ऐसा माना जाता है कि विद्यालय विद्या की देवी वाग्देवी का मन्दिर होता है, जहां बच्चों को शिक्षा व संस्कार प्रदान किये जाते हैं। उत्तम शिक्षा के द्वारा ही बच्चों के भावी जीवन का निर्माण किया जाता है। परन्तु अगर विद्यालय का भवन ही सुरक्षित नहीं है तो बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है।
संत कबीर नगर जनपद के सांथा विकास खण्ड क्षेत्र के झौंवा कोमर में स्थिति प्राथमिक विद्यालय बूढ़ी राप्ती नदी के किनारे बना हुआ है,जो दो जनपद की सीमा पर स्थित है। जहां पर प्राथमिक विद्यालय की बाउंड्री वाल ध्वस्त हो गई है और विद्यालय परिसर में बड़ी-बड़ी घास हो गई है। जिसकी साफ-सफाई नहीं हो रही है। दूसरी समस्या विद्यालय परिसर में बने रसोई घर और शौचालयभी धवस्त है। वहीं विद्यालय में बना शौचालय की है जहां शौचालय की सीट ब्लॉक हो गई है और बगल से टूट गई है, और शौचालय का स्लेप भी ध्वस्त होने के कगार पर है।जिससे स्कूली बच्चों को बाहर खुले में शौच जाने की मजबूरी रहती है। इसके अलावा सर्वाधिक समस्या स्कूल की छात्राओं को होती है जिन्हें बाहर शौच जाने में फांका कसी समेत नाना प्रकार की समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है। वहीं विभागीय शिक्षिकाओं को भी हो रही समस्याओं को जिम्मेदार नजरंदाज कर रहे हैं, तो स्कूली बच्चों के प्रति विभाग के जिम्मेदारों का रवैया कैसा होगा, यह उच्चाधिकारियों समेत प्रशासन के लिए सोचनीय है।