सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है       जनपद सिद्धार्थनगर में प्राइवेट नर्सिंग होम पैसे के लिए जिंदगियों से खेल रहे हैं।यहां बगैर किसी डिग्री के अल्ट्रा साउंड किया जाता है और रिपोर्ट भी बनाई जाती है।बगैर किसी सुरक्षा का इंतजाम किए धड़ल्ले से सीजर ऑपरेशन किए जाते है । न ब्लड का इंतजाम, न ही किसी एंबुलेंस की व्यवस्था अब अगर जच्चा बच्चा को किसी इमरजेंसी में रेफर करना पड़े तो मरीज इलाज के अभाव में मर सकता है मगर इलाज नहीं मिल सकता, पहले भी कई घटनाएं ऐसी हो चुकी हैं मगर जांच कभी सही नही होती कि यहां पे सारे अधिकारियों के नाक के नीचे यह सारे काम कैसे होते है ? ताजा मामला डुमरियागंज में स्थित लाइफ केयर हॉस्पिटल का है जहां पे एक आदमी अपनी बीवी को भर्ती करता है उसे DR रूबी द्वारा नॉर्मल डिलीवरी का आश्वाशन दिया जाता है मगर 8 घंटे बाद मरीज के पति से कहा जाता है की ऑपरेशन करना पड़ेगा ऑपरेशन करने के बाद जब बच्चा का स्वास्थ ठीक नही रहा तो उसे बगैर रेफर पेपर के बाहर भेज दिया जाता है जहां परिजन बच्चे को लेकर बस्ती और फिर गोरखपुर जाते हैं जहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो जाती है जच्चा का बयान कि मुझे लेबर रूम में मारा पीटा गया । और ऑपरेशन के कारण मेरे जिस्म का खून सब गिर चुका है । इतना नही तय पैसे से ज्यादा पैसे की मांग की जाती है और धमकी दी जाती है कि पैसा जमा करो नहीं तो ट्रीटमेंट रोक देंगे। जब इसपर सीएचसी बेवा के अधीक्षक से बात की गई तब उन्होंने कहा की अगर ऐसा है तो जांच करके करवाई की जाएगी। PUBLISH BY-MOHD ADNAN DURRANI     PUBLISH BY-MOHD ADNAN DURRANI

सिद्धार्थनगर-नर्सिंग होम में जिंदगी से खिलवाड़,मरीज ने लगाया मारपीट का आरोप_रिपोर्ट-संदीप पांडेय

 

 

 

जनपद सिद्धार्थनगर में प्राइवेट नर्सिंग होम पैसे के लिए जिंदगियों से खेल रहे हैं।यहां बगैर किसी डिग्री के अल्ट्रा साउंड किया जाता है और रिपोर्ट भी बनाई जाती है।बगैर किसी सुरक्षा का इंतजाम किए धड़ल्ले से सीजर ऑपरेशन किए जाते है । न ब्लड का इंतजाम, न ही किसी एंबुलेंस की व्यवस्था अब अगर जच्चा बच्चा को किसी इमरजेंसी में रेफर करना पड़े तो मरीज इलाज के अभाव में मर सकता
है मगर इलाज नहीं मिल सकता, पहले भी कई घटनाएं ऐसी हो चुकी हैं मगर जांच कभी सही नही होती कि यहां पे सारे अधिकारियों के नाक के नीचे यह सारे काम कैसे होते है ?
ताजा मामला डुमरियागंज में स्थित लाइफ केयर हॉस्पिटल का है जहां पे एक आदमी अपनी बीवी को भर्ती करता है उसे DR रूबी द्वारा नॉर्मल डिलीवरी का आश्वाशन दिया जाता है मगर 8 घंटे बाद मरीज के पति से कहा जाता है की ऑपरेशन करना पड़ेगा ऑपरेशन करने के बाद जब बच्चा का स्वास्थ ठीक नही रहा तो उसे बगैर रेफर पेपर के बाहर भेज दिया जाता है जहां परिजन बच्चे को लेकर बस्ती और फिर गोरखपुर जाते हैं जहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो जाती है जच्चा का बयान कि मुझे लेबर रूम में मारा पीटा गया । और ऑपरेशन के कारण मेरे जिस्म का खून सब गिर चुका है । इतना नही तय पैसे से ज्यादा पैसे की मांग की जाती है और धमकी दी जाती है कि पैसा जमा करो नहीं तो ट्रीटमेंट रोक देंगे।
जब इसपर सीएचसी बेवा के अधीक्षक से बात की गई तब उन्होंने कहा की अगर ऐसा है तो जांच करके करवाई की जाएगी।

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