मथुरा में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सोमवार देर शाम अखाड़े में बदल गया । दो चिकित्सा अधीक्षकों ने मिलकर व्हाट्सएप चैट पर कमेंट को लेकर फरह चिकित्सा अधीक्षक के साथ जमकर मारपीट की । मारपीट के दौरान बाहरी लोगों को भी बुलवाया गया था । चिकित्सकों के बीच मारपीट के मामले में सीएमओ ने जांच टीम गठित कर दी है ओर cmo का कहना है कि विभाग का आंतरिक मामला है सिलता लिया जाएगा । वैसे बताया जा रहा है कि एसोसिएशन के चुनाव होने वाला है जिसकी बैठक के लिए डॉक्टर्स आये थे और कमेंट से शुरू हुआ विवाद वर्चस्व की जंग में तब्दील हो गया । वर्चस्व के पीछे की वजह विभाग में मलाईदार पदों पर काबिज होने के लिए बताई जा रही है ।।
जब सीएमओ कार्यालय बना जंग का अखाड़ा
सीएमओ कार्यालय में जमकर लात घूंसे चले। डॉक्टरों ने अपने ही एक साथी को बाहर से बुलाए लोगों के साथ मिलकर पीटा। इस मामले में भले ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गंभीर न हो, लेकिन लोगों ने नाराजगी जाहिर की है। गोवर्धन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर विजेंद्र सिंह सिसौदिया, बरसाना प्रभारी मनोज वशिष्ठ और फरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर गोपाल बाबू गर्ग के बीच व्हाट्सएप ग्रुप पर चैट को लेकर पहले विवाद हुआ ओर बाद में मारपीट शुरू हो गई। बताया जा रहा है कि व्हाट्सएप ग्रुप पर रविवार की रात को चल रही चैटिंग के दौरान किसी बात पर दोनों डॉक्टरों में विवाद हो गया था। इस मामले में दोनों ने एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दी थी। सोमवार की शाम को सीएमओ कार्यालय स्थित सभागार में सरकारी चिकित्सक बैठक कर रहे थे। बैठक खत्म कर जैसे ही डॉक्टर बाहर निकले तभी वहां मौजूद कुछ लोगों ने फरह स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. गोपाल बाबू को घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी। लेनदेन का मामला भी बताया जा रहा है। इस मारपीट में कुछ बाहरी लोगों को भी बुलवाया गया था जिन्होंने मारपीट की ।
सड़क पर हुई मारपीट की वजह से cmo को भी सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा और इस झगड़े को आंतरिक मामला बताते हुए जल्द ही सिलता लेने का भरोसा दिया और बताया कि इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी गयी है जो जल्द ही इस मसले पर रिपोर्ट देगी ओर उसी आधार पर कार्यवाही होगी ।
PUBLISH BY-MOHD ADNAN DURRANI