ़ाता दिख रहा है, ऐसे में संत भूमि यानी संतकबीरनगर की राजनीति का पारा भी हाई है। सत्ता को पटखनी देने के लिए विपक्षी जोरआजमाइश कर रहें हैं, मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी खेमे में फ़िलहाल सदर सीट से टिकट के लिए तमाम उम्मीदवार जद्दोजहद कर रहें हैं, वहीं बीजेपी ने अभी तक अपना पत्ता नही खोला है जबकि बहुजन समाजपार्टी से सुबोध यादव प्रभारी प्रत्याशी के रूप में जनता के बीच मे हैं। सुबोध का टिकट अंत तक रहेगा या नही इस बात को लेकर भी चर्चाओं का बाज़ार गर्म है। BSP सुप्रीमो मायावती का फोकस भी पूर्वांचल की सभी सीटों की जीत पर है जिसको फतह करने की वो पुरजोर कोशिश कर रही हैं।एक तरफ जहां सुबोध यादव को लेकर जनता में उहापोह की स्थिति है तो वहीं युवाओं के बीच लोकप्रिय पूर्व विधानसभा व लोकसभा प्रत्याशी बसपा नेता आफ़ताब आलम का भी सर्वाधिक चर्चा का विषय बना हुआ है। बात जब खलीलाबाद विधानसभा की करें तो यह सीट फ़िलहाल बीजेपी के पास है, सपा के लिए यह सीट कभी मन माफिक नही साबित हुई, बसपा ने भी यहां झंडा गाड़ा है, मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र वाले इस विधानसभा क्षेत्र में सुबोध यादव को बतौर प्रभारी प्रत्याशी बनाने वाली मायावती की नज़र हर हाल में जीत की तरफ ही हैं, जिताऊ कंडीडेट के जरिये वो पूरे यूपी में बसपा का पताका फहराने की कवायद में जुटी हुई हैं। पहले से तय उम्मीदवार सुबोध यादव के रहते किसी अन्य को टिकट देना या देना बसपा सुप्रीमो पर निर्भर है पर आफ़ताब को लेकर संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद विधानसभा सीट के लिए बतौर प्रत्याशी होने की चर्चाएं आम हैं।बसपा के लिए जीने मरने वाले आफ़ताब के समर्थकों ने उनकी दावेदारी को मजबूत बता रहें हैं। पार्टी की जीत को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती की भविष्य की क्या योजना होगी? उनका प्रत्याशिता को लेकर क्या फैसला होगा? ये अभी भविष्य के गर्भ में छुपा है। क्या सुबोध की उम्मीदवारी बची रहेगी या मुस्लिम बाहुल्य सीट मानी गयी खलीलाबाद सीट के लिए आफ़ताब आलम अंत मे प्रत्याशी घोषित होंगे? तप्पा उजियार समेत पूरे विधानसभा क्षेत्र में फ़िलहाल बसपा प्रत्याशी को लेकर ही चर्चाएं चल रही हैं, इधर एक महीने से ज्यादे समय से जगह जगह चल रही आफ़ताब आलम की चर्चाएं इस बात की तरफ इशारा करती हैं कि वो टिकट के लिए पुरजोर कोशिस कर रहें हैं। हर दिन आफ़ताब आलम को लेकर जन चर्चाएं जोरो पर है, उनके टिकट कन्फर्मेशन आदि को लेकर लोग तरह तरह की बातें कर रहें हैं। देखने वाली बात यह होगी कि क्या बसपा सुप्रीमो सुबोध को यथावत बनाये रहेंगी अथवा आफ़ताब आलम को फाइनल कंडीडेट घोषित करेंगी। गौरतलब हो कि आफ़ताब आलम 2017 में पिपराइच विधानसभा से चुनाव लड़ने के बाद 2019 में डुमरियागंज सीट सिद्धार्थनगर से बसपा के प्रत्याशी रह चुके हैं जो बसपा सुप्रीमो के खासमखास माने जाते हैं

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