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संतकबीरनगर-एक साथ तीन नौनिहालों का जब उठा जनाजा तो छलक पड़े सभी के आंसू - Satyamev Times Media Network.
सत्यमेव टाइम्स में आपका स्वागत है     संतकबीरनगर- कहा जाता है कि होनी को कोई टाल नहीं सकता है लेकिन जब होनी ऐसी हो जाए कि पूरे इलाके में गम का स्याह अंधेरा फैल जाए तो हर किसी की आंखें नम हो ही जाती हैं। अपने कलेजे के टुकडों को नहला-धुलाकर नये कपड़े पहनाकर मांओं ने कितने अरमानों से भेजा लेकिन कुदरत को कुछ और मंजूर था यह कोई नहीं जानता। अगर पता होता उनके लाल वापस नहीं आएगें तो उन्हें जाने ही नहीं देतीं। मंगलवार कुछ ऐसा ही हुआ दुधारा थानाक्षेत्र के दशावां में।जहां पर ईद मिलादुन्नबी के मौके पर जुलूस मोहम्मदी में ट्राली पर बैठकर शामिल होने जा लगभग दर्जन भर से अधिक नौनिहालों के साथ ट्राली पलट गई जिसपर सवार बच्चे गंभीररूप से घायल हो ।सभी बच्चे थानाक्षेत्र के बत्सी-बत्सा गांव के थे। जिन्हें फौरन दुधारा पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से जिला अस्पताल पहुंचाया जहां गंभीर हालत देखकर लगभग कुछ बच्चों को मेडिकल कालेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया जिसमें से तीन बच्चों की मौत हो गई ।सूचना पाकर डीएम.एसपी.समेत जनप्रतिनिधियों ने जिला अस्पताल पहुंचकर परिवारों को ढांढस बंधाया और समुचित इलाज की व्यवस्था कराई । जिसमें चार बच्चों का अभी भी गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है तो तीन बच्चे जिला अस्पताल खलीलाबाद में इलाजरत हैं।     जीवन भर सालता रहेगा इकलौते लाल के जाने का ग़म,कलेजे के टुकड़े के जाने से चकनाचूर हुए अरमान     हादसे में जान गंवाने वाला 13 वर्षीय मोहम्मद आरिफ पुत्र वाहिद अली जो मां-बाप का इकलौता लाडला लाल था अचानक इस दुनिया से रुखसत होने से विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है। दो 20 बहनों शबीना खातून तथा 17 वर्षीय आसमीन खातून अपने इकलौते भाई के जाने के गम में बदहवाश हैं तो मां बेचारी बेसुध पड़ी है ।लोग नमः आंखों से परिवार को ढांढस बधां रहे हैं। वहीं 14 वर्षीय मृतक सुल्तान पुत्र अजमल हुसेन चार भाई एक बहन में चौथे नंबर का था। मां आसिया खातून को अभी तक यकीन‌ ही नहीं हो रहा है कि उसका लाल अब इस दुनिया में नहीं है। वहीं तीसरे मृतक 14 वर्षीय तौसीफ के पिता की लगभग दस वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है तीन भाइयों में 22 वर्षीय तौफीक तथा 12 वर्षीय तौहीद में मृतक तौसीफ दूसरे नंबर पर था ।पिता के जाने के बाद मां वजीदुन्निशां ने हाड़तोड़ मेहनत और संघर्ष के बल पर बड़े अरमानों से पाला था और उम्मीद की बड़ा होकर बेटा बुढ़ापे की लाठी बनेगा लेकिन एक झटके में कुदरत ने लाठी ही तोड़ दी ।इस दर्दनाक हादसे के बाद पूरे इलाके में गम का माहौल है चारों तरफ सन्नाटा पसरा है। बत्सी-बत्सा गांव में सभी की आंखें नम हैं।     हादसे में घायल बच्चों का अभी हो रहा है इलाज,कुछ गोरखपुर के निजी अस्पताल तो कुछ जिला अस्पताल संतकबीरनगर में इलाजरत     लगभग 12 वर्षीय मोहम्मद कैफ पुत्र मोहम्मद बशीर तथा 12 वर्षीय मोहम्मद सैफ पुत्र नसीर अहमद को पैर में गहरा घाव होने के कारण जिला अस्पताल से मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया था जिन्हें मेडिकल कालेज से स्थिति खराब देख रेफर कर दिया गया जिनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।तो वहीं 12 वर्षीय अहमद फ़ैज़ पुत्र मोहम्मद खालिद जिसका पैर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है उसको मेडिकल कालेज गोरखपुर से रेफर कर दिया गया है और अब निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।इसी प्रकार मोहम्मद अरमान पुत्र जाहिद अली इसका पैर गंभीररूप से क्षतिग्रस्त हो गया है जिसको मेडिकल कालेज से रेफर कर दिया गया है इसका भी निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसी प्रकार अहमद कमर पुत्र मोहम्मद हारून तथा नौशाद अहमद पुत्र मोहम्मद उमर तथा गुलाम अली पुत्र स्व. अमीरूल्लाह का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनूसार अधिकतर बच्चों के पैरों में काफी गंभीर चोटें आईं हैं क्योंकि सभी के पैर ट्राली के नीचे आ गये थे।     परिजनों समेत स्थानीय लोगों ने की मदद की अपील गंभीररूप से घायल तथा अन्य घायल बच्चों के परिजनों को अब जनप्रतिनिधियों,प्रशानसन तथा सरकार से मदद की अपील है।तो वहीं स्थानीय निवासियों ने मदद की अपील की हैं ।ग्रामीणों के अनुसार परिजनों की आर्थिक स्थिति सही नहीं है और इलाज के खर्च में अक्षम है इसलिए ऐसे में परिजनों की मदद की जाए।       PUBLISH AND REPORT BY-MOHD ADNAN DURRANI

संतकबीरनगर-एक साथ तीन नौनिहालों का जब उठा जनाजा तो छलक पड़े सभी के आंसू

 

 

संतकबीरनगर- कहा जाता है कि होनी को कोई टाल नहीं सकता है लेकिन जब होनी ऐसी हो जाए कि पूरे इलाके में गम का स्याह अंधेरा फैल जाए तो हर किसी की आंखें नम हो ही जाती हैं। अपने कलेजे के टुकडों को नहला-धुलाकर नये कपड़े पहनाकर मांओं ने कितने अरमानों से भेजा लेकिन कुदरत को कुछ और मंजूर था यह कोई नहीं जानता। अगर पता होता उनके लाल वापस नहीं आएगें तो उन्हें जाने ही नहीं देतीं।
मंगलवार कुछ ऐसा ही हुआ दुधारा थानाक्षेत्र के दशावां में।जहां पर ईद मिलादुन्नबी के मौके पर जुलूस मोहम्मदी में ट्राली पर बैठकर शामिल होने जा लगभग दर्जन भर से अधिक नौनिहालों के साथ ट्राली पलट गई जिसपर सवार बच्चे गंभीररूप से घायल हो ।सभी बच्चे थानाक्षेत्र के बत्सी-बत्सा गांव के थे। जिन्हें फौरन दुधारा पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से जिला अस्पताल पहुंचाया जहां गंभीर हालत देखकर लगभग कुछ बच्चों को मेडिकल कालेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया जिसमें से तीन बच्चों की मौत हो गई ।सूचना पाकर डीएम.एसपी.समेत जनप्रतिनिधियों ने जिला अस्पताल पहुंचकर परिवारों को ढांढस बंधाया और समुचित इलाज की व्यवस्था कराई । जिसमें चार बच्चों का अभी भी गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है तो तीन बच्चे जिला अस्पताल खलीलाबाद में इलाजरत हैं।

 

 

