- हिचकोले खाने के बजाए लिंक सड़क से जाते है माननीय लोग
– आठ किमी लम्बे इस अभागे सड़क का कोई पुरसाहाल नही- आम जनता।
बखिरा। बघुआ से नन्दौर तक कुल आठ किमी की सड़क पर अब डामर के बजाए गिट्टियां व गड्ढो का भरमार है। पांच किमी का सफर पूरा करने में वाहनों को चालीस से पचास मिनट लग जाते है। खस्ताहाल इस सड़क पर वाहनों को बहुत ही धीमी गति व सतर्कता से चलाना पड़ता है। जरा से लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।स्थिति यह है कि अब तो माननीय लोग भी इस मार्ग पर चलने से कतराने लगे है।
खलीलाबाद से नन्दौर मार्ग विगत दो वर्षों पूर्व से ही राष्ट्रीय राजमार्ग में तब्दील है। इस मार्ग पर सड़क किनारे एनएच द्वारा बोर्ड भी लगाया है। डेढ़ दशक से अधिक समय से आठ किमी लम्बाई में बघुआ से नन्दौर तक खस्ताहाल है। इस रास्ते गुजरने वाले यात्री ईश्वर को याद करते हुए सफर तय करते है। आठ किमी का रास्ता तय करने में वाहनों द्वारा अमूमन 40 से 50 मिनट तक का समय लगता है। हालांकि अब माननीय भी इस आठ किमी सड़क पर हिचकोले खाने के बजाए लिंक रास्तो से गन्तव्य को चले जाते है।
रामसमुझ, नरेंद्र पाठक, सुधाकर मिश्र, रामनिधि, सत्यप्रकाश पाठक, ओमप्रकाश तिवारी, राजकपूर तिवारी, कौशल कुमार मिश्र ने बताया कि वह लोग रोजाना खलीलाबाद का सफर तय करते है। इस खस्ताहाल मार्ग से सफर करना मात्र समय की बर्बादी है, किन्तु खलीलाबाद जाने के लिए अन्य कोई विकल्प भी नही है। लोगो ने कहा कि आठ किमी की यह सड़क हालांकि दो बर्षो से एनएच में स्वीकृत है, किन्तु इसके पूर्व राज्य सरकारों ने भी इस सड़क की खोजखबर नही लिया। यह इस क्षेत्र के लोगो का दुर्भाग्य ही है, कि प्रदेश में तीन-तीन दलों सपा, बसपा व भाजपा की सरकारों ने भी इस आठ किमी लम्बे अभागे सड़क का खोजखबर तक नही लिया।
इस सम्बंध में एनएच के अवर अभियंता रोहित वारना ने बताया कि सड़क निर्माण की पूरी प्रक्रिया पूरी है। ठेकेदार की भी नियुक्ति हो गई है। गड्ढो में जलभराव की वजह से मिट्टी कार्य मुश्किल हो रहा है। जलभराव खत्म होते ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
PUBLISH BY-MOHD ADNAN DURRANI