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बलिया- बढ़ सकती हैं किसानों की मुश्किलें,राइसमिलर संघ‌‌ ने भारतीय खाद्य निगम से धान लेने से किया इंकार_रिपोर्ट-अखिलेश कुमार - Satyamev Times Media Network.
सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है थे     उत्तर प्रदेश के बलिया में किसानों की बढ़ सकती है मुश्किलें। जी हाँ बलिया राइस मिलर एसोशिएशन ने भारतीय खाद्य निगम से इस वर्ष धान लेने से किया इनकार कहा हड़ताल पर जाएंगे सभी 42 मिलर्स। उनके खिलाफ खोला मोर्चा कहा भारतीय खाद्य निगम द्वारा राइस मिलर से धान के बदले चावल नही बल्कि सरकार पैसा मांग रही है ।वही खाद्य बिभाग ने आरसी काट दिया है जिला प्रशाशन ने कहा जांच में राइस मिलर्स के पास 100 % चावल मौजूद हैं तो वही भारतीय खाद्यनिगम ने कहा जांच में धान के बदले चावल मौजूद है फिर भी चावल को सीज किया गया हैं। ये राइस मिलर धान के बदले सरकार को 67%चावल देते है।पिछली वर्ष में बलिया के 42 राइस मिल्लरों ने भारतीय खाद्य निगम से धान लिए और उन्हें चावल भी दे दिए । मगर 2857 मैट्रिक टन चावल मिलरों के पास थी जो वह देना चाहते हैं। मगर भारतीय खाद्य निगम की टीम ने बिना इन मिलर्स को जानकारी दिए मिलों का भौतिक सत्यापन होटल में बैठकर ही कर डाला।और इन्हें डिबार घोसित कर आरसी भी काट डाली।मगर दिलचस्प बात यह हैं कि बिभाग को मिलों में चावल होने के बावजूद भी खाद्य विभाग को सही नहीं मिला। वहीं जिला प्रशाशन की जानकारी में सब कुछ सही मिला है। वहीं डीएम को पत्र लिखने के बाद भी मिलों से चावल नहीं लिए जा रहे बल्कि चावल के बदले पैसे मांगे जा रहे हैं।भारतीय खाद्य विभाग से नाराज बलिया राइस मिलर एसोसिएशन ने इस साल धान खरीदने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है और उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह हड़ताल करने की बात कह रहे हैं।       PUBLISH BY-MOHD ADNAN DURRANI

बलिया- बढ़ सकती हैं किसानों की मुश्किलें,राइसमिलर संघ‌‌ ने भारतीय खाद्य निगम से धान लेने से किया इंकार_रिपोर्ट-अखिलेश कुमार

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उत्तर प्रदेश के बलिया में किसानों की बढ़ सकती है मुश्किलें। जी हाँ बलिया राइस मिलर एसोशिएशन ने भारतीय खाद्य निगम से इस वर्ष धान लेने से किया इनकार कहा हड़ताल पर जाएंगे सभी 42 मिलर्स।
उनके खिलाफ खोला मोर्चा कहा भारतीय खाद्य निगम द्वारा राइस मिलर से धान के बदले चावल नही बल्कि सरकार पैसा मांग रही है ।वही खाद्य बिभाग ने आरसी काट दिया है जिला प्रशाशन ने कहा जांच में राइस मिलर्स के पास 100 % चावल मौजूद हैं तो वही भारतीय खाद्यनिगम ने कहा जांच में धान के बदले चावल मौजूद है फिर भी चावल को सीज किया गया हैं।

ये राइस मिलर धान के बदले सरकार को 67%चावल देते है।पिछली वर्ष में बलिया के 42 राइस मिल्लरों ने भारतीय खाद्य निगम से धान लिए और उन्हें चावल भी दे दिए । मगर 2857 मैट्रिक टन चावल मिलरों के पास थी जो वह देना चाहते हैं। मगर भारतीय खाद्य निगम की टीम ने बिना इन मिलर्स को जानकारी दिए मिलों का भौतिक सत्यापन होटल में बैठकर ही कर डाला।और इन्हें डिबार घोसित कर आरसी भी काट डाली।मगर दिलचस्प बात यह हैं कि बिभाग को मिलों में चावल होने के बावजूद भी खाद्य विभाग को सही नहीं मिला। वहीं जिला प्रशाशन की जानकारी में सब कुछ सही मिला है। वहीं डीएम को पत्र लिखने के बाद भी मिलों से चावल नहीं लिए जा रहे बल्कि चावल के बदले पैसे मांगे जा रहे हैं।भारतीय खाद्य विभाग से नाराज बलिया राइस मिलर एसोसिएशन ने इस साल धान खरीदने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है और उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह हड़ताल करने की बात कह रहे हैं।

 

 

 

PUBLISH BY-MOHD ADNAN DURRANI

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