जीवन भर सालता रहेगा इकलौते लाल के जाने का ग़म,कलेजे के टुकड़े के जाने से चकनाचूर हुए अरमान

 

 

हादसे में जान गंवाने वाला 13 वर्षीय मोहम्मद आरिफ पुत्र वाहिद अली जो मां-बाप का इकलौता लाडला लाल था अचानक इस दुनिया से रुखसत होने से विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है। दो 20 बहनों शबीना खातून तथा 17 वर्षीय आसमीन खातून अपने इकलौते भाई के जाने के गम में बदहवाश हैं तो मां बेचारी बेसुध पड़ी है ।लोग नमः आंखों से परिवार को ढांढस बधां रहे हैं।
वहीं 14 वर्षीय मृतक सुल्तान पुत्र अजमल हुसेन चार भाई एक बहन में चौथे नंबर का था। मां आसिया खातून को अभी तक यकीन‌ ही नहीं हो रहा है कि उसका लाल अब इस दुनिया में नहीं है।
वहीं तीसरे मृतक 14 वर्षीय तौसीफ के पिता की लगभग दस वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है तीन भाइयों में 22 वर्षीय तौफीक तथा 12 वर्षीय तौहीद में मृतक तौसीफ दूसरे नंबर पर था ।पिता के जाने के बाद मां वजीदुन्निशां ने हाड़तोड़ मेहनत और संघर्ष के बल पर बड़े अरमानों से पाला था और उम्मीद की बड़ा होकर बेटा बुढ़ापे की लाठी बनेगा लेकिन एक झटके में कुदरत ने लाठी ही तोड़ दी ।इस दर्दनाक हादसे के बाद पूरे इलाके में गम का माहौल है चारों तरफ सन्नाटा पसरा है। बत्सी-बत्सा गांव में सभी की आंखें नम हैं।

 

 

हादसे में घायल बच्चों का अभी हो रहा है इलाज,कुछ गोरखपुर के निजी अस्पताल तो कुछ जिला अस्पताल संतकबीरनगर में इलाजरत

 

 

लगभग 12 वर्षीय मोहम्मद कैफ पुत्र मोहम्मद बशीर तथा 12 वर्षीय मोहम्मद सैफ पुत्र नसीर अहमद को पैर में गहरा घाव होने के कारण जिला अस्पताल से मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया था जिन्हें मेडिकल कालेज से स्थिति खराब देख रेफर कर दिया गया जिनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।तो वहीं 12 वर्षीय अहमद फ़ैज़ पुत्र मोहम्मद खालिद जिसका पैर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है उसको मेडिकल कालेज गोरखपुर से रेफर कर दिया गया है और अब निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।इसी प्रकार मोहम्मद अरमान पुत्र जाहिद अली इसका पैर गंभीररूप से क्षतिग्रस्त हो गया है जिसको मेडिकल कालेज से रेफर कर दिया गया है इसका भी निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इसी प्रकार अहमद कमर पुत्र मोहम्मद हारून तथा नौशाद अहमद पुत्र मोहम्मद उमर तथा गुलाम अली पुत्र स्व. अमीरूल्लाह का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनूसार अधिकतर बच्चों के पैरों में काफी गंभीर चोटें आईं हैं क्योंकि सभी के पैर ट्राली के नीचे आ गये थे।

 

 

परिजनों समेत स्थानीय लोगों ने की मदद की अपील

गंभीररूप से घायल तथा अन्य घायल बच्चों के परिजनों को अब जनप्रतिनिधियों,प्रशानसन तथा सरकार से मदद की अपील है।तो वहीं स्थानीय निवासियों ने मदद की अपील की हैं ।ग्रामीणों के अनुसार परिजनों की आर्थिक स्थिति सही नहीं है और इलाज के खर्च में अक्षम है इसलिए ऐसे में परिजनों की मदद की जाए।

 

 

 

PUBLISH AND REPORT BY-MOHD ADNAN DURRANI

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