गोरखपुर के बाद यूपी पुलिस का एक और बेरहम चेहरा संतकबीरनगर जिले में देखने को मिला जहां के धनघटा थाना पुलिस ने एक व्यापारी को इतना मारा पीटा की वो बुरी तरह से घायल हो गया। गम्भीर हालत में घायल व्यक्ति को परिजन सीएचसी ले जाते हैं जहाँ उसकी स्थिति नाजुक देख डॉक्टर जिला अस्पताल रेफर कर देते है। जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने भी उसकी हालत गम्भीर बता उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिए जहां वो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।
वैसे तो खाकी वर्दी की पहचान जनता के सेवक और उनकी हिफाजत करने वाले के रूप में होती है लेकिन कई बार यह देखा गया है कि खाकी वर्दीधारी अपनी जिम्मेदारियों को भूल कर कुछ ऐसा कर गुजरते हैं जिसमें न सिर्फ खाकी वर्दी शर्मसार होती है बल्कि पुलिस का नाम ही बदनाम होता है । ऐसी ही एक हरकत पुलिस ने संतकबीरनगर जिले में कर डाली जो बीते दिनों गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से कानपुर के रहने वाले व्यापारी मनीष की मौत मामले को ताजा कर दिया है।
आपको बता दें कि ये पूरा मामला धनघटा थाना क्षेत्र के लहुरे गाँव का है जहां पट्टीदारों से आपसी विवाद की सूचना पर पुलिस गयी थी जहां से शैलेंद्र वर्मा नाम के सर्राफा व्यापारी को घर से थाने लाई और बेरहमी से पिटाई कर दी जिसके चलते शैलेंद्र वर्मा बुरी तरह से जख्मी हो गए जिनका इलाज फ़िलहाल मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। पूरे मामले पर घायल के भाई सुधीर वर्मा ने बताया कि उनके और उनके पट्टीदारों के बीच विवाद हुआ था जिसको लेकर पुलिस हमारे भाई को घर से मारते पीटते थाने ले गयी, हम को और हमारे भाई को भी पुलिस ने मारा पीटा, पुलिस की पिटाई से मेरे भाई बुरी तरह से घायल हो गए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है,घायल सर्राफा व्यापारी के भाई ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस वालों ने विपक्षियों से पैसे लेकर हम को हमारे भाइयों को मारा पीटा और फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी।